Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    cool thoughtscool thoughts
    • Home
    • Privacy Policy
    • About us
    • Contact Us
    Facebook X (Twitter) Instagram
    SUBSCRIBE
    • Home
    • Tech
    • Real Estate
    • Law
    • Finance
    • Fashion
    • Education
    • Automotive
    • Beauty Tips
    • Travel
    • Food
    • News
    cool thoughtscool thoughts
    Home»mind memory»पॉलीग्राफ या लाई डिटेक्टर टेस्ट क्या है the lie detector
    mind memory

    पॉलीग्राफ या लाई डिटेक्टर टेस्ट क्या है the lie detector

    arif khanBy arif khanMarch 9, 2024Updated:March 9, 2024No Comments13 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Reddit WhatsApp Email
    या लाई डिटेक्टर टेस्ट क्या है
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest WhatsApp Email

    पॉलीग्राफ या लाई डिटेक्टर टेस्ट क्या है  ।पॉलीग्राफ टेस्ट इन इंडिया लाई डिटेक्टर टेस्ट क्या है लाई डिटेक्टर मशीन के बारे मे हम इस लेख मे विस्तार से जानेंगे यह एक ऐसी ‌‌‌मशीन है जिसका प्रयोग झूठ को पकड़े मे किया जाता रहा है।ज्यादातर इसका प्रयोग किसी अपराधी से सच उगलवाने मे किया जाता है।हांलाकि भारत के सुर्पिम कोर्ट ने इसकी अनुमती नहीं दी है।

     कोर्ट ने कहा है कि पॉलिग्राफिक का प्रयोग किसी व्यक्ति की इच्छा ‌‌‌के विरूद्व नहीं किया जा सकता । यह ‌‌‌मशीन है और इसकी भी अपनी सीमाएं हैं। पॉलिग्राफिक का कई जगह पर सफल प्रयोग भी किया जा चुका है लेकिन कई ऐसी घटनाएं भी सामने आई हैं जिसमे कि वह अपराधी का झुठ पकड़ने मे कामयाब नहीं हुई है।

    पॉलिग्राफ टेस्ट के अंदर यह पता लगाने के लिए कि व्यक्ति झूठ बोल रहा है या सच बोल रहा है? कई तत्वों को मेजर किया जाता है। जैसे व्यक्ति की हर्ट रेट उसका ब्लड प्रेशर और श्वसन दर व मनौवेज्ञानिक परिवर्तन । इन सभी को एक ग्राफ के द्वारा मसीने रिप्रजेंट करती हैं।

    ‌‌‌और जब व्यक्ति झूठ बोलता है तो इन फेक्टर्स के अंदर बदलाव होते हैं। जिसके आधार पर यह तय किया जाता है कि व्यक्ति कुछ झूठ बोल रहा है।एड्रेनालाईन हार्मोन की वजह से व्यक्ति की बोड़ी के अंदर परिवर्तन आ जाते हैं। जिसको रिकार्ड किया जाता है।

    अमेरिकी फेडरल एजेंसियों में, पॉलीग्राफ टेस्ट को “मनोवैज्ञानिक जांच का धोखे” या पीडीडी परीक्षा।एक के रूप में जाना जाता है  कोई भी भारतीय कानून नहीं है जो पॉलीग्राफ को परिभाषित करता है, पॉलीग्राफ

    यूनानी शब्द ‘पाली’ / ‘कई’ और ‘से बचना / लिखना’ से प्राप्त होता है

    आधुनिक पॉलीग्राफ़ रिकॉर्डिंग कम्प्यूटरीकृत हो गई है । यह मशीन जब अपराधी का पॉलिग्राफिक टेस्ट किया जाता है तो उसके सारे डेटा को एक साथ ही रिकोर्ड कर लेती है। जैसे उसकी हर्ट रेट और श्वसन गति वैगरह को । उसके बाद सारे डेटा को प्रिंट भी किया जाता है।

    Table of Contents

    • History of the Polygraph Test
    • ‌‌‌कैसे काम करता है पॉलिग्राफिक
    • ‌‌‌यह तकनीक झूठ पकड़ने का संकेत मात्र है
      • ‌‌‌अपने आप को सामान्य रखके
      • ‌‌‌खुद को द्रढ रखकर
    • ‌‌‌पॉलिग्राफ या लाई डिटेक्टर टेस्ट इंडिया मे कैसे कराएं
    •  lie detector machine
    • house लाई डिटेक्टर
    • फीचर्समेडिटेक पॉलीग्राफ्रेकॉर्डर
    • polarity  D machine
    • Polygraph Machine small
    •  लाई डिटेक्टर टेस्ट के प्रयोग ‌‌‌ ‌‌‌के  मसहूर केस
      • ‌‌‌नजीब अहमद लाई डिटेक्टर टेस्ट
    • ‌‌‌पठानकोट आतंकी हमला लाई डिटेक्टर टेस्ट
    • इस तरह से अपराधी चकमा देते हैं पॉलीग्राफ टेस्ट को

    History of the Polygraph Test

    Polygraph Test के बारे मे सबसे पहले एक ब्रिटिस निबंध के अंदर वर्णन मिलता है।1730 में, ब्रिटिश उपन्यासकार डैनियलडिफो ने एक निबंध लिखा “An Effectual Scheme for the Immediate Preventing of

    Street Robberies and suppressing all Other Disorders of the Night,”

    ‌‌‌इस निंबध के अंदर उसने टेस्ट के बारे मे थोड़ा बहुत विचार किया था ।

    • 1878 में,इतालवी फिजियोलॉजिस्ट एंजेलो मोसो सत्य का पता लगाने के लिए एक उपकरण का इस्तेमाल किया उसके बाद इस पर कई बार रिसर्च हुआ । और इसमे निरंतर सुधार होता रहा ।
    • ‌‌‌सन 1921 के अंदर जॉन लार्सन ने इसमे श्वसन दर को मेजर करना भी जोड़ा ।1 9 3 9 में, लियोनार्ड केलर, में से एक
    • फोरेंसिक विज्ञान के संस्थापक पिता, त्वचा प्रवाहकत्त्व और एक प्रवर्धक जोड़ा,
    • 18 9 5 में, लोमब्रोसो, जिसे क्रिमिनोलॉजी के संस्थापक पिता के रूप में जाना जाता है, उसने इसमे ब्लड प्रेसर नापने ‌‌‌के लिए जोड़ा

    ‌‌‌कैसे काम करता है पॉलिग्राफिक

    इसका काम करने का सीधा सा फंडा है। जिस व्यक्ति झूठ पकड़ना होता है। उस व्यक्ति के शरीर से इस ‌‌‌मशीन को जोड़ दिया जाता है। उसी हर्ट रेट ब्लड प्रेसर और ब्रेन सिग्नल को देखा जाता है।

    और उसके बाद प्रश्नकर्ता प्रश्न पूछता है। यदि व्यक्ति झुठ बोलता है तो उस ‌‌‌के ब्रेन से एक विशेष प्रकार का सिग्नल निकलता है। और यदि सच बोलता है। तो अलग प्रकार का सिग्नल निकलता है। क्योंकि इस ‌‌‌मशीन का प्रयोग ज्यादातर अपराधी को पकड़ने मे किया जाता है। जब पुलिस अपराधी को किसी स्थान के बारे मे पूछती है और यदि वह सच बोलता है तो उसके ब्रेन सिग्नल कम्पयूटर ‌‌‌के अंदर रिकोर्ड हो जाते हैं।

     और सामान्यत ब्लड प्रेसर कम रहता है। और हर्ट की धड़कन भी कम रहती है। इन सभी डेटाओं के आधार पर यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है। या झूठ।

    ‌‌‌आमतौर पर जब कोई किसी की हत्या कर देता है और सबूतों को मिटा देता है जब पुलिस के पास कोई चारा नहीं रह जाता तो वह संधिग्ध  लोगों पर इस प्रकार का प्रयोग कर सकती है। जिसके लिए उसे पहले कोर्ट से अनुमती लेनी होती है। हत्या करने वाला अपराधी सच को छुपाने के लिए निरंतर बहाने बनाता रहता है।

    ‌‌‌वह घबराता भी अधिक है जिसकी वजह से उसकी हर्ट रेट बढ़ जाती है। इन्हीं चीजों के आधार पर पुलिस अपराधी को पकड़ लेती है।

    बहुत सारे पॉलीग्राफ तकनीक हैं जो कई नामों से ज्ञात हैं, और उनमे एक दूसरे को लेकर कई अंतर भी मौजूद है। लेकिन यह सभी कई सामान्य चीजों को ही मेजर करती हैं। जब पॉलिग्राफिक टेस्ट किया जाता है तो सबसे पहले व्यक्ति को इस टेस्ट के लिए तैयार करना होता है।

    1.परीक्षार्थी की मेडिकल फिटनेस;

    1. अत्यधिक उत्तरदायी व्यवहार विशेष परीक्षण किया जाना;
    2. मामले की जानकारी का वास्तविक विश्लेषण करना और
    3. पूर्व परीक्षण साक्षात्कार और प्रश्न की विस्तृत समीक्षा करना

    पॉलीग्राफ प्रक्रिया में मानव फिजियोलॉजी के तीन पहलुओं का परीक्षण किया जाता है

    1. न्युमोग्राफ ट्रैसिंग
    2. इलेक्ट्रो त्वचीय गतिविधि ट्रेसिंग, और
    3. कार्डियो संवहनी अनुरेखण।
    4. श्वसन से संबंधित त्वचा कंडक्टर या त्वचा प्रतिरोध से दूसरे और

    तीसरा रक्त मात्रा और नाड़ी दर के साथ

    ‌‌‌यह तकनीक झूठ पकड़ने का संकेत मात्र है

    यह तकनीक हर व्यक्ति झूठ पकड़ने मे सक्षम नहीं है। इसकी वजह है कि कुछ शातिर किस्म के अपराधी इस तकनीक को भी गचा दे जाते हैं। अभी पीछले दिनों मे पुलिस ने एक अपराधी का इस मशीन से टेस्ट करवाया था लेकिन मशीन उसके झुठ को पकड़ने मे कामयाब नहीं हो सकी ।

    ‌‌‌इस मशीन की खास वजह है कि मानलिजिए पुलिस वाले आप से पूछे किं आप रात को कत्ल वाली जगह पर गये थे । चूंकि आप वहां पर मानलिजिए गये थे। तो आप के दिमाग से सिग्नल निकले का जिससे यह तो साबित हो जाएगा कि आप वहां गये थे । लेकिन यह साबित नहीं होगा कि कत्ल आपने ही किया है। इसी वजह से यह ‌‌‌मशीन अधिक कारगर नहीं है।

    ‌‌‌हांलाकि जानकार यह बताते हैं कि सच और झूठ दो पेचिदा विषय हैं जिसको किसी software  से अलग नहीं किया जा सकता । ‌‌‌हांलाकि ब्रेन स्केन से पैसा कमा रही कई इमआरआई जैसी कम्पनियों ने यह दावा किया कि उनके पास ऐसी तकनीक है जोकि सच और झूठ को अलग अलग कर सकती है। ‌‌‌वहीं वैज्ञानिक मानते हैं कि झूठ पकड़ना कोई इतना आसान काम नहीं है। क्योंकि दिमाग के कई हिस्से झूठ से जुड़े हुए हैं।

    ‌‌‌अपने आप को सामान्य रखके

    सबसे बड़ी बात है कि घबराहट के समय इंसान की हर्ट रेट बढ़ जाती है और ब्लड प्रेशर वैगरह पर भी प्रभाव पड़ता है। यदि आप खुद को प्रत्येक प्रश्न पर सामान्य रख सकते हैं तो लाई डिटेक्टर आपके झूठ को पकड़ नहीं सकता ।

    ‌‌‌खुद को द्रढ रखकर

    कई बड़े अपराधी जो होते हैं वे किसी भी चीज से घबराते नहीं हैं। मतलब उनको डर नहीं लगता है। इस वजह से वे आसानी से सच उगलते भी नहीं हैं। और लाई डिटेक्टर को वो आसानी से धोखा दे देते हैं। उनके शरीर मे कोई खास बदलाव नहीं आ पाते । जिससे झूठ पकडना असंभव होता है।

    चिंता का प्रभाव आपको पॉलीग्राफ टेस्ट लेने के लिए कहा जाने पर बल दिया जा सकता है। लेकिन, आपको यह जानना होगा कि यदि आप चिंतित स्थिति में हैं तो परीक्षा के परिणाम प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकते हैं। परिणाम दिखा सकते हैं कि आप झूठ बोल रहे हैं, भले ही आप वास्तव में सत्य कह रहे हों।

    ‌‌‌पॉलिग्राफ या लाई डिटेक्टर टेस्ट इंडिया मे कैसे कराएं

    यदि आप पॉलिग्राफिक टेस्ट करवाना चाहते हैं। तो करवा सकते हैं। इसके लिए आपको कई ऐसे संस्थान मिल जाएंगे जोकि पॉलिग्राफिक टेस्ट करते हैं। आप ऐसे संस्थानों से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते हैं। कि कहां पर और कैसे टेस्ट होगा और ‌‌‌कितना पैसा लगेगा । ‌‌‌इसके लिए नेट पर सर्च करें पॉलिग्राफी टेस्ट इन इंडिया

    ‌‌‌निम्न स्थिति के अंदर आप पॉलिग्राफिक टेस्ट करवा सकते हैं।

    1. सामान्य सार्वजनिकफ्लो वक्तव्य, यौन दुर्व्यवहार, गलत ग्राहक बनने के खिलाफ,
    2. वकील का अनुरोध
    3. निजी अन्वेषक
    4. रिश्तेदारी के मुद्दे
    5. नशीली दवाओं के प्रयोग
    6. गलत तरीके से बर्खास्तगी
    7. बीमा धोखाधड़ी, आदि

    यह कुछ लोगों के लिए भी फायदेमंद नहीं है। वह व्यक्ति जिसे पॉलीग्राफ टेस्ट नहीं लेना चाहिए:

    • किसी भी व्यक्ति को गंभीर हृदय की स्थिति के साथ, जब तक कि उसके डॉक्टर ने लिखित मंजूरी नहीं दी है।
    • एक गर्भवती महिलाओं, जब तक कि उनके डॉक्टर ने लिखित मंजूरी नहीं दी है
    • कोई भी व्यक्ति जो मानसिक रूप से अक्षम या किसी भी व्यक्ति को श्वसन बीमारी या ठंड और / या किसी भी व्यक्ति को तंत्रिका क्षति या पक्षाघात ‌‌‌होने पर
    • कोई भी व्यक्ति जिसकी स्ट्रोक होती है या एक मिरगी है कोई भी व्यक्ति जो दर्द में है (यानी, दांत दर्द, सिरदर्द या हाल की चोट)

     lie detector machine

    ‌‌‌वैसे बहुत प्रकार की लाई डिटेक्टर मसीने होती हैं। बड़ी और छोटी भी । आप इनको अपनी जरूरत के अनुसार खरीद सकते हैं। आप लाई डिटेक्टर मसीन की कीमत इंडिया मार्ट पर पूछ सकते हैं। और वहां से आप इनको खरीद भी सकते हैं।

    house लाई डिटेक्टर

    वैसे तो लाई डिटेक्टर के लिए कई प्रकार की मसीने आती हैं। एक्यूरेसी के हिसाब से इनकी प्राइस भी अलग अलग होती है। लेकिन यदि आप अपने घर के लिए कोई लाई डिटेक्टर मसीन खरीद ना चाहते हैं तो वह आपको 99 डॉलर के अंदर आसानी से मिल जाएगी । और काफी अच्छे रिजेल्ट भी देगी । USB-Polygraph-

    फीचर्समेडिटेक पॉलीग्राफ्रेकॉर्डर

    फीचर्समेडिटेक पॉलीग्राफ्रेकॉर्डर एक अत्यधिक संवेदनशीलता ऑसीलोग्राफ है जो एक साथ ज़ेड फोल्ड स्याही लेखन चार्ट पर किसी भी स्रोत से विभिन्न मोड में सिग्नल रिकॉर्डिंग करने में सक्षम है। पॉलीग्राफ रिकॉर्डर कैब का इस्तेमाल चिकित्सा पेशेवरों द्वारा किया जा सकता हैईईजी, ईएमजी, ईएनजी, ईआरजी, ईसीजी, जीएसआर जैसे जैव संकेत आसानी से इसके उपयोग से दर्ज किए जाते हैं उचित ट्रांसड्यूसर का उपयोग करके कोई दबाव, बल, वॉल्यूम, पल्स, श्वसन, तापमान रिकॉर्ड कर सकता है।

    polarity  D machine

    यह अलग प्रकार की लाईडिटेक्टर मसीन है। जिसका यूज आप घर के अंदर भी कर सकते हैं।यह कई चीजें नाप सकती है। जिसमे कुछ निम्न लिखित हैं।

    • ब्लर्ड प्रेसर
    • HRV
    • हर्ट रेट
    • तापमान
    • फोर्स
    • वोल्यूम आदि।

    ‌‌‌आप इस मसीन का प्रयोग एमएस एक्सल के साथ भी कर सकते हैं। और आप इसकी मदद से हर्ट रेट ग्राफ का आसानी से अध्ययन कर सकते हैं।इसके अलावा आप इसका मैजरमेंट ऑनलाइन भी करने मे सक्षम हैं। ‌‌‌आपको इस मसीन के अंदर वोल्यूम पे्रसर और हर्ट रेट इन सभी को मेजर करने की डिवाइस भी मिलती है।

    Polygraph Machine small

    अपने मजबूत और टिकाऊ निर्माण के साथ, यह पॉलीग्राफ मशीन अत्यधिक कुशल और सटीक है। इस यह पॉलीग्राफ मशीन का उपयोग हृदय गति की जांच के उद्देश्य से किया जाता है। यह पॉलीग्राफ मशीन को कई अस्पतालों, अनुसंधान केंद्रों आदि में आवेदन मिलता है। इस यह पॉलीग्राफ मशीन की विनिर्माण प्रक्रिया में उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल और उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल है। इसके अलावा वांछित गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए इस यह पॉलीग्राफ मशीन को कई गुणवत्ता जांच के लिए भेजा गया है।

    ‌‌‌वैसे बहुत प्रकार की लाई डिटेक्टर मसीने होती हैं। बड़ी और छोटी भी । आप इनको अपनी जरूरत के अनुसार खरीद सकते हैं। आप लाई डिटेक्टर मसीन की कीमत इंडिया मार्ट पर पूछ सकते हैं। और वहां से आप इनको खरीद भी सकते हैं।

    indiamart.com

    प्लास्टिक की बोतल मे पानी पीने के नुकसान

    हाथ से नोट गायब करने का जादू कैसे करें

     लाई डिटेक्टर टेस्ट के प्रयोग ‌‌‌ ‌‌‌के  मसहूर केस

    वैसे तो बहुत से लोगों के भारत के अंदर भी लाई डिटेक्टर टेस्ट किये जा चुके हैं। लेकिन सन 2018 के अंदर अमेरिका मे एक ऐसा मामला सामने आया । जिसमे एक सख्स ने दावा किया कि वह सन 6491 से आया है। वह दूसरे ग्रह का निवासी है। और उसकी टाइम मसीन के अंदर खराबी होने की वजह से यहां पर आ गया है। उसका नाम जेम्स ओलिवर था । पहले तो वैज्ञानिकों को इस व्यक्ति की बातों पर विश्वास नहीं हुआ । लेकिन उसके बाद वैज्ञानिकों ने उसका लाई डिटेक्टर टेस्ट करने का निर्णय लिया और जब टेस्ट ‌‌‌किया गया तो पाया कि वह सब कुछ सही कह रहा है। येल्लोस्टोन ज्वालामुखी फटने का भी उस सख्स ने दावा किया । इसके अलाव उसने बताया की दूसरे ग्रह पर धरती की तुलना मे बहुत अधिक विकास हो चुका है। धरती वासियों को जल्दी ही घरती छोड़ देनी चाहिए ।

    ‌‌‌नजीब अहमद लाई डिटेक्टर टेस्ट

    जेएनयू के माही-मांडवी हॉस्टल में 14 अक्टूबर 2016 को नजीब से कुछ छात्र की बहस हो गई थी । उसके बाद 15 अक्टूबर को नजीब कैंपस से गायब हो गया था । पुलिस ने उसको सब जगह पर तलास लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला । उसके बाद सिबिआई को जांच सौंपी गई। नजीब का पता बताने वाले ‌‌‌को पुलिस ने 10 लाख देने की घोषणा भी की थी । लेंकिन उसका पता पूरे एक साल के बाद ही चल सका ।सीबीआई ने कोर्ट में 9 संदिग्धों की सूची जारी की थी जिनका लाई डिटेक्टर टेस्ट होना था । ‌‌‌नजीब के गायब होने के पीछे क्या मकसद था। इस बारे मे जानने के लिए पुलिस ने उसका लाई डिटेक्टर टेस्ट भी करवाया था । यह लाई डिटेक्टर टेस्ट का एक बड़ा मामला था।

    ‌‌‌पठानकोट आतंकी हमला लाई डिटेक्टर टेस्ट

    पठान कोट के अंदर आतंकी हमले के अंदर पंजाब पुलिस के अधिकारी सलविंदर सिंह की पोलीग्राफ जांच की गई थी । एनआईए के अनुसार सलविंदर सिंह पुलिस कमांडर है।

    ‌‌‌इनके अलावा भी लाई डिटेक्टर टेस्ट के प्रयोग कोर्ट की अनुमति से पुलिस करती आ रही है। कई केसों के अंदर तो ऐसा हुआ है। कि पुलिस को कोई सबूत नहीं मिलने की स्थिति मे पुलिस ने आई डिटेक्टर टेस्ट का सहारा लेकर अपराधी को सलाखों तक पहुंचाया है।

    इस तरह से अपराधी चकमा देते हैं पॉलीग्राफ टेस्ट को

    दोस्तों झूठ पकड़ने वाली मशीन भी एक प्रकार की मशीन होती है। और इसको भी इंसानों ने बनाया गया है। और इस मशीन को भी चकमा  दिया जा सकता है। इस मशीन के अंदर कई सारे यंत्र लगे होते हैं , जोकि व्यक्ति की अलग अलग गतिविधियों को रिकार्ड करने का काम करते हैं ।न्यूमोग्राफ व्यक्ति के सांस के पेटर्न को रिकार्ड करता है। इसी तरह से कार्डियोवास्कुलर रिकॉर्डर  हर्ट के पटर्न को रिकार्ड करता है। गैल्वेनोमीटर, यह घटक त्वचा की इलेक्ट्रिकल चालकता को मापता है । यह पसीने की ग्रंथि के अंदर बदलाव को नोटिस करता है। पॉलीग्राफ  मशीन को धोखा देना बड़े बड़े अपराधियों के लिए बहुत ही आसान होता है। वे खुद को इतना अधिक स्टेबल करने मे सक्षम होते हैं , कि उनके उपर प्रभाव नहीं होता है। इसकी वजह से मशीन कुछ भी रिकार्ड करने मे सक्षम नहीं हो पाती है। इस तरह से अपराधी आसानी से मशीन को चकमा दे सकते हैं।

    पॉलीग्राफ टेस्ट इन इंडियाए लाई डिटेक्टर टेस्ट क्या है ,लाई डिटेक्टर मशीन के बारे मे आपने इस लेख के अंदर विस्तार से जाना आपको यह लेख कैसा लगा नीचे कमेंट करे बताएं ।

    arif khan
    • Website
    • Facebook
    • Instagram

    यदि आपको गेस्ट पोस्ट करनी है। तो हमें ईमेल पर संपर्क करें । आपकी गेस्ट पोस्ट पेड होगी और कंटेंट भी हम खुदी ही लिखकर देंगे ।arif.khan338@yahoo.com

    Related Posts

    यह हैं आपके दिमाग को तेज करने की गोली super brain tip

    March 25, 2024

    दिमाग को ठंडा रखने के 21 सबसे जबरदस्त उपाय

    March 25, 2024

    बादाम से होता है दिमाग तेज ऐसे करें अपने दिमाग को सुपर फास्ट

    March 25, 2024
    Leave A Reply

    Categories
    • Home
    • Tech
    • Real Estate
    • Law
    • Finance
    • Fashion
    • Education
    • Automotive
    • Beauty Tips
    • Travel
    • Food
    • News

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • Privacy Policy
    • About us
    • Contact Us
    © 2025 Coolthoughts.in

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.