घटपर्णी क्या होता है ? मांसहारी पौधे के कुछ मजेदार fact

घटपर्णी क्या होता है? Nepenthes के बारे मे आइए इस लेख के अंदर विस्तार से जानते हैं। दोस्तों आपको पता होगा कि दुनिया के अंदर ऐसे पेड़ पौधे भी पाये जाते हैं जोकि मांस खाते हैं। यह पौधे कीड़े मकोड़ों को अपना भोजन आसानी से बना लेते हैं। मांसहारी पेड़ पौधों के बारे मे सबसे पहले  1875 ‌‌‌के अंदर ऐसे पेड़ पौधों के बारे मे सबसे पहले डार्विन ने बताया था । उन्होंने कहा था कि कुछ ऐसे पेड़ पौधे हैं जोकि छोटे मोटे कीड़ों को अपना भोजन बनाकर खा जाते हैं। ‌‌‌घटपर्णी भी एक मांसहारी पौधा है।

जो मांस खाता है। ‌‌‌आपको पता होगा की सामान्य पौधे प्रकाश संश्लेषण विधि से अपना भोजन बनाते हैं। वे ऐसी स्थिति के अंदर ऑक्सिजन मुक्त करते हैं। जबकि मांसहारी पौधे ऐसी जगह पर उगते हैं जो दल दली होती है। और वहां नाइट्रोजन नहीं होने की वजह से वे कीड़े को पकड़कर उनको खाते हैं।

घटपर्णी क्या होता है

घटपर्णी क्या होता है?

‌‌‌घटपर्णी असम, मलेशियाई बोर्नियो, सबा में माउंट किनाबालु और पड़ोसी माउंट तंबुयुकॉन मे भी पाई जाती है। के अंदर पाया जाने वाला एक मांसहारी पौधा है जो कीड़ों को अपना भोजन बनता है।असम के खासी पहाड़ियों में पाई जाती है। नेपेंथेसी कुल का यह पौधा है। ‌‌‌घटपर्णी पौधे तंतुओं के सहारे उपर की ओर चढ़ते हैं। यह तंतु पतियों की माध्यम शिराओं के अंदर बढ़ोतरी से बनते हैं।

तंतुओं के जो शिरे वाला पार्ट होता है। वह घड़े के आकार का होता है। जिसे घट कहते हैं। ‌‌‌घड़े के मुख के एक ओर ढकन जुड़ा हुआ होता है। जोकि शिशु अवस्था के अंदर इसका मुख बंद करने का काम करता है। घट अंदर की तरफ मुड़ा होता है। और इसके अंदर कई सारी मधुग्रंथियाँ होती हैं। इसके अलावा पाचन ग्रंथियां भी होती हैं। इनकी संख्या समान होती है। नेपेंथीस स्टेनोफिला (Nepenthes Stenophylla) में प्रति घन सेंमी मे पांचन ग्रंथियों की संख्या 6000 के आस पास होती है।

‌‌‌घटपर्णी या Nepenthes rajah आईयूसीएन द्वारा लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 1858 में माउंट किनाबालु पर इस की प्रजातियों को ह्यूग  के द्वारा एकत्रित किया गया और जोसेफ डाल्टन हूकर ने इस पौधे के बारे मे वर्णन किया था ।1881 के बाद इस पौधे की खेती की जाने लगी । अब यह खेती के ‌‌‌अंदर काफी व्यापक हो चुका है।

नेपेंथेस राजजा अपने विशाल आकार के जाल के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्व है। इसका जाल 41 सेमी ऊंचा  और 20 सेमी चौड़ा हो सकता है। जो अपने अंदर 4 लीटर तक पाचक पदार्थ रखने मे भी सक्षम है।

‌‌‌घटपर्णी या नेपेंथेस राजजा का नामाकरण

जोसेफ डाल्टन हूकर ने 18 9 5  के अंदर घटपर्णी के बारे मे वर्णन किया था । सरवाक के पहले व्हाइट राजा सर जेम्स ब्रुक के सम्मान में इसका नाम नेपेंथेस राजजा दिया गया था ।हालांकि अब इस नाम को गलत माना जाता है। घटपर्णी को कभी कभी विशालकाय पिचर प्लांट भी कहा जाता है।

basic characteristics

जैसा कि हम आपको पहले बता चुके हैं। इसमे एक घट होता है। उसके उपर ढकन भी होता है। जोकि वर्षा को घट के अंदर प्रवेश करने से रोकता है।इसके पते झुके हुए होते हैं । जो कीड़ों को आने मे काफी मददगार होते हैं।नेपेंथेस राज, जीनस की अधिकांश प्रजातियों की तरह, दो अलग-अलग प्रकार के जाल पैदा करता है। “लोअर” pitchers सबसे आम हैं।

सबा सोसाइटी की मार्च 2011 की यात्रा मेसीलाऊ में 41 सेमी पिचर मिल गई थी ।यह मेसीलाऊ मुख्यालय में संरक्षण के लिए एकत्र किया गया था।  उसी दिन 40 सेंटीमीटर का एक और जाल देखा गया था।  एन राजजा पिचर के लिए पिछले रिकॉर्ड 38 सेमी था।

घटपर्णी क्या होता है

एन राज के निचले पिचर्स शायद मात्रा में जीनस में सबसे बड़े हैं, केवल एन मेरिलियाना, एन ट्रुनकाटा और एन रैफलेसियाना  इसके बराबर पिचर्स रखते हैं।यह जाल या पिचर्स आमतौर पर जमीन पर आराम करते हैं और जब कोई कीड़ा वैगरह दिखाई देता है तो उसकी और झुकाव दर्शाते हैं।

‌‌‌यह आमतौर पर बाहर बैंगनी लाल रंग के होते हैं और अंदर की सतह बैंगनी रंग की होती है।यह पौधे के अन्य हिस्सों से बिल्कुल अलग होते हैं।एन राज के निचले पिचर्स अचूक हैं ।और इस कारण से इसे अन्य सभी बोर्नियन नेपेंथेस प्रजातियों से अलग करना आसान रहता है। ‌‌‌उपरी और निचले पिचर्स मोर्फोलॉजी के अंदर भिन्न होते हैं। उपर पिचर्स लाल रंग के होठ के आकार के होते हैं। जबकि नीचे से इनका रंग अलग होता है। और आकार लगभग संकड़ा हो जाता है। ‌‌‌इस पौधे के लगभग सभी हिस्सों पर बाल होते हैं। लेकिन जब पौधा परिपक्व हो जाता है तो बालों की कमी हो जाती है। और यह चमकदार बन जाते हैं।

‌‌‌घटपर्णी क्या क्या खाता है?

 

जैसाकि आप जान ही चुके हैं कि घटपर्णी एक मांसहारी पौधा है। जो मांस खाना पसंद करता है।यह कभी-कभी कशेरुकी, यहां तक कि छोटे स्तनधारियों को फँसाने के लिए प्रसिद्ध है। यहां तक की छिपकली और छोटे मोटे कीड़ों को खाना तो इसके लिए बहुत ही आम बात है। एन राजजा पिचर्स में पाए गए डूबने वाले चूहे  के दो रिकार्ड मौजूद हैं। पहली अवलोकन 1862 से हुई थी और स्पेंसर सेंट जॉन ने किया था।1 9 88 में, एंथिया फिलिप्स और एंथनी लैम्ब ने भी इस बात की पुष्टी की थी । जिससे साबित होता है कि यह चूहे को भी खा जाता है। 2011 में, एन राजजा पिचर में एक डूब गए पहाड़ ट्रेशू (तुपिया मोंटाना) की खोज की गई थी । घटपर्णी या एन राजजा कई बार छोटे मोटे स्तनधारियों को भी खा जाता है। इसमे ब्रुनेई व मेढ़क भी शामिल हैं।

 

 

लोकप्रियता

वैसे नेपेंथेस राजा काफी लोकप्रिय पौधा है। इस पौधे को कई फिल्मों के अंदर भी दिखाया गया है। शेजो कुर्ता की पुस्तक माउंट किनाबालु 1976 के अंदर इस पौधे की विभिन्न विशेषताओं और फ्रोटोग्राफी दी गई है। नेपेंथेस राज कई लोकप्रिय नेपेंथेस प्रकाशनों के कवर पर दिखाई दिए हैं, जिनमें माउंट किनाबालु  1 9 76 के नेपेंथेस और बोर्नियो क्लार्क, 1 99 7    6 अप्रैल, 1 99 6 को, मलेशिया ने अपनी कुछ अधिक प्रसिद्ध नेपेंथेस प्रजातियों को दर्शाते हुए चार डाक टिकटों की एक श्रृंखला जारी की थी।इसके अलावा कई टीवी चैनलों पर ‌‌‌भी इस पौधे को कई बार दिखाया जा चुका है।

माउंट किनाबालु, बोर्नियो

माउंट किनाबालु और पड़ोसी माउंट तंबुयुकॉन मे पाया जाता है। यह मलेशिया के राष्टिय उधान किनाबालु के अंदर पाये जाते हैं।किनाबालु काफी लम्बा पहाड़ है।बोर्नियो  द्विप पर यह सबसे उंची चोटी है।पहाड़ की नीचली सतह शेल से बनी हुई है। यहां पर कई दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं।

सर्पिन मिट्टी पर नेपेंथेश राजा बढ़ता है। मतलब यह ऐसी जगह पर पैदा होता है। जहां पर रेत के अंदर क्रोमियम की सांद्रता अधिक होती है।अल्ट्रामाफिक मिट्टी जोकि किनाबालू के अंदर बाई जाती है। ऐसी मिटटी के अंदर यह आसानी से उग जाता है।नेपेंथेस राज आमतौर दलदली इलाकों मे अधिक उगता है।

इस क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा लगभग 3000 मिमी है। और रात के समय अधिक ठंड पड़ती है। और दिन के समय इन पौधे के आस पास का तापमान 25 डिग्री के आस पास पहुंच जाता है।यह पौधे भयंकर हवाओं का सामना भी करते हैं और तीव्र प्रकाश के संपर्क मे रहते हैं।

 

Nepenthes या घटपर्णी की कई प्रजातियां मौजूद हैं। जोकि विभिन्न भागों के अंदर पाई जाती हैं।Nepenthes राजजा भी इसकी एक प्रजाति है। घटपर्णी के अंदर मासहारी पौधे का जिन्स है। इस जीनस के अंदर लगभग 170 प्रजातियां पाई जाती हैं।

कई प्राकृतिक और कई खेती हुई संकर शामिल हैं। वे ज्यादातर दक्षिण चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस  के अंदर भी पाये जाते हैं।पश्चिम की तरफ मेडागास्कर 2 प्रजातियां और सेशेल्स ‌‌‌की तरफ 1 प्रजाति। दक्षिण की ओर ऑस्ट्रेलिया (3) और न्यू कैलेडोनिया 1 और उत्तर की ओर भारत 1 और श्रीलंका 1 बोर्नियो, सुमात्रा और फिलीपींस पर कई ‌‌‌प्रजातियां पाई जाती हैं।

 

‌‌‌घटपर्णी शिकार कैसे करता है ?

घटपर्णी के बारे मे हम आपको बता ही चुके हैं कि यह चूहों तक का शिकार आसानी से कर लेता है। और उनको पचा भी लेता है। इस पौधे के अंदर घट होता है। जैसा कि आप चित्र के अंदर देख रहे हैं। और उस घड़ेनुमा संरचना के अंदर पानी या कोई द्रव भरा रहता है। शोध के अंदर यह पता चला है। ‌‌‌कि इस घट के अंदर विस्कोलेस्टिक बायोपॉलिमर्स नामक पदार्थ होता है। इस पदार्थ की फंसाने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है।यह गीले अवस्था के अंदर होता है।

https://en.wikipedia.org/wiki/Wiki
https://en.wikipedia.org/wiki/Wiki

जाल के निचले हिस्से में ग्रंथियां होती हैं जोकि शिकार से प्राप्त होने वाले पोषक तत्वों को अवशोषित करने का काम करती हैं। जाल के प्रवेशद्वार पर पेरिस्टोम नामक संरचना होती है। होंठ के जैसे यह होती है। यह लाल आकार की होने की वजह से अपने शिकार को आकर्षित करती है। ‌‌‌इसके उपर एक फिसलन बनी होती है जोकि किड़े को अंदर गिरने मे मदद करती है।इस होंठ के उपर एक ढकन या ऑपरकुलम होता है।

जो बारिश को अंदर गिरने से बचाता है। ‌‌‌कीड़े मकोड़े और अन्य छोटे जीव जब इस पौधे के घट पर आकर बैठते हैं तो यह इसके अंदर गिर जाते हैं। इसके अंदर तरल पदार्थ होता है। जिसमे गिरने के बाद यह जीव वापस बाहर नहीं निकल पाते हैं। उसके बाद इनको विशेष रसायनों की मदद से पचाया जाता है।एन रैफलेसियाना और एन राजजा जैसी बड़ी प्रजातियां चूहों और ‌‌‌छिपकली तक को खा जाती हैं।

‌‌‌घटपर्णी को घरों के अंदर भी लगाया जाता है

वैसे घटपर्णी इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाता है। इसकी कई प्रजाति होती हैं। जिनका प्रयोग लोग घरों के अंदर भी करते हैं। वैसे देखने मे यह पौधा काफी शानदार और अजीबो गरीब भी होता है। इसका घरों के अंदर प्रयोग करने का एक फायदा यह भी है कि यह लार्वा वैगरह को ‌‌‌साफ कर देता है।

Nepenthes या घटपर्णी पौधे की प्रजातियां

आपको बतादें कि इस पौधे की कई सारी प्रजातियां मौजूद हैं। जिनमे से कुछ के बारे मे हम नीचे बता रहे हैं। उन सभी का यहां पर वर्णन करना संभव नहीं है।

Nepenthes truncata

Nepenthes truncata भी इसी प्रजाति का एक पौधा होता है। यह भी मांसहारी है। यह फिलीपींस दीनागेट, लेयटे और मिंडानाओ के द्वीपों से जाना जाता है। इसकी प्रजाति समुद्र तल से 1500 मिटर की उंचाई पर बढ़ती है। नेपेंथेस ट्रंकटाटा को बहुत बड़े पितयों और पिचर्स के लिए जाना जाता है।इसके पिचर्स की उंचाई 40 सेमी तक पहुंच सकती है। 2 9 सितंबर, 2006 को फ्रांस के ल्योन में बॉटनिकल गार्डन में, एक नेपेंथेस ट्रंकटाटा को एक चूहे के पकड़े हुए चित्रित किया गया था। रैफलेसियाना और एन राजजा की तरह यह भी चूहे और छोटे स्तनधारियों का आसानी से शिकार कर लेता है।

Nepenthes alata

यह पिचर्स प्लांट माउंट अंबुकाओ, बानायू और सगाडा, उत्तरी लुज़ोन, फिलीपींस के पास पाया जाता है। अन्य मांसहारी पौधों की तरह यह भी एक मांसहारी पौधा है। अपनी बनावट की वजह से कीड़ों को आकर्षित करता है। और उसके बाद द्रव मे डुबोकर उनको पचा लेता है। ‌‌‌यह समुद्र तल से समुद्र तल से 0-1, 9 00 मीटर तक पाया जाता है। और यह पौधों खेती करने के लिए सबसे ज्यादा प्रयोग मे लिया जाता है।

Nepenthes bicalcarata

इसको फेंगड पिचर-प्लांट भी कहा जाता है, यह एक उष्णकटिबंधीय  कटिबंधिय पिचर्स प्लांट है।इंडोनेशिया के उत्तर-पश्चिमी बोर्नियो के अंदर यह पाया जाता है।

इसमे  विस्कोलोस्टिक  और पाचन एंजाइम भी पाये जाते हैं।बोर्नियो में लॉस नदी के पास ह्यूग लो और ओडोर्डो बेकरी द्वारा एकत्र किए गए नमूनों के आधार पर नेपेंथेस बिकलकाटा डाल्टन हूकर ने अपने 1873 मोनोग्राफ, “नेपेंथेसेई” में वर्णित किया था।नेपेंथेस बाइकलकाटा को 1879 में ब्रिटिश एक्सप्लोरर फ्रेडरिक विलियम बरबिज द्वारा यूरोप में पेश किया गया था,और इस पौधे की खेती भी की गई और इसको वितरित भी किया गया था।

Nepenthes ampullaria

बोर्नियो, मालुकु द्वीप समूह, न्यू गिनी, प्रायद्वीपीय मलेशिया, सिंगापुर, सुमात्रा और थाईलैंड में मौजूद उष्णकटिबंधीय पिचर प्लांट है।वैसे देखा जाए तो इस पौधे का जीनस मांसहारी पौधे से अलग विकसित हुआ है।

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यह अपने पिचर्स के अंदर गिरने वाले कूडे को पचा लेता है। ‌‌‌इस पौधे के पिचर्स आमतौर पर छोटे होते हैं।शायद 10 सेमी ऊँचाई और चौड़ाई में 7 सेमी से अधिक होते हैं।पिचर्स हल्के हरे रंग से पूरी तरह से गहरे लाल रंग में रंगांकन में होते हैं एन ampullaria के स्टेम रंग में हल्के भूरा है और ऊंचाई में 15 मीटर चढ़ सकते हैं। पत्तियां हल्की हरी होती हैं, 25 सेमी लंबी होती हैं, और 6 सेमी चौड़ी होती हैं। पिचर्स 15 मिनट से अधिक लंबे शॉर्ट ट्रिल्स के सिरों पर उत्पादित होते हैं।

 

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arif khan

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