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मकर सक्रांति क्यों मनाते है ? मकर सक्रांति का वैज्ञानिक महत्व क्या है?

दोस्तों मकर सक्रांति हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है । यह पूरे भारत के अंदर किसी ना किसी रूप मे मनाया जाता है। यह पर्व तब मनाया जाता है। जब सूर्य मकर राशी के अंदर प्रवेश करता है। यह जनवरी माह के 14 वे 15 दिन पड़ता है। ‌‌‌इस दिन सूर्य धनु राशी को छोड़कर मकर राशी के अंदर प्रवेश करता है। तमिलनाडू के अंदर इसको पोंगल के रूप मे मनाते हैं तो वहीं आंध्रप्रदेस कर्नाटक और राजस्थान के अंदर इसको मकर सक्रांति के रूप मे ही मनाया जाता है। ‌‌‌इस लेख के अंदर हम बात करने वाले हैं कि मकर सक्रांति क्यों मनाई जाती है ? और इसका वैज्ञानिक रूप से क्या महत्व है ?

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‌‌‌दान और धर्म के लिए मकर सक्रांति मनाई जाती है।

मकर सक्रांति  पर कई जगह पर दान और धर्म का बड़ा महत्व है। नेपाल के अंदर लोग तीर्थस्थलों पर स्नान आदि करने के बाद यथासंभव दान देते हैं।उत्तर प्रदेश के अंदर भी मकर सक्रांति पर स्नान आदि किये जाते हैं। ‌‌‌उसके बाद पूज्य व्यक्तियों को दान भी दिया जाता है। बिहार के अंदर मकर सक्रांति पर उड़द, चावल, तिल, चिवड़ा, गौ, स्वर्ण, ऊनी वस्त्र, कम्बल  आदि दान करने की परम्परा है।राजस्थान के अंदर भी सुहागिन महिलाएं दान करती हैं। ‌‌‌कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि मकर सक्रांति लोगों के अंदर दानशीलता को बढ़ाने का काम करती है। और लोगों के अंदर दानशीलता की प्रव्रति को बनाए रखने के लिए भी मकर सक्रांति मनाई जाती है।

‌‌‌मकर सक्रांति आपसी प्रेम का प्रतीक है

मकर सक्रांति मनाने के पीछे आपसी प्रेम और भाई चारे को बढ़ावा देना भी है।महाराष्ट्र के अंदर सुहागिन महिलाएं तिल और गुड दूसरी महिलाओं को बांटती हैं। और बोलती हैं कि तिल गुड़ लो और मीठा-मीठा बोलो। पंजाब और हरियाणा के अंदर लोग रेवडी और गजक को बांटकर आपस मे ‌‌‌खुशियां मनाते हैं। यह कहा जा सकता है कि मकर सक्रांति पर्व पर लोग एक दूसरे से जुड़ते हैं और एक दूसरे को कुछ ना कुछ ले देकर आपस मे प्रेम और भाई चारा बढ़ाते हैं। ‌‌‌इसके अलावा मकर सक्रांति पर लोग आपस मे एक दूसरे को बधाई संदेश या मोबाइल से मैसेज भेजते हैं वे एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं। इससे भी भाई चारा और प्रेम बढ़ता है।

‌‌‌पुण्य और मोक्ष प्राप्ति के लिए

आमतौर पर मकर सक्रांति के मानने के पीछे धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। नेपाल सरकार मकर सक्रांति पर सर्वाजनिक अवकाश करती है। इस दिन यहां पर नदी के अंदर स्नान का बहुत महत्व है। नदी के अंदर स्नान करने से बहुत अधिक पुण्य प्राप्त होता है। और इस दिन दिये ‌‌‌गए दान से मोक्ष की प्राप्ती होती है। ऐसा माना जाता है। उत्तर प्रदेश के अंदर भी इस दिन काफी लोग गांगा यमुना और सरस्वती नदी के संगम पर स्नान करते हैं। और इस दिन दान देने की परम्परा है। ‌‌‌कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि लोग यह विश्वास करते हैं कि इस दिन स्नान करने और दान करने से मोक्ष प्राप्त होगा इस वजह से मकर सक्रांति को मनाते हैं।

‌‌‌मकर सक्रांति चेतनता एवं कार्य शक्ति का प्रतीक है

भारत उत्तरी गोलार्ध के अंदर स्थिति है। और मकर सक्रांति से पूर्व सूर्य दक्षिण गोलार्ध के अंदर होता है। इस दिन के बाद सूर्य उत्तरी गोलार्ध के अंदर आना शूरू हो जाता है। जिससे दिन बड़े और रात छोटी होने लगती हैं। जोकि चेतनता और शक्ति प्रतीक ‌‌‌है। सूर्य के उत्तरी गोलार्ध की तरफ आने से अंधकार दूर होता है। और प्रकाश फैलता है। इस वजह से मकर सक्रांति सूर्य पूजा के रूप मे मनाई जाती है।

‌‌‌मकर सक्रांति का इतिहासिक महत्व

ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान भास्कर अपने पूत्र शनी से मिलने उनके घर जाते हैं। और शनी मकर राशी के स्वामी हैं। इस वजह से मकर सक्रांति मनाई जाती है। इसके अलाव इसी दिन गंगाजी भागिरथ जी के पीछे जाकर सागर मे मिल गई थी। और इसी दिन ही भिष्म पितामाह ने ‌‌‌अपनी देह त्यागी थी।

प्रकृति पूजा के लिए

मकर सक्रांति के दिन सूर्य की पूजा की जाती है। और लोग सूर्य को एक देवता की भांति मानकर पूजते हैं। प्रकृति पूजा के लिए मकर सक्रांति मनाई जाती है। सही भी है कि सूर्य के बिना इस धरती पर जीवन होने की कल्पना नहीं की जा सकती लोग मकर सक्रांति मनाकर सूर्य के प्रति अपनी क्रतज्ञता प्रकट करते हैं।

पवित्र गंगा नदी का धरती पर आगमन के रूप मे

मकर सक्रांति के दिन ही नदी गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इस वजह से भी मकर सक्रांति मनाई जाती है। लोग इस दिन पवित्र नदी के अंदर स्नान करते हैं। और एक तरह से  इस दिन स्नान करने से लोगकों को जन्म मरण से मुक्ति मिलती है।

‌‌‌मकर सक्रांति का वैज्ञानिक महत्व

हिंदुओं के अन्य वैज्ञानिक त्योंहारों की तरह मकर सक्रांति का भी अपना वैज्ञानिक महत्व है। मकर सक्रांति मनाने के पीछे जहां धार्मिक महत्व अधिक है तो इसके पीछे वैज्ञानिक महत्व को भी हम आपको बता रहे हैं। आइए जानते हैं ‌‌‌मकर सक्रांति का वैज्ञानिक महत्व।

‌‌‌नदी मे स्नान करना फायदेमंद

आपको बतादें कि मकर सक्रांति के दिन नदी के अंदर स्नान करने से काफी फायदा मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन नदियों के अंदर वाष्पन की दर तेज हो जाती है। और नदी के अंदर स्नान करने से अनेक रोग दूर हो जाते हैं। इस वजह से इस दिन नदी मे स्नान करने का भी विशेष महत्व है।

‌‌‌‌‌‌मकर सक्रांति का वैज्ञानिक महत्व खिचड़ी खाना फायदे मंद

खिचड़ी हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छी रहती है। और विशेष प्रकार से बनाई गई खिचड़ी हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है। और शरीर को रोगग्रस्त होने से बचाती है। कुल मिलाकर यह रोगों से लड़ने मे मदद करती है।और मकर सक्रांति के दिन खिचड़ी खाने का चलन है।

‌‌‌तिल और गुड़ का सेवन लाभदायक

मकर सक्रांति के दिन लोग तिल और गुड़ का सेवन करते हैं। और सर्दी के मौसम मे तिल और गुड़ा का सेवन बहुत अच्छा रहता है। गुड़ हमारे शरीर के अंदर गर्मी बनाए रखने मे मदद करता है। और तिल के सेवन से उर्जा मिलती है। इस वजह से भी मकर सक्रांति का महत्व है।

‌‌‌प्रकाश के महत्व के रूप मे

मकर सक्रांति से पहले रात बड़ी होती है। लेकिन इस दिन के बाद रात छोटी होने लगती है। और इस वजह से इस त्यौहार को एक तरह से प्रकाश के प्रतीक के रूप मे मनाया जाता है। मकर सक्रांति प्रकाश के महत्व को दर्शाती है। और कार्यक्षमता के अंदर बढोतरी और अंधकार पर विजय का संकेत है।

‌‌‌मकर सक्रांति का वैज्ञानिक महत्व अच्छे दिनों की शुरुआत के रूप मे

मकर सक्रांति के दिन से ही सूर्य उत्तरी गोलार्ध के अंदर आना शूरू हो जाता है। इस दिन को लोग अच्छे दिन के रूप मे देखते हैं। और ऐसा मानते हैं कि इस दिन से ही प्रथ्वी पर अच्छे दिनों की शूरू आत होती है। और लोग अच्छे काम करने की कोशिश करते हैं। खुद के अंदर बदलाव ‌‌‌लाने की कोशिश करते हैं। ‌‌‌इसी वजह से दान धर्म करते हैं। दान करना एक तरह से गरीब लोगों की सहायता करना है। इस वजह से भी इस दिन का वैज्ञानिक महत्व है।

‌‌‌‌‌‌मकर सक्रांति का वैज्ञानिक महत्व आनन्द उठाने के लिए

वैज्ञानिकों के अनुसार इंसानों को प्रतिदिन कुछ समय हमेशा खुशी और आनन्द उठाने के लिए भी खर्च करना चाहिए। इसके अनेक फायदे भी हैं। जैसे जब आप खुश होते हैं और अपने मन पसंद काम करते हैं। आनन्द लेते हैं तो हमारा दिमाग फ्रेस होता है और ‌‌‌दिमाग पर तनाव कम होता है। हम खुद को हल्का महसूस करते हैं। वैसे भी आज की वयस्थ जीवनशैली के अंदर खुशी जाहिर करने के एक मात्र तरीके त्यौहार ही बचे हैं।

‌‌‌मक्के की रोटी और सरसों का साग

पंजाब और हरियाणा के अंदर इस अवसर पर मक्के की रोटी और सरसों का साग बनाया जाता है। सरसों का साग बहुत फायदे मंद होता है। यह पाचन क्रिया को अच्छा करता है। इसके अलावा यह हडियों के लिए फायदे मंद होता है।फेफड़ों को स्वस्थ रखता है। ‌‌‌मक्के की रोटी भी काफी फायदे मंद होती है। यह रक्तवर्धक होती है।

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This post was last modified on December 31, 2018

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