हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम त्रासदी

‌‌‌

हिरोशिमा नागासाकी अटैक के बारे मे हम आपको इस लेख के अंदर विस्तार से बताने वाले हैं । किस तरह से हिरोशिमा नागासाकी अटैक के अंदर लोग मारे गए और क्या हुआ था।

6 अगस्त, 1 9 45 को, एक अमेरिकी बी -29 बमवर्षक, जिसका नाम इनोला गे ने जापान में हिरोशिमा, के उपर परमाणु बम गिराया था । अमेरिका ने हिरोशिमा को परमाणु बम के लिए इसलिए भी चुना था कि इस ईलाके से नुकसान की साफ तस्वीरे भी लि जा सकती थी । और ऐसा करने से । जापान के युद्व की इच्छा टूट सकती थी ।

हिरोशिमा एक प्रमुख बंदरगाह और एक सैन्य मुख्यालय था, और इसलिए एक रणनीतिक लक्ष्य था । लेकिन बम गिराने के बाद यहां पर कोई गम्भीर नुकसान नहीं हुआ था ।

हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम

डाउनटाउन हिरोशिमा के पास होनकावा और मोटोयसू नदियों के जंक्शन पर एक टी-आकार का पुल लक्ष्य था। 8:15 बजे, लिटिल बॉय ने विस्फोट किया, तुरन्त 80,000 से 140,000 लोगों की हत्या कर दी और 100,000 अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए। शमी सर्जिकल हॉस्पिटल के ऊपर, शहर के केंद्र से ऊपर 1,900 फुट ऊपर विस्फोट हुआ,

औद्योगिक प्रचारक हॉल (अब परमाणु बम डोम के रूप में जाना जाता है) के उपर देखने वालो ने तेजी से बढ़ते हुए धुंए को देखा और ताप मान एक लाख डिग्री सैल्सियस तक हो गया था । प्रकाश सूर्य से भी तेज था ।

एक सेकेंड से कम समय में, आग का गोला 900 फीट तक बढ़ गया था। विस्फोट की लहर दस मील की दूरी के लिए खिड़कियां टूट गई थी और 37 मील दूर तक महसूस हुई थी। हिरोशिमा की दो-तिहाई इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया।

विस्फोट के करीब 30 मिनट बाद, शहर के उत्तर-पश्चिम में क्षेत्रों में भारी बारिश शुरू हो गई। यह “काली वर्षा” धूल, धूल, सूद और अत्यधिक रेडियोधर्मी कणों से भरा था ‌‌‌उसके बाद हवा चलने से आप पास के क्षेत्रों के अंदर भी प्रदुषण फैलगया । जापान की सेना का एक विमान तुरन्त हिरोशिमा पहुंचा और नीचे देखा तो धुंआ अभी भी मंडरा रहा था । उसके बाद राहत कार्य शूरू हुए ।

‌‌‌नागासाखी पर परमाणु बम

9 अगस्त, 1 9 45 को, एक अन्य अमेरिकी बी -29 बॉम्बर, बोक की कार, प्लूटोनियम इटोलोजियन-प्रकार के बम से टिनीयन ले जाने वाले फैट मैन को छोड़ दिया

प्राथमिक लक्ष्य कोकुरा आर्सेनल था लेकिन यह जगह कुहरे और धुंध से ढकी हुई थी । यहां पर बम गिराने का काफी नुकसान हुआ । लोग बुरी तरीके से इसकी चपैट मे आ गए ।और असपताल और परिवहन पूरी तरह से खत्म हो गया । जिससे घायलों का ईलाज करना असंभव था ।

‌‌‌इसका गहरा प्रभाव पड़ा और यहां पर काफी सालों तक अधिकर बच्चे अपंग पैदा होने लगे । और अनेक को अजीब अजीब बिमारियां पाई गई। होने वाली फसलें पैदा होना बंद हो गई। और जमीन भी बुरी तरह से बंजर हो गई। बम कांड के दौरान जिंदा रहने वाले फुजी उरा मात्सुमोतो, बताते हैं कि ‌‌‌जब बम गिरा तो वे कददू साफ कर रहे थे । अचानक ही कददू के स्थान पर उनके पास एक महिला का सर आ गिरा । उस महिला का मुंह खुला हुआ था । और मुंह के अंदर एक सोने के दांत चमक रहा था ।Kayano Nagai  एक अन्य व्यक्ति बताते हैं परमाणु बम से मेरा पूरा परिवार खत्म हो गया । लेकिन इससे बुरा हमारे साथ हो भी क्या सकता था ।

 ‌‌‌‌‌‌हिरोशिमा नागासाकी अटैक से सब तरफ भिखर गई लासें ही लासें

परमाणु बम के अंदर जिंदा बचे लोगों ने बताया कि जब हम आपस मे बातें कर रहे थे । तो अचानक से एक तेज धमाका हुआ और हम लोग कुछ समय तक बेहोश हो गए । जब होश आया तो देखा कि आसमान के अंदर काला धूंआ है। और चारों ओर चीख पुकार मची हुई है। मेरे कुछ साथी । ‌‌‌मर चुके थे कुछ गायब थे । सब तरफ बहुत ही भयंकर वातावरण था सांस लेना मुश्किल हो रहा था ।

उसके बाद एक आग का गोला मेरी तरफ आते दिखा मैं तेजी से वहां से भाग रहा था । भागते भागते एक पहाड़ पर पहुंचा जहां पर घायल लोग कराह रहे थे । जिनको देखकर बहुत दया आ रही थी ।‌‌‌सब तरफ शव ही शव भिखरे हुए थे । नदी के अंदर लाशें बिखरी पड़ी थी । और पूरा शहर श्मसान बन चुका था । इस हमले के अंदर मेरे सारे सगे सबंधी मारे जा चुके थे । 1945 के हमले मे बहुत से लोग बच भी गए थे । लेकिन उनके बचने का कोई फायदा नहीं हुआ । रेडियो विकिरणों की वजह से उनकी बोड़ी पर बहुत बुरा असर पड़ा ‌‌‌और उनका चेहरा विक्रत हो गया । अनेक रोग पैदा हो गए । कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है। की बचे हुए लोग भी तिल तिल को मरने के लिए मजबूर हो गए ।

‌‌‌हिरोशिमा नागासाकी अटैक से जमीन बंजर हो गई

जहां पर परमाणु बम गिराया जाता है। वहां की जमीन पूरी तरह से बेकार हो जाती है। उसके बाद उस जमीन पर कुछ नहीं होता है। क्योंकि जमीन के अंदर रेडियो एक्टीव तत्व मिल जाते हैं। पेड़ पौधे भी बम के प्रभाव से नष्ट हो गए थे । हालांकि 70 सालों के बाद आज भी ‌‌‌वहां इसका प्रभाव देखने को मिलता है।

हिरोशिमा व नागासाखी मे आज भी पैदा होते हैं अपंग बच्चे

‌‌‌इन हमले की वजह से जापान के शहर नागासाकी और हिरोशिमा पुरी तरह से बरबाद हो चुके थे । बम से मरने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक थी । वैसे परमाणु बम के दीर्घकालिन प्रभाव बहुत बुरे रहे । जो लोग जिंदा बचे थे वे भी तड़पक कर मर रहे थे । रेडियसन फैलने से वहां पर बाद मे जो बच्चे पैदा हुए वो भी अपंग ‌‌‌थे । कई लोग हिरोशिमा और नागासाकी को छोड़कर जा चुके थे । कुल मिलाकर अमेरिका ने इन शहरों को पूरी तरह से बरबाद करके रख दिया था ।

हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम

‌‌‌जापान को आत्मसमर्पण करने की घोषणा

द्वितिय विश्व युद्व के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रूमैन ने जापान से कहा कि वह आत्मसमर्पण करदे बिना कोई शर्त के लेकिन जापान को यह मंजूर नहीं था । जापान के अधिकारियों को यह लगता था कि वे अमेरिका का मुकाबला कर सकते हैं। सो उन्होंने आत्मसमर्पण ‌‌‌नहीं किया । शांति वार्ता भी चली थी लेकिन जापान इस पक्ष मे नहीं था कि वह बिना शर्त आत्मसमपर्ण करे । और अमेरिका चाहता था कि जापान बिना शर्त आत्मसमर्पण करे ।

‌‌‌जापान के नहीं मानने के बाद अमेरिका ने कहा कि जापान के आत्मसमर्पण नहीं करने का मतलब है। जापान का पूरी तरह से विनास कर दिया जाएगा । उसको तहस नहस कर दिया जाएगा । बस को दंडित किया जाएगा । और जापान मे लोकतंत्र की स्थापना होगी ।26 जुलाई, 1945 के बाद अमेरिका को भी विश्वास हो चुका था कि अब ‌‌‌उसे सोवियत संघ की कोई आवश्यकता नहीं है। वह अकेला ही जापान को धूल चटा सकता है। 15 अगस्त, 1945 को जापान ने अपनी हार मानली और समर्पण कर दिया ।

पुष्पक विमान और उसके रहस्य in hindi

जलियांवाला बाग नरसंहार Jallianwala Bagh Massacre

‌‌‌ हिरोशिमा व नागासाकी पर अमेरिका ने क्यों गिराए थे दो परमाणु बम

अमेरिका ने अगस्त, 1945 को हिरोशिमा पर यूरेनियम बम गिराया था । उसके 3 दिन बाद नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया था । क्या अमेरिका को दूसरा बम गिराना जरूरी था ।यूरेनियम वाला बम हिरोशिमा पर गिराया गया और प्लूटोनियम वाला नागासाकी पर । यह दोनो बम अलग ‌‌‌अलग थे । दूसरा बम अभी प्रशिक्षण के दौर मे था । अमेरिका दूसरा बम इस वजह से भी गिराना चाहता था कि उसके प्रशिक्षण का प्रयोग हो सके । और यह अमेरिका के लिए एक अच्छा मौका भी था । ‌‌‌बम गिराने की वजह यह भी रही कि जर्मनी की तरह रूसी सैनिक जापान की भूमी पर पहले ना पहुंच जाएं नहीं तो जापान भी हाथ से निकल जाएगा । सो उसने 13 अगस्त के बदले 9 अगस्त को की बम गिरा दिया था ।

‌‌‌हिरोशिमा नागासाकी अटैक के प्रभाव

ल्यूकेमिया की एक संवेदनशीलता, मोतियाबिंद और घातक ट्यूमर अन्य प्रभावों में से थे।

-कैकर, विशेष रूप से ल्यूकेमिया और लिम्फोमा

– छोटे मस्तिष्क का आकार

-मानसिक मंदता

-छोटी बुद्धि

-डिलाइड विकास

-Blindness

-स्प्लिन Bifida

-भंग तालु

हिरोशोमा और नागासाखी से जुड़े कुछ fact  

  1. हिरोशिमा के अंदर जापान ने सन 1965 से ही परमाणु हमले मे मरे लोगों के लिए शांति की लौ जला रखी है। और वह तब बंद होगी जब सारे विश्व के अंदर परमाणु हथियार खत्म हो जाएंगे ।
  1. ‌‌‌परमाणु बम गिराने से पहले अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाखी पर पर्चे गिराकर चेतावनी भी दी थी ।
  2. ‌‌‌जापान के हिरोशिमा के उपर पहली बार परमाणु बम गिराने के बाद नागासाखी के अंदर एक पुलिस वाले ने लोगों को बम से बचने के तरीके भी बताये थे । जिसकी वजह से वहां पर बहुत से लोग जिंदा बच सके।
  1. गिंको बिलोया कई मिलियन वर्ष पुराने जापान के पेड हैं। इन पर परमाणु हमले का कोई असर नहीं हुआ । इन्होने जल्दी ही अपने आपको सही कर लिया ।
  1. 1 9 76 में, जापान ने अपने द्विवर्षीय के लिए 53 बोन्साई पेड़ दान किए, जिसमें एक सफेद पाइन भी शामिल था, जो कि 1625 के बाद से हर रोज चढ़ा हुआ था और हिरोशिमा परमाणु विस्फोट से बच गया था। इसका इतिहास 2001 तक अज्ञात था
  1. नाकासाकी और हिरोशिमा दोनों के परमाणु बमबारी की तुलना में टोक्यो के संबद्ध कालीन बमबारी ने अधिक नागरिकों को मार दिया था
  1. लगभग दो दर्जन अमेरिकियों को हिरोशिमा में परमाणु बम द्वारा मारा गया था, यह तथ्य कि 1 9 70 के दशक तक अमेरिका ने स्वीकार नहीं किया था।
  1. जिमी कार्टर एकमात्र अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने हिरोशिमा के ग्राउंड शून्य का दौरा किया था
  1. त्सुतोमू यमागुची नाम का एक आदमी हिरोशिमा में एक व्यापारिक यात्रा पर था जब परमाणु बम गिरा दिया। वह घायल हो गया था लेकिन नागासाकी के अपने गृह नगर में वापस आया, जहां अगले ही दिन दूसरे परमाणु बम गिरा दिया गया था। वह दोनों विस्फोटों से बच गया और 93 तक जीवित रहा।
  1. बर्नार्ड वाल्डमैन (अमेरिकी भौतिकविद) विस्फोट को रिकॉर्ड करने के लिए हिरोशिमा परमाणु बमबारी पर गए, लेकिन वह कैमरे के शटर को खोलना भूल गया और इसलिए कुछ भी नहीं दर्ज किया गया
  1. हिरोशिमा परमाणु बमबारी के एक महीने बाद, एक बड़े पैमाने पर तूफान (मकाउराज़की तूफान) ने इस शहर को मारा, 2,000 लोग मारे गए
  1. हिरोशिमा परमाणु बमबारी के बाद, सैकड़ों लोग (उनमें से कई पहले से ही घायल हो गए) ने नागासाकी की दिशा में अपना रास्ता बना लिया इनमें से, 165 दोनों परमाणु बमबारी से बच गए और कहानी बताने के लिए रहते थे।
  1. ओलियंडर हिरोशिमा शहर का आधिकारिक फूल है जोकि परमाणु बम गिराने के बाद पहली बार खिला था ।
  1. नैनकिंग के बलात्कार के दौरान जापानी द्वारा 300,000 चीनी मारे गए, जो कि हिरोशिमा और नागासाकी के अमेरिकी बमबारी से 80,000 अधिक मौतें हैं।
  1. हिरोशिमा और नागासाकी की बमबारी के बाद, लेकिन जापान के आत्मसमर्पण से पहले, संयुक्त राज्य अमेरिका 7 अगस्त 1 9 45 को 7 अतिरिक्त अणु बम तैयार कर रहा था
  1. 1 9 40 के दशक में ओक रिज टेनेसी में मैनहट्टन प्रोजेक्ट पर काम करने वाले 100,000 से अधिक लोगों को पता नहीं था कि वे क्या काम कर रहे थे। यह तब तक नहीं था जब तक कि हिरोशिमा के बमबारी को छिपाने के लिए स्थानीय अख़बार ने श्रमिकों को बताया कि वे पिछले कई सालों से क्या काम कर रहे थे।
  1. जब हिरोशिमा में एटम बम गिरा दिया गया था, तो आग का गोला का प्रकाश इतना तीव्र था कि यह आसपास के भवनों के तांबा पिघल गया
  1. 65 मिलियन वर्ष पहले डायनासोर को मारने वाला धूमकेतु हिरनशिमा और नागासाकी को नष्ट करने वाले परमाणु बमों की तुलना में एक अरब गुना अधिक टीएनटी के 100 खरब टन के रूप में ज्यादा ऊर्जा का था।
  2. 1 9 45 में तीनों परमाणु विस्फोटों को देखने वाला एकमात्र व्यक्ति लैरी जॉन्सन था: ट्रिनिटी परमाणु परीक्षण और हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी

Leave a Reply

arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।