रक्तदान के फायदे और नुकसान blood donation ke fayde

रक्तदान के फायदे के बारे मे हम आपको पूरी जानकारी दे रहे हैं। कहा जाता है कि भारत के अंदर रक्तदान या ब्लड डोनेशन की भारी कमी रहती है। काफी रोगी केवल इस वजह से मर जाते हैं क्योंकि उनको समय पर ब्लड नहीं मिल पाता है। एक वैज्ञानिक रिपार्ट के अनुसार भारत के अंदर हर साल 10 मिलियन रक्त की आवश्यकता ‌‌‌होती है लेकिन 5 मिलियन रक्त की पूर्ति ही हो पाती है। इसके पीछे कई सारे रिजन हैं। बहुत बार दान किया हुआ रक्त भी खराब हो जाता है। जिसको फिर फेंकना पड़ता है। यह कमी हमारे सिस्टम की भी है। इस वजह से भी भारत के अंदर रक्त की कमी है और कोई ब्लड का दान नहीं करना चाहता है।

‌‌‌वैसे देखा जाए तो इंसान के रक्त का कोई विकल्प नहीं है रक्त को प्रयोग शाला के अंदर भी नहीं बनाया जा सकता है। किसी जानवर का रक्त भी इंसान के काम नहीं आता है। इस वजह से एक मात्र विकल्प यही बचता है कि किसी दूसरे इंसान का रक्त काम मे लिया जाए।

‌‌‌एक इंसान के अंदर 4 से 5 लिटर तक रक्त होता है। एक बार डोनेशन के अंदर केवल 250 से 350 मिली लीटर रक्त ही लिया जाता है।

blood donation

Table of Contents

‌‌‌ब्लड डोनेट करने के फायदें Advantages of Blood Donate

दोस्तों ब्लड डोनेट करने के फायदों के बारे मे हम आपको विस्तार से बता देते हैं। ताकि आपको पता चल सके कि इसमे आपको क्या फयदा होने वाला है।

 ‌‌‌रक्तदान के फायदे   ब्लड डोनेशन हर्ट के लिए अच्छा होता है Blood donation is good for heart

‌‌‌रक्तदान के फायदे अच्छा हर्ट के लिए

ब्ल्ड डोनेट करना हमारे हर्ट के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। क्योंकि ब्लड डोनेशन से हर्ट रोग कम हो जाते हैं। रक्तदान से अधिक लौहे का निर्माण नहीं होता है। आयन के स्तर पर रोक लग जाती है। जिससे उत्तक क्षति नहीं हो पाती है। इसके अलावा यह उम्र ‌‌‌को बढ़ने से रोकता है। दिल का दौरा नहीं पड़ता है। स्ट्रोक जैसी बिमारी के अंदर भी सुधार आता है।

अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी द्वारा हुए रिसर्च के अनुसार, साल में कम से कम एक बार रक्त दान करने से आपके दिल के दौरे के जोखिम को 88 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। रिसर्चर बताते हैं कि उच्चे लौहे का स्तर आपकी रक्त वाहिनियों को संकुचित करता है। और इससे दिल का दौरा पड़ सकता है। और जब आप रक्त ‌‌‌दान कर देते हैं तो लोहे का स्तर कम हो जाता है। और धमनियां संकुचित नहीं हो पाती हैं।

 ‌‌‌   बेसिक हेल्थ चैकअप के लिए Basic health Checkup

‌‌‌हेल्थ चैकअप

वैसे देखा जाए तो आप और हम बहुत कम बार खून जांच करवाते हैं। क्योंकि इसकी कोई जरूरत ही नहीं पड़ती है। लेकिन जब हम ब्लड डोनेट करते हैं तो हमे सारी जांच प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। जैसे क्या कमी है ? क्या दिक्कत है। डॉक्टर पूर्ण जांच के बाद ही ब्लड लेते ‌‌‌इसके अलावा आपको एक प्रश्नावली भी भरनी हो सकती है। जैसे आपने हाल ही के अंदर क्या किया है ? आपने कोनसी दवा खाई थी । किस जगह पर आप यात्रा करके आएं हैं। आदि आप से पूछा जा सकता है। यदि आपको कोई प्रश्न करना हो तो आप अपने चिकित्सक से कर सकतें हैं।

‌‌‌चैकअप के अंदर कई चीजों का चैकअप किया जाता है। जैसे

  • नाड़ी
  • रक्त चाप
  • शरीर का तापमान
  • हीमोग्लोबिन का स्तर
  • हेपेटाइटिस बी
  • हेपेटाइटस सी
  • एचआईवी
  • पश्चिमी नील का विषाणु
  • उपदंश
  • ट्रिपैनोसोमा क्रूज़ी

 ‌‌‌     ब्ल्ड डोनेसन के फायदे वजन घटाने मे मददगार

help blood donation

यदि आपका वजन काफी अधिक मात्रा के अंदर बढ़ चुका है तो आप वजन घटाने के लिए भी रक्त का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से 600 किलौरी तक आपका वजन कम हो जाता है। लेकिन वजन घटाने का यही एक मात्र तरीका नहीं होना चाहिए । महिने के अंदर केवल 2 बार ही आप ‌‌‌रक्तदान कर सकते हैं। यदि आप इससे अधिक बार रक्तदान करते हैं तो आपकी सेहत के लिए यह सही नहीं है।

 ‌‌‌       रक्तदान मानसिक संतुष्टी प्रदान करता है Blood donation provides mental satisfaction

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‌‌‌जब हम रक्तदान करते हैं तो किसी ना किसी की सहायता के लिए रक्तदान करते हैं। जिससे हमे मानसिक संतुष्टी भी मिलती है।अधिकतर केसों के अंदर जब किसी रोगी को रक्त नहीं मिलता है तो रक्तदान किया जाना चाहिए । वैसे यदि आप शिविर के अंदर रक्तदान कर रहे हैं तो इसका ज्यादा फायदा नहीं होता है।

‌‌‌क्योंकि हो सकता है जब आपको रक्त की आवश्यकता पड़े तो आपको रक्त ना मिले । लेकिन आप जिस व्यक्ति के लिए रक्तदान करते हैं वह आपके काम अवश्य ही आ सकता है।

‌‌‌लिवर के लिए फायदे मंद है रक्तदान Advantages for liver blood donation

एक अंग्रेजी वेबसाइट के अनुसार रक्तदान करने से लिवर के अंदर होने वाले कैंसर की संभावना कम हो जाती है। रक्तदान से लौहे की मात्रा को कम किया जाता सकता है। जो लिवर की क्षति होने से रोकती है। नियमित रूप से रक्तदान करने वाले व्यक्ति को लिवर की क्षति नहीं ‌‌‌होती है। लिवर की लाइफ को लंबी बनाने के लिए भी रक्तदान करना चाहिए ।

 ‌‌‌    नई कोशिकाएं बनती हैं New cells are created

जब आप रक्तदान करते हैं तो आपके शरीर के अंदर नया रक्त बन जाता है। इसके अंदर 14 दिन तक लग सकते हैं। पुराना रक्त निकलने से आपके शरीर के अंदर नई उर्जा आ जाती है। वैज्ञानिक शोधों के अनुसार निरंतर रक्तदान करने से आपका दिमाग भी बेहतर काम करता है।

कैंसर का खतरा कम होना

दोस्तों रक्त दान करने से कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है। चूहों पर किये गए एक रिसर्च के अनुसार । जब बूढ़े चूहों के अंदर से रक्त को निकाला गया तो उनमे से कैंसर होने की संभावना काफी कम हो गई। यदि आप रक्त दान करते हैं। तो आपके शरीर के अंदर नया रक्त बनेगा । और ‌‌‌जिससे कैंसर होने की संभावना कम हो जाएगी ।

नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भी यह बात सामने आ चुकी है कि रक्त दान कैंसर को कम करने मे बहुत अधिक सहायक होता है।

‌‌‌हानिकारक आयरन स्टोर को कम करना

यू.एस. में हर दो सौ लोगों में से एक को हेमोक्रोमैटोसिस नामक एक बिमारी होती है। इस बिमारी का बहुत से लोगों को तो खुद को भी पता नहीं चलता है।यह बिमारी लौहे के अधिभार के कारण होती है। जो सबसे आम अनुवांशिक बिमारियों मे से एक है। ‌‌‌इस बिमारी का सबसे बड़ा उपचार होता है। अतिरिक्त लौहे कोशिकाओं को हटाना । यदि ऐसे व्यक्ति रक्त दान करते हैं। तो दो दो फायदे होते हैं। पहला तो लौहे के अधिभार कम होता है। और दूसरा किसी को रक्त मिलता है।

‌‌‌गोड वर्क

दोस्तों किसी जरूरत मंद लोगों की मदद करना एक ईश्वरिय कार्य है। और जो इंसान जरूरत मंद लोगों की मदद करता है। वह वास्तव मे भगवान का सबसे प्रिय शिष्य होता है। विभिन्न धर्म शास्त्रों के अंदर यह कहा गया है कि जो इंसान दूसरों की मदद करता है। वह मेरा सबसे अच्छा भगत है। ‌‌‌रक्तदान के अंदर भी आप किसी ना किसी की मदद करते हो । ऐसी स्थिति के अंदर यह सबसे पुण्य का काम होता है।

‌‌‌    अंगों का अधिक सक्रिय होना To be more active in organs

वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार रक्तदान करने के बाद शरीर के अंदर रक्त बनाने वाले अंग काफी तेजी से कार्य करने लग जाते हैं। जिसकी वजह से जितना रक्त डोनेट किया है।उतना रक्त कुछ ही सप्ताह के अंदर वापस बन जाता है।

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‌‌‌ब्लड डोनेसन के नुकसान Loss of Blood Doneson

वैसे देखा जाए तो ब्लड डोनेशन के कोई भी नुकसान नहीं हैं। लेकिन ब्लड डोनेट करने के बाद कुछ हल्के साईड इफेक्ट हो सकते हैं। जिसकी वजह से कुछ समस्या पैदा हो सकती है।

‌‌‌वैसे रक्त दान के बाद लोग कैसा महसूस करते हैं। आइए इस बारे मे कुछ लोगों का एक्सपिरियंस शैयर करते हैं।

हमारे एक साथी जिसका नाम रमेशा था। उसकी सिस्टर काफी बिमार थी। और उसे रक्त की काफी अवश्यकता थी। उसका भाई रमेश ने उसे रक्त दिया । उसने बताया कि डॉक्टर ने सबसे पहले उसके सारे चैकअप किये ‌‌‌उसके बाद वह एक बेड पर लेट गया और उसके  नसों के अंदर सूई लगा दी गई और रक्त को एक बोतल के अंदर भरना शूरू कर दिया । कुछ समय बाद आवश्यक मात्रा पूरी हो गई तो वह बेड़ से खड़ा हुआ । उसके लिए यह पहला मौका था। उसको पकड़ कर बाहर लाया गया । उसके बाद उसने जूस पीया ।

‌‌‌उसके बाद वह घर आ गया। उसके बाद उसने बताया कि उसको चक्कर आने की समस्या काफी दिनों तक रही और काफी दिनों तक कोई काम भी ठीक से नहीं कर पाया था। हालांकि यह समस्या हर दाता के साथ नहीं होती है। यह अधिकतर उन लोगों के साथ होती है जोकि काफी कमजोर होते हैं। ‌‌‌इसी तरीके से मेहंद्र नामक एक अन्य युवा ने रक्त दान के बाद ऐसा कुछ नहीं बताया । उसने बताया कि वह 5 दिनों तक घर पर आराम करता रहा और उसके बाद काम पर चला गया । उसके चक्कर आने जैसी कोई शिकायत नहीं की ।

  • पसीना आना
  • ठंड महसूस होना
  • चक्कर आना
  • उत्तेजना

‌‌कौन कर सकता है रक्तदान Who can donate blood

वैसे तो रक्तदान कोई भी कर सकता है। जिसकी उम्र 16 साल से लेकर 65 साल तक है। और वजन 50 किलो से उपर हो । रक्तदान को सबसे बड़ादान माना जाता है। इस वजह से रक्त का दान किया जाना चाहिए । क्योंकि आपका एक यूनिट किसी की जान बचा सकता है।

‌‌‌इसके अलावा रक्तदान करने वाले व्यक्ति को टी.बी, डेंगू, मलेरिया, किडनी रोगों और मिरगी से पीड़ित, एड्स, जैसे संक्रामक रोग नहीं होना चाहिए । वह एकदम से पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहिए ।‌‌‌इसके अलावा गर्भवति महिलाओं और पिरयिडस के दौरान रक्तदान नहीं किया जाना चाहिए ।रक्तदान के बाद चाय, कॉफी, फलों का रस और दूध, अंडा, जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य लेने चाहिए ।

‌‌‌रक्तदान कौन नहीं  कर सकता है

जैसा कि आपको पता होगा blood donation की भी कुछ कंडिशनस होती हैं। यदि कोई व्यक्ति अपना ब्लड डोनेट करना चाहता है तो उसे इन कंडिशन को देखना होता है। डॉक्टर भी इनके आधार पर डोनर की योग्यता चैक करता है।

‌‌‌आयु

रक्तदान के लिए कम से कम उम्र 17 साल मानी गई है। 17 साल से कम उम्र के लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं। 17 साल के बच्चे अपने माता पिता की सहमती से रक्तदान कर सकते हैं।  हालांकि 18 साल के व्यक्तियों को रक्तदान करने के लिए अपने अभिवावक की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है।

स्टफी नाक, खुजली आंखें, सूखी खांसी की स्थिति मे

रक्तदान तब ही किया जा सकता है। जबतक की आप पूरी तरह से स्वस्थ होते हों । यदि आपको किसी प्रकार की एलर्जी या खासी की समस्या है तो आप रक्तदान  नहीं कर सकते हैं।‌‌‌इसके अलावा यदि आपको सांस लेने मे कोई समस्या है तो आप रक्तदान नहीं कर सकते हैं।

एंटीबायोटिक्स के प्रयोग

यदि आप किसी प्रकार की बिमारी को या उसके वायरल को दूर करने के लिए कोई एंटीबायोटिक्स ले रहे हैं तो आप रक्तदान नहीं कर सकते हैं। आप अंतिम इंजेक्सन के 10 दिन बाद ही रक्तदान कर सकते हैं। आप निम्न कारणों से संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स ले रहे हैं: मुँहासे, क्रोनिक प्रोस्टेटाइटिस, पेप्टिक अल्सर रोग, पीरियडोंन्टल बीमारी, प्री-दंत कार्य, रोसैसा, अल्सरेटिव कोलाइटिस, स्प्लेनेक्टोमी ‌‌‌तो आप रक्तदान नहीं कर सकते ।

दमा की स्थिति के अंदर

यदि आपको दमा की शिकायत है तो आपको रक्त दान नहीं करना चाहिए । क्योंकि दमा के अंदर आपको सांस लेने मे भी समस्या हो सकती है। हालांकि यदि आप दमा से पीड़ित हैं और आपकी सेहत अच्छी है तो आप रक्तदान कर सकते हैं। यह आप पर निर्भर करता है।

रक्तस्राव  की स्थिति

आम तौर पर कुछ लोगों को रक्तस्राव  की समस्या होती है। यदि आपको रक्तस्राव  की समस्या है तो आपको रक्तदान नहीं करना चाहिए ।क्योंकि रक्तदान के अंदर सूई से रक्त निकाला जाता है जिससे रक्तस्राव  हो सकता है।

Blood Pressure

रक्तदान करने से पहले Blood Pressure को भी चैक किया जाता है। यदि आपका Blood Pressure,आपका रक्तचाप कम से कम 90/50 सिस्टोलिक  हो और अधिकतम  दान के समय 100 डायस्टोलिक  तक स्वीकार्य रहता है।

Blood Transfusion

यदि आपके खून के अंदर किसी प्रकार का संक्रमण है तो आपको रक्दान नहीं करना चाहिए क्योंकि यह संक्रमण आपके खून से किसी दूसरे के खून के अंदर जा सकता है। संक्रमण होने पर आप केवल 12 महिने बाद ही रक्तदान कर सकते हैं।

कैंसर

यदि आपको किसी प्रकार की कैंसर की बिमारी है और वह चालू हालत के अंदर है तो आप रक्तदान नहीं कर सकते हैं। लेकिन यदि आपको कैंसर ठीक हुए 12 महिने से अधिक हो चुका है और अब आपको कोई कैंसर की समस्या नहीं है तो आप रक्तदान कर सकते हैं। यदि आपको ब्लड कैंसर है तो आप रक्तदान नहीं कर सकते ।

Creutzfeldt-Jakob रोग

मानव पिट्यूटरी वृद्धि हार्मोन प्राप्त होता है, तो आप दान करने के योग्य नहीं हैं।क्रूटज़फेल्ड-जैकोब रोग की यदि आपको समस्या है तो आप दान करने के योग्य नहीं हैं।

‌‌‌दांत के संक्रमण

यदि आपको कोई दांत की समस्या है तो आपको यह समस्या ठीक होने तक इंतजार करना होगा।  एक दांत संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स खत्म होने तक प्रतीक्षा करें। मौखिक सर्जरी होने के 3 दिन बाद प्रतीक्षा करें

मधुमेह

यदि आपको मधुमेह की शिकायत है और मधुमेह नियंत्रित स्थिति के अंदर नहीं है तो आप रक्तदान नहीं कर सकते किंतु यदि मधुमेह नियंत्रित स्थिति के अंदर है। तो आप रक्तदान कर सकते हैं।

MSM

पुरूषों के साथ पुरूष के संबंध बनाने वालों को रक्तदान के लिए 21 दिसंबर, 2015 को, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन  ने कुछ मानदंड जारी किये थे । हालांकि भारत के अंदर इस संबंध मे कोई रूल है या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है। अमेरिका के अंदर समलेंगिंग जिन्होने 1 वर्ष तक कोई संबंध नहीं बनाए ‌‌‌रक्तदान कर सकते हैं।

इबोला वायरस

यदि आपको इबोला वायरस की समस्या है तो आप रक्तदान करने के योग्य नहीं हैं। ऐसी स्थिति के अंदर आपको रक्तदान नहीं करना चाहिए।

दिल की बीमारी

यदि आपको कोई दिल की बिमारी है लेकिन यदि आपकी बिमारी एक सामान्य स्थिति के अंदर है तो आप रक्तदान कर सकते हैं। लेकिन यदि आपने सर्जरी करवाई है या दिल का दौरा पड़ा है तो आपको कम से कम 6 महिने प्रतिक्षा करनी चाहिए।

हार्ट वाल्व डिसऑर्डर

हार्ट वाल्व डिसऑर्डर की यदि आपको समस्या है और जांच और दवा लेने के बाद यदि आपकी स्थिति के अंदर पूरी तरह से सुधार आ चुका है तो आप रक्तदान कर सकते हैं। इसके लिए आपको पहले अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

HIV, AIDS

यदि आपको एचआईवी है और परिणाम सकारात्मक आता है तो आपको कभी भी रक्तदान नहीं करना चाहिए । यदि आपको एचआईवी होने के लक्षण नजर आ रहे हैं तो भी रक्तदान नहीं करना चाहिए क्योंकि यदि आपको एचआईवी होगा तो आपके खून के द्वारा दूसरे के अंदर भी जा सकता है।

‌‌‌वजन और रक्त की मात्रा

यदि आपका वजन काफी कम है तो आपको रक्तदान नहीं करना चाहिए । इसके अलावा आपके अंदर उचित खून की मात्रा का भी होना आवश्यक होता है। यदि कम खून होगा तो रक्तदान करने के बाद आपको चक्कर आ सकते हैं। इस वजह से जितना अधिक खून होगा उतना ही अच्छा है।

ज़िका वायरस

यदि आपको जिका वायरस ने जकड़ रखा है तो आपको सबसे पहले अपनी बिमारी का उपचार करवाना चाहिए । उसके बाद फिर से परीक्षण करवाना चाहिए कि वायरस मौजूद है या नहीं । फिर 120 दिन तक प्रतिक्षा करें यदि कोई लक्षण ना दिखाई करें तो रक्तदान अवश्य करें ।

‌‌‌रक्तदान के बाद क्या खाना चाहिए

‌‌‌रक्त दान के बाद क्या खाएं

बहुत से डोनर को यह पता नहीं होता है कि रक्तदान के बाद क्या खाना चाहिए । हम आपको बता दें कि रक्तदान के बाद लौहे युक्त चीजें खानी चाहिए । जिससे आपके शरीर के अंदर हीमोग्लोबिन  अच्छा रहता है। ‌‌‌रक्तदान के बाद आप कई अन्य खाध्य पदार्थ का भी सेवन कर सकते हैं। जैसे हरा, पत्तेदार

‌‌‌सब्जी

  • मसूर की दाल
  • केले
  • काजू
  • तिल के बीज
  • सूखे फल
  • डार्क चॉकलेट
  • अंडे
  • लौह-मजबूत अनाज और ब्रेड
  • ब्राउन चावल
  • जिगर
  • काले सेम
  • धूप में सूखे टमाटर
  • सूरजमुखी के बीज
  • सूखा आलूबुखारा
  • आलू
  • जैतून
  • लाइमा बीन्स
  • मटर
  • स्विस कार्ड
  • गोभी
  • जीरा
  • एस्परैगस
  • अजमोद
  • काली मिर्च
  • कद्दू के बीज
  • हल्दी
  • बीट

सोयाबीन भी आप खा सकते हैं। इसके अलावा यदि आप रक्त दान कर चुके हैं तो आपको कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए । जैसे आप रक्तदान के तुरन्त बार शराब ना पीएं , कोई गाड़ी वैगरह नहीं चलाएं , रक्तदान के बाद कोई वजनदार काम ना करें। ‌‌‌ इसके अलावा चिप्स कुरकुरे कोल्ड डिं्रक आदि का सेवन ना करें ।

रक्त दान के बाद आपको खूब पानी पीना चाहिए। और इसके अलावा रक्तदान के बाद आपको आराम जरूर करना चाहिए।

‌‌‌रक्तदान करने के बाद क्या करना चाहिए ?

बहुत से लोग जब पहली बार रक्तदान करते हैं। तो उनको इस बारे मे ज्यादा पता नहीं होता है। इस वजह से वे कई बार परेशानी के अंदर फंस जाते हैं। और कुछ ना कुछ गलती कर ही बैठते हैं। नीचे हम आपको कुछ टिप्स बता रहें । जिससे आपको पता चलेगा कि रक्तदान के बाद क्या ‌‌‌और कैसे करना है?

‌‌‌धूप मे ना निकले

यदि आप रक्तदान कर चुके हैं। और आप फिर से नोर्मल होना चाहते हैं तो आप 2 से 3 दिन तक धूप के अंदर नहीं निकलना चाहिए। यदि आप नोर्मल महसूस करते हैं तो ही आपको धूप के अंदर बाहर निकलना चाहिए। नहीं तो आपको आराम करना चाहिए ।

‌‌‌वजन वाले काम ना करें

जब आप रक्तदान करके आये हो तो कुछ समय तक वजन उठाने वाले काम जैसे एक्सरसाइज दौड़ना आदि ना करें । ऐसा करने से आपको समस्या हो सकती है। ऐसा तभी करें जब आपको लगे की आप अब पूरी तरीके से नोर्मल हो चुके हैं। और आपको अपनी एनर्जी पूरी तरीके से महसूस हो ।

‌‌‌नशीली पदार्थों के सेवन से दूर रहे

यदि आप को कोई दारू या किसी भी तरीके का नशा करने की आदत है तो आपको रक्त दान के बाद कम से कम 2 दिन तक इसे छोड़ देना चाहिए क्योंकि यह परेशानी को बढ़ा सकते हैं। बस आप चाहे तो ज्यादा से ज्यादा जल का सेवन कर सकते हैं।

लिक्विड ‌‌‌ की ज्यादा मात्रा ले

‌‌‌आमतौर पर जो कमजोर लोग होते हैं। यदि वे रक्तदान करते हैं तो उनके शरीर मे कमजोरी आ जाती है। और उसके बाद वे खुद को कमजोर महसूस करते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर चक्कर आने की संभावना होती है। यदि आप ज्यादा जल का सेवन करते हैं तो आपकी कमजोरी अपने आप ही दूर हो जाएगी ।

‌‌‌रक्त स्त्राव की स्थिति मे डॉक्टर से संपर्क करें

कुछ लोगों के साथ होता यह है कि जहां से रक्त लिया जाता है। वहां पर रक्त स्त्राव होने लगता है। यदि आप कुछ समय तक हाथ से नस को दबा कर रखेंगे तो यह अपने आप ही रूक जाएगा । लेकिन यदि फिर भी नहीं रूकता है तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

‌‌‌खुद को खुश रखने का प्रयास करें

अक्सर कुछ लोगों के मन मे रक्तदान के बाद इस प्रकार से ख्याल आने लग जाता है कि यदि वे रक्तदान नहीं करते तो कम से कम इस प्रकार की समस्या से बचा जा सकता था। यदि ऐसा है तो आपको ज्यादा से ज्यादा पॉजिटिव चीजों पर विचार करना चाहिए । ‌‌‌और अच्छे कार्यकर्म को देखना चाहिए । ताकि आपका दिमाग सकारात्मकता की ओर रूख कर सके ।

process of blood donation

blood donation process

लेख के अंदर हम आपको और भी कई चीजों के बारे मे विस्तार से बताना उचित समझते हैं। जैसे किस तरीके से रक्तदान की प्रोसेस होती है। ताकि आपको चीजें अच्छी तरीके से समझ मे आ सके । ‌‌‌वैसे ब्लड डोनेट करने की प्रोसेस कोई जटिल नहीं होती है। इंडिया के अंदर रक्तदान करना काफी सरल है। और इसी वजह से आसानी से कोई भी रक्तदान कर सकता है। ‌‌‌आपको बतादें की रक्त दान के अंदर 30 से लेकर 40 मीनट लगते हैं।जोकि वास्तव मे कोई ज्यादा समय नहीं है।

‌‌‌ब्लड बैंक की खोज या परिजन को रक्तदान करना

दोस्तों रक्तदान दो तरीके से किया जा सकता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं। जोकि जरूरत पड़ने पर रक्त दान देते हैं। जबकि कुछ लोग किसी ब्लड डोनेशन कैंप के अंदर भी रक्त दान कर सकते हैं। मैं आपको सजेशन दूंगा कि आप केवल जरूरत पड़ने पर ही दान दें तो अच्छा ‌‌‌होगा ।

‌‌‌दाता की आवश्यकताएं

दूसरी स्टेप्स के अंदर आता है। दाता की आवश्यकताएं ।यहां पर आपके वजन को चैक किया जा सकता है। और यदि आपका वजन मानक वजन से कम है तो संभव है आप रक्तदान नहीं कर पाएंगे । इसके अलावा यहां पर आपकी उम्र को चैक किया जाता है। पहचान के रूप मे दस्तावेज देना होता है।

पंजीकरण फ़ॉर्म

उसके बाद आपको एक पंजीकरण फ़ॉर्म भरना होता है। जिसके अंदर आपकी पूरी डिटेल दी हुई होती है। जैसे आपका नाम पता एड्रस और पहचान । आपको इसे भरकर अपना सिग्नेचर करके जमा करना होता है।

प्री-डोनेशन स्क्रीनिंग

एक ब्लड बैंक कर्मचारी आपसे आपके स्वास्थ्य, जीवन शैली और रोग आदि के बारे मे जानकारी मांगेगा । यह सब जानकारी एकदम से गुप्त रखी जाएगी ।उसके बाद आपके रक्त की जांच की जाएगी । इसमे कई प्रकार के टेस्ट होगें । और कर्मचारी यह देखेगा कि आपके रक्त के अंदर लौहे का स्तर है या नहीं ?

‌‌‌रक्त दान अंतिम चरण

उसके बाद आपको एक बेड पर लिटाया जाएगा और आपकी आंखों पर एक सफेद पटटी बांध दी जाएगी । ताकि आप रक्त को देख ना सकें । सफेद पटटी इसलिए बांधी जाती है। ताकि कुछ लोगों को रक्त देखकर डर ना लगे । आमतौर पर बहुत से लोग खून देखकर डर जातें हैं। ‌‌‌रक्तदान के इस अंतिम चरण के अंदर अंत मे रक्त को एक बोतल मे एकत्रित कर लिया जाएगा ।आपका केवल एक यूनिट रक्त निकाला जाएगा । उसके बाद आप तब तक वहां पर रह सकते हैं। जब तक आप अच्छा महसूस नहीं करते ।

वैसे दोस्तों आपको बतादें कि रक्तदान करना एक आपके लिए अच्छा विचार हो सकता है। जैसा कि आपने उपर दिये गए लेख के अंदर पढ़ ही लिया होगा । यदि आप रक्तदान करना चाहते हैं। तो अपने आस पास रक्तदान के लिए शिविर होता है। वहां पर जाकर आप रक्तदान कर सकते हैं। उससे कोई भी समस्या नहीं होगी । हालांकि यदि आपकी उर्जा काफी अधिक कमजोर है। तो फिर आपको रक्तदान नहीं करना चाहिए । आपका रक्त लिया जा सकता है। या फिर नहीं लिया जा सकता है। इसके बारे मे आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। उसके हिसाब से आप कर सकते हैं।

हालांकि आपको इस बात का ध्यान रखना जरूरी है। कि यदि आपको किसी तरह की बीमारी जैसे कि उपर बताया गया है तो फिर आपको रक्तदान नहीं करना चाहिए । नहीं तो हो सकता है कि इससे आपको कोई फर्क ना पड़े लेकिन आप जिस भी मरीज को आप रक्तदान कर रहे हैं। उसका उसको काफी भयंकर नुकसान हो सकता है। इसलिए रक्तदान भी आपको सोच समझकर ही करना चाहिए ।

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pooja dixit

dr pooja dixit ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा की पढ़ाई की है। पोषण और मेडिकल से यह वर्तमान मे जुड़ी हुई हैं। और यह अक्सर पोषण से जुड़ी समस्याओं और मेडिकल से जुड़ी समस्याओं पर लिखती रहती हैं। वर्तमान मे यह खुद का अपना अस्पताल चलाती हैं। पोषण और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं पर यह काफी अनुभव रखती हैं और इन्होंने इस संबध मे काफी कुछ किया है।