Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    cool thoughtscool thoughts
    • Home
    • Privacy Policy
    • About us
    • Contact Us
    Facebook X (Twitter) Instagram
    SUBSCRIBE
    • Home
    • Tech
    • Real Estate
    • Law
    • Finance
    • Fashion
    • Education
    • Automotive
    • Beauty Tips
    • Travel
    • Food
    • News
    cool thoughtscool thoughts
    Home»health»जोंक चिकित्सा LEECH THERAPY के फायदे, और दुष्प्रभाव
    health

    जोंक चिकित्सा LEECH THERAPY के फायदे, और दुष्प्रभाव

    arif khanBy arif khanDecember 15, 2023No Comments12 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Reddit WhatsApp Email
    ‌‌‌ जोंक चिकित्सा
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest WhatsApp Email

    खून चुसने वाली जोंक की मदद से उपचार किया जाता है। जिसकों जोंक चिकित्सा कहा जाता है। इस तरीके के अंदर शरीर के जिस हिस्से के अंदर कोई बिमारी होती है। वहां पर खून चूसने वाली जोंक को छोड़ दिया जाता है।

    वह उस जगह से छेद बनाकर खून पीती ‌‌‌उसके बाद जोंक एक प्रकार की लार को खून के अंदर भेजती है। जिससे रोगी को फायदा पहुंचता हैं। ‌‌‌जोंक चिकित्सा की मदद से बहुत से लोगों को फायदा पहुंचता है। लेकिन जोंक चिकित्सा का प्रयोग चिकित्सक के परामर्श से ही किया जाना चाहिए । क्योंकि बना परामर्श के करने से कई बार गम्भीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनको जोंक चिकित्सा सूट नहीं करती है।

    ‌‌‌प्राचीन काल के अंदर बिमारियों के उपचार मे जोंक का प्रयोग किया जाता था । जोंक का प्रयोग रक्त को शुद्व करने मे किया जाता है।फार्माकोलॉजिकल उपचार के अंदर भी जोंक का प्रयोग किया जाता है।

    ‌‌‌ जोंक चिकित्सा

    Table of Contents

    • ‌‌‌जोंक चिकित्सा या LEECH THERAPY  क्या होती है ?
    •  लीच थेरेपी कैसे काम करती है?
    • जोंक चिकित्सा के फायदे
    • जोंक चिकित्सा से VASCULAR DISEASE का ईलाज
    • एलोपेसिया और गंजापन का इलाज
    • जोंक चिकित्सा गठिया के इलाज में
    • ‌‌‌जोंक चिकित्सा का प्रयोग DIABETES के उपचार में
    • जोंक चिकित्सा से सुनवाई की समस्याओं का इलाज
    • एंडोमेट्रोसिस का इलाज
    • ग्लूकोमा के उपचार मे
    • ‌‌‌नेत्र की सूजन को कम करना
    • जोंक चिकित्सा से GUM DISEASES के इलाज मे
    • जोंक चिकित्सा से हेपेटाइटिस का इलाज
    • जोंक चिकित्सा से उच्च रक्तचाप का इलाज
    • जोंक चिकित्सा से सेरेब्रल पाल्सी के इलाज के लिए
    • जोंक चिकित्सा से गुर्दे के रोगों का इलाज
    • MIGRAINES का इलाज
    • त्वचा के रोग का इलाज
    • ‌‌‌ जोंक चिकित्सा से फोड़े के इलाज के लिए
    • ‌‌‌ जोंक चिकित्सा से चोट के उपचार मे प्रयोग
    • जोंक चिकित्सा दुष्प्रभाव DISADVANTAGES OF LEECH THERAPY

    ‌‌‌जोंक चिकित्सा या LEECH THERAPY  क्या होती है ?

    प्राचीन मिस्र के अंदर तंत्रिका समस्याओं ,दंत समस्याओं , त्वचा रोगों और संक्रमण के ईजाज मे जोंक चिकित्सा का प्रयोग किया जाता था । जहां पर समस्या होती है । लीच को उस जगह पर छोड़ दिया जाता है। वह खून चूसती है।लीच पेप्टाइड्स और प्रोटीन को छिड़कते हैं जो रक्त के थक्के को रोकने के लिए काम करते हैं। इन स्रावों को एंटीकोगुल्टेंट भी कहा जाता है। ‌‌‌लीच 45 मिनट तक इंसान का खून पीती है। उसके बाद उसे बोड़ी से हटा दिया जाता है। वर्तमान मे लीच थैरेपी दूसरे संसाधनों की तुलना मे सरल और सस्ती होने की वजह से बहुत अधिक प्रयोग की जाती है।

     लीच थेरेपी कैसे काम करती है?

    जोंक चिकित्सा के अंदर एक जोंक का प्रयोग किया जाता है। जोंक के तीन जबड़े होते हैं। वे अपनी दांतों के साथ त्वचा को छेदते हैं और एंटीकोगुल्टेंट को   त्वचा के अंदर सेंड करते हैं। यह लीक 15 मिली लिटर तक रक्त निकालती हैं।औषधीय लीच अक्सर हंगरी या स्वीडन से आते हैं। ‌‌‌लीच थेरेपी का प्रयोग इस वजह से बहुत अधिक किया जाता है क्योंकि यह सस्ती पड़ती है।एनीमिया, रक्त थकावट ,18 वर्ष के कम उम्र के व्यक्ति और गर्भवति महिलाओं के लिए लीच थेरेपी उपयोगी नहीं होती है।

    ‌‌‌लीच आमतौर पर इंसान के खून को पतला कर देते हैं। परिसंचरण में सुधार करता है और ऊतक की मृत्यु को रोकता है। लीच काटने के बाद त्वचा पर वाई आकार के घाव बन जाते हैं जो बिना निशान के ठीक हो जाते हैं।

    ‌‌‌लीच की लार से उत्पन्न रसायनों से भी दवाइयां बनाई जाती हैं। जिसका प्रयोग उपचार मे किया जाता है।

    एक सत्र के दौरान, लाइव लीच खुद को लक्षित क्षेत्र में संलग्न करते हैं और रक्त खींचते हैं। वे प्रोटीन और पेप्टाइड्स को पतला खून छोड़ते हैं और क्लोटिंग को रोकते हैं। यह परिसंचरण में सुधार करता है और ऊतक की मृत्यु को रोकता है। लीच छोटे, वाई आकार के घावों के पीछे छोड़ देते हैं जो आमतौर पर निशान छोड़ने के बिना ठीक हो जाते हैं।

     

    लीच रक्त परिसंचरण को बढ़ाने और रक्त के थक्के को तोड़ने के लिए प्रभावी हैं। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इन्हें परिसंचरण विकारों और कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

    लीच लार से व्युत्पन्न रसायन दवाइयों में बना दिया गया है जो इलाज कर सकते हैं:

    • उच्चरक्तचाप
    • वैरिकाज – वेंस
    • बवासीर
    • त्वचासंबंधीसमस्याएं
    • गठिया

    जोंक चिकित्सा के फायदे

    जैसा कि आप जान ही चुके होंगे कि जोंक चिकित्सा का प्रयोग कई प्रकार की बिमारियों के अंदर किया जाता है। जोंक चिकित्सा सरल होने की वजह से दुनिया के अंदर बहुत से लोग इसका प्रयोग करते हैं। हालांकि जोंक चिकित्सा का विकल्प भी मौजूद हैं। लेकिन वे अधिक महंगे हैं। ‌‌‌तो आइए जानते हैं जोंक चिकित्सा के फायदों के बारे में ।

    जोंक चिकित्सा से VASCULAR DISEASE का ईलाज

    लीच की लार के अंदर 100 से अधिक बायोएक्टिव  पदार्थ होते हैं।ऐसा एक घटक हिरुद्दीन है, जो एंटीकोगुलेशन एजेंट के रूप में कार्य करता है। कैलिन एक और घटक है जो रक्त संग्रह को रोकता है।लीच लार में एक फैक्टर एक्सए अवरोधक भी होता है, जो कि  कोगुलेटिंग प्रभाव को रोकता है।

    एसिट्लोक्लिन,हिस्टामाइन ,कार्बोक्सीपेप्टिडेस यह रक्त प्रवाह में वृद्धि कर सकते हैं। यह लीच की लार के बहुत उपयोगी घटक हैं। ‌‌‌यह सभी रक्त के चिपचिपाहट को कम करने के लिए मिलकर काम करते हैं। लीच खून को पतला कर देती है। जिससे प्लेटलेट जमावट  कम हो जाती है।कार्डियोवैस्कुलर बीमारी वाले लोगों को लीच थेरेपी से गुजरना पड़ता है। जिससे उनके अंदर रक्त प्रवाह बेहतर होता है।

    एलोपेसिया और गंजापन का इलाज

    एलोपेसिया  के उपचार मे भी लीच थेरेपी मदद कर सकती है। लीच  रक्त को पतला करने का काम करती है। जिसकी वजह से रक्त दिमाग के हर हिस्से तक आसानी से पहुंच जाता है। और बालों को उचित पोषण भी मिलता है। जिससे गंजनेपन का ईलाज संभव है।

    जोंक चिकित्सा गठिया के इलाज में

    पूरी दुनियां के अंदर लीच की 600 प्रजातियां पाई जाती हैं। लेकिन इनमे से केवल 15 प्रजातियों को ही औषधिय रूप से प्रयोग किया जाता है। और इनका प्रयोग रोग निवारक के रूप मे होता है। ‌‌‌इस उपचार का प्रयोग करने से पहले जोंड़ों को साफ किया जाता है। जोंक या लीच जब काटती है तो दर्द बहुत ही कम होता है क्योंकि यह काटते समय एनेस्थेटिक  छोड़ती है जो त्वचा को सुन बना देता है। जोंक चिकित्सा को 6 से 8 महिने के बाद दौहराया जाना चाहिए । जोंक चिकित्सा के बाद सूजन कम होती है और दर्द ‌‌‌कम होता है।

    ‌‌‌जोंक चिकित्सा का प्रयोग DIABETES के उपचार में

    मधुमेह के उपचार के अंदर भी जोंक चिकित्सा का प्रयोग किया जाता है। लीच की लार के अंदर मधुमेह के उपचार में प्रयोग किया जाने वाला पदार्थ हिरुद्दीन  होता है। आमतौर पर मधुमेह के रोगी का रक्त गाढ़ा होता है जो रक्त का थक्का जमा होने के लिए उतरदाई ‌‌‌होता है।हिरुडिन  रक्त को पतला कर देता है। जिसकी वजह से रक्त आसानी से फैल जाता है और  जिससे दिल और रक्त वाहिनियों पर दबाव कम हो जाता है।

    जोंक चिकित्सा से सुनवाई की समस्याओं का इलाज

    जोंक चिकित्सा का प्रयोग कान की समस्याएं जैसे कम सुनने से जुड़ी समस्याओं के उपचार मे भी किया जाता सकता है।अचानक श्रवण हानि, टिनिटस और ओटिटिस आदि के उपचार मे होता है। कान के बैक्टीरिया को मारने के लिए भी लीच एंजाइम जारी करती है। इन एंटी-बैक्टीरिया एजेंट प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा देंगे और आगे के संक्रमण से लड़ेंगे

    ‌‌‌ जोंक चिकित्सा

    एंडोमेट्रोसिस का इलाज

    लीच थेरेपी ऐसी महिलाओं के लिए बहुत अधिक फायदेमंद है जोकि एंडोमेट्रोसिस  से पड़ित हैं।लीच के एंजाइम  रक्त के थक्के को रोक देते हैं । जिसकी वजह से रक्त का प्रवाह अच्छे तरीके से होता है और रक्त गर्भाशय तक आसानी से पहुंचता है जिससे विषाक्त पदार्थ दूर होते हैं। ‌‌‌इसके अलावा लीच की लार के अंदर अन्य इंजाइम होता है जो सूजन को कम करने का काम करता है।

     

    ग्लूकोमा के उपचार मे

    ग्लूकोमा मोतियाबिंद के बाद अंधेपन के लिए जिम्मेदार होता है। ग्लूकोमा को काले मातिया भी कहते हैं। हमारी आंखों के अंदर एक तरल पदार्थ भरा रहता है। यह निरंतर नया बनता रहता है और बाहर निकालता रहता है। इस प्रक्रिया के अंदर दिक्कत आती है तो उसे ग्लूकोमा  कहा जाता है। ‌‌‌जिसकी वजह से आंखों पर दबाव बढ़ जाता है। यह बढ़ा हुआ दबाव आंखों के ऑप्टिक नर्व  को डेमेज करता है। जिससे दिखने की समस्या पैदा हो जाती है।‌‌‌जोंक चिकित्सा का प्रयोग आंखों के अंदर रक्त प्रवाह को कम करने के लिए किया जाता है। जिससे आंखों पर दबाव कम हो जाता है। यह प्रक्रिया निंरतर करने से सुधार होता है।

    ‌‌‌नेत्र की सूजन को कम करना

    जोंक चिकित्सा का प्रयोग आंखों के सूजन को कम करने मे भी किया जा सकता है। Chorioretinitis या आंख की रेटिना की सूजन , आंख के अलगे हिस्से की सूजन या केराइटिस  ,schleritis  जैसी समस्याओं के उपचार मे भी जोंक चिकित्सा का प्रयोग किया जाता है।‌‌‌जोंक चिकित्सा के अंदर रक्त को चूसा जाता है। जिससे आंख के अंदर दबाव को कम किया जा सकता है।

     

    जोंक चिकित्सा से GUM DISEASES के इलाज मे

    गम समस्याएं आम लोगों की समस्याएं हैं। और अधिकतर लोगों को इस प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं।Anticoagulation  लीच के अंदर एक ऐसा तत्व होता है जो मसूड़ों के सूजन को कम करता है और मसूड़ों के अंदर खून के प्रवाह को भी बढ़ाता है। इसके अलाव लीच की लार के अंदर एंटीबैक्टीरियल  ‌‌‌गुण होते हैं जो जिवाणुओं के विकास को रोकते हैं।

    जोंक चिकित्सा से हेपेटाइटिस का इलाज

    यकृत हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह एक फिल्टर के तौर पर कार्य करता है। और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। यह विटामिन और पोषक तत्वों के भंडारण के रूप मे काम करता है। लीच की लार मे एंटी-इंफ्लैमेटरी एंजाइम जो यकृत मे सूजन और संक्रमण को रोकने का काम ‌‌‌काम करते हैं।हिस्टामाइन  जैसे एंजाइम वाहिनियों को वासोडिलेट  करते हैं।इसके अलावा लीच की लार मे एंटीबैक्टीरियल भी होते हैं।

    जोंक चिकित्सा से उच्च रक्तचाप का इलाज

    लीच थेरेपी का प्रयोग उच्च रक्तचाप की स्थिति के अंदर भी किया जाता है। लीच की लार के अंदर कई यूजफुल एंजाइम होते हैं। यह रक्त चाप को कम करने में मदद करते हैं।एंटीकोएग्यूलेशन रक्त की जमावट को रोकता है और रक्त को अच्छे से फलो करने मे मदद करता है।‌‌‌यह रक्त को मोटा होने से रोकते हैं। जिससे दिल को पूरे शरीर के अंदर बेहतर तरीके से रक्त का संचार होता है। एंटीहाइपेर्टेन्सिव दवाओं के साथ जोंक थेरेपी का यूज किया जा सकता है

    जोंक चिकित्सा से सेरेब्रल पाल्सी के इलाज के लिए

    हमारी खोपड़ी के अंदर सेरेब्रल पाल्सी एक बहुत नाजुक अंग होता है। जो आसानी से क्षति ग्रस्त हो सकता है। खासकर बच्चों के अंदर ।शिशु सेरेब्रल पाल्सी की स्थिति मे इसका प्रयोग किया जा सकता है।Anticoagulation एंजाइम मस्तिष्क को स्वतंत्र रूप से रक्त प्रवाह में मदद करने के लिए जाना जाता है,हिस्टामाइन ‌‌‌एंजाइम लीच की लार के अंदर पाया जाता है जो रक्त प्रवाह को बढ़ावा देने और दिमाग के सूजन को कम करने मे मदद करता है।लीच की लार हानिकारक बैक्टीरिया को भी खत्म कर देती है। जिससे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती मिलती है।

    जोंक चिकित्सा से गुर्दे के रोगों का इलाज

    गुर्दे के इलाज के लिए भी जोंक चिकित्सा का प्रयोग किया जाता है।मधुमेह के प्रभाव से गुर्दे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। और रक्त की चिपचिपाहट के अंदर बढ़ोतरी होती है।यह चिकित्सा गुर्दे के फ़िल्टरिंग फ़ंक्शन पर तनाव कम करने मे मदद करती है। ‌‌‌जिससे रक्त प्रवाह अच्छा होता है। और हिस्टामाइन एंजाइम के द्वारा रक्त वाहिनियों को चौड़ा किया जाता है। कुल मिलाकर अच्छा रक्त प्रवाह गुर्दे की कार्यप्रणाली को काफी बेहतर बनाते हैं।

    ‌‌‌यदि गुर्दे के अंदर सूजन है तो लीच थेरेपी फायदे मंद होती है। इसके अलावा यदि यह गुर्दें के संकरमण को कम करने मे काफी मददगार होती है।

    MIGRAINES का इलाज

    माइग्रेन के इलाज मे भी जोंक चिकित्सा का प्रयोग किया जाता है। रिसर्च बताते हैं कि माइग्रेन हर्ट के अंदर बने खून के थक्कों की वजह से होता है। जब यह धक्के दिमाग तक पहुचंते हैं तो दिमाग के अंदर रक्त प्रवाह बाधित होता है। जिससे माइग्रेन होता है। ‌‌‌लीच की लार के अंदर हिरुडिन  नामक पदार्थ होता है जो रक्त के थक्के को रोकता है। और रक्तपरिसंचरण को बेहतर बनाता है। इसके अलाव लीच थेरेपी की मदद से रक्त धमनियों को चौड़ा बनाया जाता है।माईग्रेन के इलाज के लिए दवाओं का प्रयोग अच्छा नहीं होता है क्योंकि इसके द्रुष्प्रभाव होते हैं। लेकिन जोंक ‌‌‌ चिकित्सा के कोई दुष्प्रभाव नहीं होते ।

    त्वचा के रोग का इलाज

    हमारी त्वचा के अंदर तीन परते होती हैं पिडर्मिस, डर्मिस और हाइपोडर्मिस आमतौर पर बिमारियां उपरी दो परतों के अंदर होती हैं। इन त्वचा रोगों के उपचार मे भी जोंक चिकित्सा का प्रयोग किया जाता है।

    ‌‌‌ जोंक चिकित्सा से फोड़े के इलाज के लिए

    फोड़े आमतौर पर त्वचा के उपर सतह पर होते हैं। इनके अंदर बाद मे मवाद वैगर भर जाती है।लीच थेरेपी की मदद से दर्द और फोड़ों को कम करने मे सहायक होती है।हर्पस ज़ोस्टर एक प्रकार का त्वचा रोग होता है। जिसका वायरस वर्षों से त्वचा के अंदर निष्कि्रय रह सकता है।‌‌‌यह सक्रिय होने पर सूजन, दर्द और एक छोटी त्वचा फफोले  का कारण बनता है। इसके इलाज मे भी लीच थेरेपी का प्रयोग होता है।

    ‌‌‌ जोंक चिकित्सा से चोट के उपचार मे प्रयोग

    जब कभी रोगी को गम्भीर चोट लग जाती है तो लीच थेरेपी की मदद ली जाती है।यह सूजन और दर्द को कम करके रक्त परिसंचरण को बढ़ाती है। इसके अलावा विषैले जुवाणुओं को खत्म कर देती है।जिससे घाव के जल्दी भरनें मे मदद मिलती है।

    जोंक चिकित्सा दुष्प्रभाव DISADVANTAGES OF LEECH THERAPY

    • ऐसा नहीं है कि जोंक चिकित्सा के सिर्फ फायदे ही होते हैं। वरन जोंक चिकित्सा दुष्प्रभाव भी होते हैं।
    • यदि जोंक चिकित्सा सही तरीके से नहीं होती है तो जोंक के काटे गए भाग से खून का रिसाव हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ।
    • यदि आपको जोंक की लार से एलर्जी है तो आपको जोंक चिकित्सा नहीं करवानी चाहिए । क्योंकि इससे आपको गम्भीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
    • ‌‌‌जोंक चिकित्सा यदि सही तरीके से नहीं की जाती है तो इससे खून का नुकसान होता है।

    ‌‌‌जोंक चिकित्सा को केवल एक्सपर्ट की मदद से नहीं करवाया जाए तो यह हानिकारक होती है। जोंक चिकित्सा के अंदर सही जोंक का चुनाव किया जाना जरूरी होता है। जोंक की कई प्रजातियां जहरीली होती हैं।

    पर यह लेख आपको कैसा लगा नीचे कमेंट करके बताएं।

    दिमाग की नस फटने का कारण Brain Hemorrhage की जानकारी

    dragon की जानकारी history of real dragon in hindi

    Success story of yewle tea house येवले टी हाउस की सक्सेस स्टोरी

    प्लास्टिक की बोतल मे पानी पीने के नुकसान health effect of plastic bottle

     

    arif khan
    • Website
    • Facebook
    • Instagram

    यदि आपको गेस्ट पोस्ट करनी है। तो हमें ईमेल पर संपर्क करें । आपकी गेस्ट पोस्ट पेड होगी और कंटेंट भी हम खुदी ही लिखकर देंगे ।arif.khan338@yahoo.com

    Related Posts

    aDiscover Homeopathy for Hair Thinning Treatment

    June 24, 2025

    10 Simple Habits to Boost Your Mental Wellbeing Daily

    May 24, 2025

    How Sleep Affects Your Overall Health

    May 24, 2025
    Leave A Reply

    Categories
    • Home
    • Tech
    • Real Estate
    • Law
    • Finance
    • Fashion
    • Education
    • Automotive
    • Beauty Tips
    • Travel
    • Food
    • News

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • Privacy Policy
    • About us
    • Contact Us
    © 2025 Coolthoughts.in

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.