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    Home»Uncategorized»‌‌‌भारत में बेरोजगारी के 16 कारण‌‌‌ ललू पंजू सबको पता होना चाहिए
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    ‌‌‌भारत में बेरोजगारी के 16 कारण‌‌‌ ललू पंजू सबको पता होना चाहिए

    arif khanBy arif khanJanuary 21, 2024No Comments11 Mins Read
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    बेरोजगारी के कारण बताइए दोस्तों बेरोजगारी आमतौर पर आजकल बहुत अधिक बढ़ गया है। इसल मे बेरोजगारी का मतलब होता है कि कोई काम  करने के इच्छुक है। मगर उसके बाद भी उसे काम नहीं मिल पा रहा है। उसको बेरोजगार कहा जाता है। वर्तमान संदर्भ मे यदि आप देखेंगे , तो आपको यह पता चलेगा , कि अधिकतर लोगों के पास किसी भी तरह का कोई रोजगार उपलब्ध नहीं है। और भारत के अंदर पढ़ाई तो इस तरह की कराई जा रही है , कि रियल लाइफ से उसका कोई लेना देना नहीं है। आप इस बात को समझ सकते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर शिक्षा भी बेरोजगारी को बढ़ाने का काम करती है। यदि कोई आप इस तरह की शिक्षा ले रहे हैं , जोकि भविष्य के अंदर काम नहीं आएगी , तो यह किसी काम की नहीं है। हर इंसान को हमेशा उसी तरह की शिक्षा लेनी चाहिए , जोकि भविष्य के अंदर काम आए । और उसकी मदद से वह अच्छा पैसा कमा सके ।

    बेरोजगारी के कारण के बारे मे हम बात करने वाले हैं। इससे पहले बेरोजगारी के प्रकार के बारे मे बात कर लेते हैं , जिससे कि आपको चीजों को समझने मे थोड़ी आसानी रहे ।

    Table of Contents

    • प्रच्छन्न (Disguised) बेरोजगारी
    • संरचनात्मक (Structural) बेरोजगारी
    • चक्रीय (Cyclical) बेरोजगारी
    • तकनीकी (Technological)
    • बेरोजगारी के कारण Bharat mein berojgari ke karan
    • मशीनीकरण
    • सरकारी नौकरी पाने की मानसिकता है
    • जनसंख्या वृद्धि
    • कौशल का अभाव
    • औद्योगिक विकास मे कमी
    • कृषि पर निर्भरता
    • परम्परागत तरीके से खेती
    • घूसखोरी और कमीशन
    • घटिया और बेकार शिक्षा प्रणाली
    • पूंजी की कमी होना
    • नशे की लत का होना

    प्रच्छन्न (Disguised) बेरोजगारी

    यदि किसी क्षेत्र के अंदर आवश्यकता से अधिक कर्मचारी कार्यरत रहते हैं , तो इसको प्रच्छन्न (Disguised) बेरोजगारी के नाम से जाना जाता है। जैसे कि भारत के अंदर आप कृषि क्षेत्र के अंदर देख सकते हैं। इस तरह की बेरोजगारी आपको देखने को मिलती है।

    संरचनात्मक (Structural) बेरोजगारी

    भारत में बेरोजगारी के कारण‌‌‌

    कुछ लोग इस प्रकार के होते हैं। जिनके पास काम तो उपलब्ध होता है। मगर उसके बाद भी उनके पास आवश्यक कौसल की कमी होती है। जिसके चलते वे एक अच्छी नौकरी को हाशिल नहीं कर सकते हैं। इसको संरचनात्मक बेरोजगारी के नाम से जाना जाता है।

    चक्रीय (Cyclical) बेरोजगारी

    जैसे कि किसी देश की अर्थव्यवस्था के अंदर मंदी चल रही है। तो वहां पर रोजगार के अवसर घट जाते हैं। और जैसे ही तेजी आती है। वैसे ही रोजगार के अवसर बढ़ जाते हैं। इसको च​क्रीय बेरोजगारी के नाम से जाना जाता है।

    तकनीकी (Technological)

    जैसा कि हम सभी को पता है , जैसे जैसे तकनीकी का विकास होता है। वैसे वैसे रोजगार के अवसरों के अंदर कमी आ जाती है। क्योंकि सारे काम तो मशीने करने लग जाती हैं , तो इंसान के पास कुछ करने को बचता नहीं है। जैसा कि आप सभी को पता ही है ,कि वर्तमान मे एआई आ चुका है। वह आपको लिखकर भी देता है , और आपकी जानकारी चुराकर आपको ही मात दे रहा है। आपके लिए फोटो भी बनाकर देता है। इसकी वजह से कई सारे लेखक और क्रियटर बेरोजगार हो चुके हैं।हालांकि एआई के उपर कोई नियम और रेगुलेशन नहीं है।

    बेरोजगारी के कारण Bharat mein berojgari ke karan

    दोस्तों अब तक हमने बेरोजगारी की परिभाषा के बारे मे और उसके प्रकार के बारे मे जाना । अब हम यह जानने का प्रयास करते हैं , कि बेरोजगारी के कारण क्या हैं ? जिससे कि आपको पता चलेगा कि किन किन वजहों से भारत के अंदर बेरोजगारी बढ़ रही है।

    मशीनीकरण

    मशीनीकरण की वजह से भी बेरोजगारी काफी तेजी से बढ़ रही है। यह सिर्फ भारत की ही बात नहीं है। विदेशों के अंदर भी यही हो रहा है। मशीनीकरण के अंदर जैसे कि आप गूगल को ले सकते हैं। गूगल ने लाखों क्रियटर का डेटा लेकर अपने फायदे के लिए एआई बना दिया । और अब बेचारे क्रियटर गूगल पर निर्भर होने की वजह से कुछ कर नहीं सकते हैं। तो इसी तरह से पहले जो काम इंसान करते थे , अब वे मशीनों से होने लगे हैं। जैसे कि पहले लोग माल को ढोने के लिए घोड़े गाड़ी का प्रयोग करते थे , आज पिकअप और ट्रक का प्रयोग कर रहे हैं। इसी तरह से रोबाट सब कुछ कर रहे हैं। इसकी वजह से धीरे धीरे बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है।

    आने वाले दिनों मे और अधिक मशीनीकरण होगा । और उसकी वजह से बेरोजगारी और अधिक तेजी से बढ़ेगी । बाद मे सिर्फ कुछ कर्मचारियों को ही काम पर रखा जाएगा ।

    सरकारी नौकरी पाने की मानसिकता है

    भारत के अंदर सरकारी नौकरी का प्रचलन बहुत ही अधिक हो चुका है। हर कोई जब स्कूल के अदंर पढ़ने के लिए जाता है , तो वह यही सोच कर जाता है , कि उसे सरकारी नौकरी मिलेगी । और वह सरकारी नौकरी के लिए प्रयास भी करता है , मगर सफलता नहीं मिलती है। फिर छोटे मोटे काम वह कर नहीं पाता है। और दुखी होता रहता है। यह भी एक तरह की बेरोजगारी है। हर कोई इंसान जब एक ही चीज सोचेगा तो यह कैसे होगा , इस मानसिकता की वजह से बहुत सारे लोग बेरोजगार बैठे हैं। सरकारी नौकरी उनकी लग नहीं रही है , और काम वे करना नहीं चाहते हैं , तो ऐसी स्थिति के अंदर उनके पास सरकार को कोसने के अलावा और कोई चारा नहीं रहता है। हालांकि जो इंसान इस मानसिकता के साथ चिपका नहीं रहता है , वह इंसान कुछ ना कुछ काम को सीख लेता है , और कम से कम बेरोजगार तो नहीं रहता है ना ।

    जनसंख्या वृद्धि

    भारत के अंदर बेरोजगारी का एक बड़ा कारण जनसंख्या के अंदर बढ़ोतरी है। हम लोग 33 करोड़ से पार जा चुके हैं। जनसंख्या का बढ़ना काफी तेज गति से जारी है। और आपको पता ही है , कि संसाधन काफी सीमित हैं। और उनके उपर बहुत अधिक दबाव बढ़ जाता है। जिसकी वजह से महंगाई के अंदर बढ़ोतरी होती है। जनसंख्या मे बढ़ोतरी होना कोई अच्छी बात नहीं है। इतने लोगों को सरकार चाहे किसी की भी क्योंना हो , वह रोजगार नहीं दे पाएगी । बहुत से लोग कहते हैं , कि सरकार रोजगार दे , मगर वही लोग जब 10 बच्चे या फिर 100 बच्चे करते हैं , तो सरकार से पूछते हैं क्या , इतने बच्चे यदि होंगे , तो रोजगार नहीं मिल पाएगा । हर जगह पर जीवन संघर्ष पैदा हो जाएगा । एक बेहतर जीवन के लिए जनसंख्या का कम होना काफी अधिक जरूरी होता है।

    जनसंख्या के अंदर बढ़ोतरी होने की वजह से प्राइवेट सेक्टर के अंदर भी बहुत अधिक भीड़ बढ़ जाएगी । और इसकी वजह से प्राइवेट बिजनेस भी प्रतिस्पर्धा का मुकाबला नहीं कर पाएंगे । जिससे कि समस्या होगी । और बेरोजगारी बढ़ेगी ।

    कौशल का अभाव

    भारत में बेरोजगारी के कारण‌‌‌

    आजकल युवा पढ़ लिख तो बहुत अधिक रहे हैं , मगर उनके अंदर कौशल का अभाव बना हुआ है। कौशल उसके अंदर कुछ नहीं है। एक दिन हमारे पास एक लड़का जोकि अपना जानकार था , आया और कहा कि वह 20 हजार महिना से कम की नौकरी नहीं करना चाहता है। लेकिन जब हमने उससे यह पूछा कि तुझे आता क्या है ? तो उसके पास कोई जवाब नहीं था । असल मे बहुत से लोगों को लगता है , कि रोड़ पर खड़े होकर पानी पूरी बेचना काफी आसान है। मगर यह आसान नहीं है। इस काम को भी हर कोई नहीं कर सकता है। इसके लिए भी कौशल की जरूरत होती है। इसलिए ही तो कहा जाता है , कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। सारे काम बराबर  होते हैं। खैर भारत के अंदर बेरोजगारी के अधिक होने का कारण कौशल की कमी होना भी बहुत हद तक माना जा सकता है।

    स्कूल और कॉलेज मे इस तरह का कोई भी कौशल नहीं सीखाया जाता है , कि जीवन मे किस तरह से क्या करना है। किताबी ज्ञान का रियल लाइफ से कोई खास लेना देना नहीं होता है।

    औद्योगिक विकास मे कमी

    वैसे तो हमारे यहां पर सभी सरकारी नौकरी को ही चाहते हैं। मगर ऐसा संभव नहीं हो सकता है , कि सभी को सरकारी नौकरी मिल जाए । यह कोई साउदी अरेबिया नहीं है। कि यहां पर तेल और सोने के भंडार हैं। इसलिए नौकरी के लिए औधोगिक विकास होना जरूरी है। शहर के अंदर उधोग धंधे उतने अधिक नहीं हैं। कुछ शहरों मे तो हैं ही नहीं ऐसी स्थिति के अंदर बेरोजगारी तो बढ़ेगी ही । सरकार को चाहिए कि आस पास औधोगिक क्षेत्रों का​ विकास करें । जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके । औद्योगिक क्षेत्रों के लिए सरकार ने प्रयास कियें हैं। लेकिन अधिकतर औद्योग लंबे समय तक चल नहीं पाते हैं। और बाद मे वे बंद हो जाते हैं।

    कृषि पर निर्भरता

    कृषि पर अधिक निर्भरता भी बेरोजगारी का कारण बनता है। कृषि प्रधान देश होने की वजह से अपने यहां पर हर कोई खेती ही करता है। इसके अंदर कोई शक नहीं है। लेकिन असल मे खेती के अंदर जैसे 2 आदमी की जरूरत होती है। वहां पर 4 लगे रहते हैं। इस तरह की बेरोजगारी को अक्सर छुपी हुई बेरोजगारी कहा जाता है। उन दो इंसानों के पास और कोई काम नहीं होता है। इसकी वजह से वे बस कृषि के कार्यों के अंदर मदद करने लग जाते हैं।

    परम्परागत तरीके से खेती

    दोस्तों खेती को यदि परम्परागत तरीके से किया जाता है , तो इससे ​कोई खास फायदा नहीं उठाया जा सकता है। और रोजगार की संभावनाएं कम हो जाती है। क्योंकि इस तरीके से लाभ नहीं हो पाता है , तो किसान मजदूर भी नहीं रख पाता है। बहुत कम किसान मुनाफे वाली खेती करते हैं। अधिकतर केस के अंदर किसानों को खेती के अंदर नुकसान ही होता है।

    अक्सर आपने देखा होगा , कि कुछ किसान आधुनिक तरीके से खेती करते हैं। और कम मुनाफे वाले खेती को छोड़ चुके हैं। ऐसी स्थिति के अंदर वे अच्छा पैसा तो कमा ही रहे हैं। इसके अलावा उनके पास बहुत सारे लोग काम भी कर रहे हैं। क्योंकि अच्छा मुनाफा होता है , तो रोजगार देने मे उनको समस्या नहीं होती है।

    घूसखोरी और कमीशन

    बेरोजगारी का बड़ा कारण घूसखोरी को भी आप ले सकते हैं। जैसे कि आप कोई बिजनेस करना चाहते हैं , तो इसके लिए आपको बहुत अधिक घूस सरकारी कर्मचारियों को देनी पड़ेगी । इसकी वजह से कोई भी आम इंसान इतनी आसानी से कोई बिजनेस नहीं कर सकता है। घूसखोरी और भष्टाचार इतना अधिक बढ़ चुका है। कि यह आम जनता का खून चूस रहा है। अधिकारी अपना घर भरने के अंदर लगे हुए हैं। जैसे कि आप एक ड्राइवर बनते हैं , तो बिना बात के आपसे पैसों की अक्सर पुलिस वाले लूट करते हैं। तो इसकी वजह से भी लोगों के अंदर एक डर बैठ जाता है। और रोजगार करने मे परेशानी होती है। इसी तरह से आप छोटा मोटा बिजनेस जिसके अंदर सरकारी अनुमति लेनी होती है , को करते हैं , तो पहले पैसा खिलाना होता है।

    घटिया और बेकार शिक्षा प्रणाली

    दोस्तों देश के अंदर बेरोजगारी का जो सबसे बड़ा कारण होता है , वह घटिया और बेकार शिक्षा प्रणाली का भी होता है। इसके अंदर कोई शक नहीं है। आपको इस तरह की शिक्षा प्रदान की जाती है , जिसका रोजगार से कोई मतलब नहीं होता है। किताबों के अंदर जो पढ़ाया जाता है , वह सब कुछ कचरा होता है। यदि हम अपनी बात करें , तो हमने भी पढ़ाई की लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हुआ । फिर शेयर बाजार मे इंटर किया । खुद चीजों को सीखा । इस तरह से यदि आप भी बेकार की शिक्षा प्रणाली के चक्कर मे फंसेगे तो आपका कभी भी फायदा नहीं हो सकेगा ।

    पूंजी की कमी होना

    ऐसे बहुत सारे लोग हैं , जोकि बिजनेस तो करना चाहते हैं। और उनके पास अच्छे बिजनेस आइ​डिया हो सकते हैं। मगर समस्या यह है , कि उन बिजनेस को करने के लिए उनके पास पैसा नहीं है। और ऐसी स्थिति के अंदर वे बस बेरोजगार बने हुए हैं। आप इस बात को समझ सकते हैं। भारत के अंदर बहुत सारे गरीब लोग इस वजह से बिजनेस नहीं कर पाते हैं। क्योंकि उनके पास धन नहीं होता है। यदि आप एक पानी पूरी बेचने का काम भी करेंगे , तो इसके लिए आपको पहले पैसा खर्च करना होगा ।

    नशे की लत का होना

    भारत के अंदर शराबी का हाल तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। बहुत सारे लोगों के पास इसलिए रोजगार नहीं है , क्योंकि वे शराबी होते हैं। और कुछ दिन उनको काम मिलता है ,उसके बाद फिर से उनको काम से निकाल दिया जाता है । क्योंकि अपनी शराब की लत के चलते वे काम को ठीक तरह से कर नहीं पाते हैं। ऐसे बहुत सारे लोग हमने देखें हैं , जोकि अपनी शराब की लत के चलते घर मे बैठे हुए हैं , काम नहीं करते हैं।

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