6 तरीके से technology का यूज ना करें वरना हो जाएगी यादाश्त कमजोर

दोस्तों जरा सोचो आज से 50 साल पहले हमारे पास कोई मोबाइल फोन नहीं था । और साधन भी बहुत कम होते थे । यानि हर काम को करने के लिए हमें मेहनत करनी पड़ती थी। और लोग करते भी थे । तो दिमागी रूप से स्वस्थ भी रहते थे । किंतु आज का कोई व्यक्ति ‌‌‌बिना मोबाइल के बिना लैपटॉप के जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता । शोध यह बताते हैं कि यांत्रिक चीजों के हम इस प्रकार से आदी हो चुके हैं कि इनके बिना हम कुछ कर ही नहीं सकते ।

‌‌‌पहले हमारे पूर्वज गुणा भाग के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करते थे । उनके पास आज की तरह आधुनिक कैलकैलुटर नहीं था । किंतु आज हमे यदि कोई जोड़ भाग करने को कहे तो हम फटाक से मोबाइल फोन निकाल लेते हैं। अपने दिमाग का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करते ।

‌‌‌दोस्तों जितना ज्यादा हम टेक्नॉलाजी का प्रयोग कर रहे हैं। उतनी ही हमारी यादाश्त कमजोर हो रही है। अब हम सरल से सरल काम भी अपने दिमाग से नहीं वरन technology की मदद से करना चाहते हैं।

‌‌‌जापान के अंदर हुए शोधो मे 20 से 35 साल के शोर्ध कर्ताओं को शामिल किया गया। शोध के परिणामों के अंदर पाया गया है कि प्रत्येक 10 मे से 2 लोग मैमोरी लॉस के शिकार हैं।

‌‌‌वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि अब लोग दिमागी कसरत नहीं करते इस वजह से ऐसा हो रहा है।

‌‌‌1.गुणा भाग जोड़ के लिए कैल्कुलेटर का प्रयोग नहीं करें

आजकल देखने को मिल रहा है कि कोई भी गुणा भाग करना हो हम अपने दिमाग का उपयोग नहीं करते । वरन गुणा भाग के लिए अपने मोबाइल को निकालते हैं। और उसी से गुणा भाग करते हैं। यदि आप भी रोज ही ऐसा करते हैं तो याद रखें धीरे धीरे आपके दिमाग से गुणा

‌‌‌भाग करने की क्षमता का नुकसान होजाएगा । और आपका दिमाग इस गणितिय क्षमता को खो देगा । इसलिए अपने दिमाग से ही किसी भी गणितिए समस्या को हल करें जिससे दिमागी यादाश्त मे व्रद्वी होगी ।

‌‌‌2.मोबाइल नम्बर अपने दिमागी मैमोरी मे सेव रखें

हम सभी मोबाइल नम्बरों को अपने फोन के अंदर सेव रखते हैं। ऐसा करने से भी आपकी यादाश्त कमजोर हो जाती है। क्योंकि आपके याद करने की क्षमता घट जाती है। इसलिए जहां तक हो सके कॉन्टेक्ट नम्बरों को अपने दिमाग की मैमोरी मे फीड़ करें ।

 

‌‌‌‌‌‌3.सोचना बंद कर देना

जैसे जैसे हमारी technology पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। वैसे वैसे हम अपने दिमाग का प्रयोग कम करते आ रहे हैं। कई लोग तो ऐसे हैं जोकि छोटी छोटी समस्या का भी हल नेट पर तलास रहे हैं।

यदि आप भी ऐसा कर रहे हैं। तो इससे आपकी यादाश्त कमजोर हो सकती है। ‌‌‌इसलिए आपको अपनी समस्या का हल करने के लिए पहले अपने दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए । उसके बाद आपको नेट की मदद लेनी चाहिए। जिससे आपकी यादाश्त भी तेज बनी रहेगी । याद रखे आप जितना ज्यादा अपने दिमाग का प्रयोग करेंगे आपकी यादाश्त उतनी ही तेज होगी ।

‌‌‌4. हमेशा नेट से ना चिपके रहें

यदि आपको हमेशा नेट से चिपके रहने की आदत लग कई है तो यह गलत है। आपका नेट से हमेशा चिपके रहना आपकी यादाश्त पर भी असर डालता है। क्योंकि नेट पर आप निरंतर कुछ ना कुछ देखते रहते हैं। और इन चीजों का दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। जैसे बल्यू वैहेल गेम दिमाग के सोचने ‌‌‌और समझने की क्षमता खत्म कर देता है। इसलिए जहां तक हो सके नेट पर सारे दिन चिपके नहीं रहें केवल काम की चीजे देखें।

‌‌‌5.केवल मनोरंजन मे पूरा समय व्यतीत ‌‌‌करना

कई लड़कों को गेम खेलने की आदत । नेट पर मूवीज देखने की आदत पड़ जाती है। जिसकी वजह से वे अपना सारा समय इन चीजों के अंदर गवा देते हैं। यदि आप भी ऐसा कर रहे हैं तो इससे भी आपकी यादाश्त पर असर पड़ता है। क्योंकि ‌‌‌धीरे धीरे आपको यह चीजे देखना इतना पसंद आ जाता है कि आप दूसरी चीजों की तरफ ध्यान ही नहीं देपाते हैं। और अपने दिमाग का बिल्कुल भी कठिन कार्यों के अंदर प्रयोग नहीं करना चाहते । जिससे आपकी यादाश्त पर धीरे धीरे असर पड़ने लग जाता है।

‌‌‌6.जन्मदिन पासर्वड जैसी दैनिक जानकारी के लिए गैजट का इस्तेमाल

आजकल हम रोजमर्रा की जानकारी भी याद नहीं रखपाते हैं। यहां तक की आज क्या वार है। यह भी हमे मोबाइल के अंदर देखना पड़ता है। यानि हम काफी आलसी हो चुके हैं। यदि आप भी ऐसा करते हैं तो अपने आप मे सुधारे । ऐसा करने से आपकी मैमोरी पावर कम ‌‌‌हो रही है। सो इन चीजों को अपने दिमाग के अंदर फीड करके रखने की कोशिश करें । याद रखें यह छोटी छोटी चीजें ही आपकी यादाश्त को बनाए रखने मे मदद करती हैं।

‌‌‌तो दोस्तों यह थी कुछ वजह जिनसे हमारी दिमागी मैमोरी पर नेट का बुरा असर पड़ रहा है। हमारी यादाश्त भी खत्म होती जा रही है।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।