सांगलिया धुणी सीकर के हैरान करने वाले रहस्य
दोस्तों सांगलिया धुणी सीकर के बारे मे तो आपने सुना ही होगा । यह सबसे प्रसिद्व धुणी है। जहां पर कई चमत्कार भी हुए हैं। इस लेख मे हम बात करने वाले हैं ।सांगलिया धुणी सीकर के बारे मे । मैं खुद वहां पर कई बार जा चुका हूं ।धुणी माता को वहां की देवी माना जाता है। उसी की मदद से आने वाले भक्तों के कार्य सिद्व होते हैं। और वैसे भी वहां पर आपको कई सारे भगवानों की फोटो मिल जाएगी । सब भगवानों के आगे आने वाले भक्त धोक खाते हैं। और मन्न्त भी मांगते हैं। सांगलिया धुणी सीकर के अंदर यदि आप जाते हैं तो आपको वहां पर खाना रहना सबकुछ फ्री मिलता है। आप खुद भी खाना बनाकर खा सकते हैं
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सांगलिया धूणी सीकर की स्थापना
सांगलिया धुणी सीकर जिले से 35 किलोमिटर दूर सीकर डीडवाना रोड़ के निकट सांगलिया गांव के अंदर पड़ती है। जानकार बताते हैं कि इसकी स्थापना 1965 के अंदर हुई होगी । लेकिन एक अन्य वेबसाईट के मुताबिक सांगलिया धुणी सीकर की स्थापना बहुत पहले ही हो चुकी थी । इसकी लक्कड़दास जी ने इस धुणी की स्थापना की थी ।उसके बाद बाबा के शिष्यों ने समाज की मर्यादा को ध्यान मे रखते हुए । अनेक जनहित कार्य करवाए थे ।
सांगलिया धूणी सीकर से जुड़ी है रहस्यमय स्टोरी
कुछ जानकार बताते हैं कि बहुत पूराने समय मे जब सांगलिया धुणी की स्थापना नहीं हुई थी तब यहां पर एक कुटिया थी । जिसके अंदर बाबा लकड़दास जी महाराज तपस्या करते थे । और वहीं पर पास ही एक फोजी का घर था । जहां से एक लड़की बाबा को रोज दूध देने के लिए आती थी । उस लड़की का पिता एक फोजी था । जब लड़की शादी करने लायक हो गई तो उसके बाद उसके मां बाप ने कहा कि उसे अब शादी कर लेनी चाहिए । और लड़की की शादी तय करदी गई। बारात का दिन था । लड़की फिर भी बाबा को दूध देने गई और बाबा की कुटिया के अंदर जाकर सो गई। बाबा ने कहा कि बेटा जाओ तुम्हारी शादी होने वाली है
लेकिन लड़की ने कहा नहीं बाबा मैं शादी नहीं करना चाहती हूं । इतने मे लड़की का पिता गन लेकर वहां आ गया और चिल्लाता हुआ बोला … अरे मेरी लड़की कहां है उसे बाहार निकाल । और वह कुटिया के अंदर घुस्स कर जैसे ही कमल उठाया ।उसने देखा की उसकी लड़की अब नहीं है। वहां पर एक ऐसा इंसान है जिसका आधा शरीर लड़की का है और आधा पुरूष का । यह देख कर फोजी कांप गया । और बहुत अधिक डर गया । उसने पुलिस भी बुलाई लेकिन कुछ भी नहीं हुआ । कहा जाता है। उसके बाद बाबा की धूणी को धूणी माता के नाम से पूजा जाने लगा ।
अपने आप चल पड़ी थी गाड़ी
यह घटना अधिक पुरानी नहीं है। हालांकि यह मुझे याद नहीं है कि कब घटी थी । फिर भी मैं यहां पर इसका उल्लेख करना जरूर चाहूंगा। बाबा जागरण वैगरह करने के लिए अलग अलग जगहों पर जाते रहते हैं जो आज भी होता है। एक बार जब बाबा कहीं जागरण के लिए जा रहे थे तो गाड़ी के अंदर बहुत सारे शिष्य थे । और कुछ बाहर भी लटके हुए थे । आगे पुलिस वालों ने बाबा को रोक लिया और बोले ओए तुम कहां जा रहे हो ?
बाबा बोले … जी हम तो साधु संत हैं जागरण करने के लिए जा रहे हैं
तब पुलिस वाले बोले . कैसा साधू संत है तू ढोंगी लगता है । अगर साधु संत है तो इस गाड़ी को बिना उसमे बैठे चलाकर दिखादे । हम मान जाएंगे । ऐसा कहकर सब हंसने लगे ।
उसके बाद महाराज ने कहा . चल रे मेरी गाड़ी रेशम की
बस उसके बाद गाड़ी अपने आप ही र्स्टाट हो गई। पुलिस वाले यह सब देखकर कांप गए । उनके दिल की धड़कने बढ़ गई। और वे बोले मानगए महाराज आप सच्चे संत हैं आपको कोई नहीं रोक सकता । उसके बाद कभी भी पुलिसवालों ने उनकी गाड़ी को नहीं रोका ।
Baba Khivadas PG College, Sangliya
बाबा के पास जो भी दान वैगरह आता है। उसका समाज कल्याण के अंदर प्रयोग होता हैं। उनकी कॉलेज भी चलती है। और जहां पर ऐसे बच्चों को पढ़ाया जाता है जिनके पास पैसा नहीं होता है। हालांकि आम आदमी भी वहां पर पढ़ सकता है। लेकिन उसे फीस देनी होती है। उसके अंदर टीचर वैगरह का सारा खर्चा सांगलिया धुणी सीकर ही देती है।
सांगलिया धूणी सीकर में हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है
वहां पर जाने वाले भगत बताते हैं कि धुणी माता के पास आने वाले भगत की सुनवाई जल्दी हो जाती है। बहुत से भगतों ने इस बात का समर्थ भी किया और बताया की किस तरह से माता ने उनकी समस्याओं को दूर कर दिया । और आज वे हर तरह से खुश हैं। कई भगतों के काया कष्ट दूर हुए । इस बात का टेस्ट तो मैं खुद भी कर चुका हूं । धुणी माता वास्तव मे किसी चमत्कार से कम नहीं है। यदि आपको भी कोई समस्या है तो यहां पर एक बार जरूर पधारें ।
गदी पर कैसे बैठते हैं बाबा
यहां पर कोई वंश वाद नहीं चलता है। बल्कि यहां पर गदी पर बैठने वाला बाबा किसी भी जाति का हो सकता है। सुना है कि वर्तमान बाबा यह तय करता है कि कौन गदी पर बैठेगा । इतना ही नहीं जो गदी पर बैठता है। उसके अंदर अपने आप इस गदी की लालसा होने लगती है। यदि कोई गलत आदमी बल का प्रयोग करके गदी हाशिल कर भी लेता है तो उसकी तुरन्त मौत हो जाती है।
भगत देते हैं दान
कहा जाता है कि बाबा के आक्ष्रम के अंदर कोई भी चीजें कभी भी खत्म नहीं होती हैं।चाहे कितने भी लोग आ जाएं । फिर भी वहां पर हर चीज हमेशा बनी रहती है। एक बार की बात है बाबा कहीं शादी के अंदर गए हुए थे । जब शादी वाले घरवालों को लगा की अब खाना समाप्त होने वाला है। और बारात अभी पूरी बाकी पड़ी है तो वे बाबा के पास आए और बोले बाबा अब क्या करें । बाबा ने कहा बेटा डरो नहीं खाना समाप्त नहीं होगा । और आश्चर्य जनक रूप से खाना समाप्त नहीं हुआ । कुल मिलाकर यह कहा जाता है कि यहां के बाबा भी चमत्कारी होते हैं।
धुणी माता सीकर के शिष्य भी दे सकते हैं शाप
दोस्तों आज के युग के अंदर शाप को नहीं माना जाता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो शाप देने की ताकत आज भी रखते हैं। एक स्टोरी इस संबंध मे आपको बतादेना चाहता हूं । कि हमारे ननिहाल के अंदर एक महिला है जो सांगलिया के बाबाओं की चेली है। एक बार कोई बाकरी उसे बार बार परेशान कर रही थी । तों उसने उस बकरी को कहा जा कुए मे पड़ मर जाके । बस उसके कुछ समय बाद वह सच मुच कुए मे जा गरी । इसके अलावा यह बात सच की कि सांगलिया धुणी सीकर के बाबाओं के मुख से निकले वचन सच होते हैं।
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