होली पर हास्य कविता मजेदार हास्य कविताएं होली की बाल कविताएं

‌‌‌दोस्तों कुछ लोगों को होली पर हास्य कविता को पढ़ना या बोला काफी पसंद होता है। उन्हीं को ध्यान मे रखते हुए हमने कुछ हास्य कविताओं को लिखा है। यदि आपको यह कविताएं अच्छी लगी हो तो आप नीचे कमेंट कर बताएं । यदि आपको होली पर किसी अन्य विषय पर कोई हास्य कविता चाहिए तो आप कमेंट कर सकते हैं।

होली पर हास्य कविता

‌‌‌होली पर पति और पत्नी हास्य कविता

तू हमेशा मेरे पीछे पड़ी रहती है आज होली है

चैन से दारू पीने दे ।

तेरा यह रोज का नाटक है बेवड़े कम से कम आज तो

सकून से जीने दे

‌‌‌जीले अपनी जिंदगी मैंने क्या तेरा

हाथ पकड़ रखा है।

भाग जाती किसी के साथ गधे पर क्या करें

समाज की जंजीरों ने मुझे जकड़ रखा है

‌‌‌अरे साली मैंने निशाना तो किसी और पर

मारा था पर क्या करूं निशाना ही चूक गया

तेरे जैसे पति का क्या करूं जो उपर से तो पीला

पड़ चुका है पर नीचे से भी सूख गया ।

‌‌‌होली पर तो कम से कम गलत शब्द मत निकाल

अरे साली

इस दारू को फेंक दे और चुप चाप सो जा

वरना मेरा वार नहीं ‌‌‌जाएगा खाली

‌‌‌स्कूल मे टीचर और बच्चे

सर बताए होली सब लोग क्यो

मनाते हैं

होली असत्य पर विजय का प्रतीक है

इसीलिए होली को जलाते हैं

सर होली है तो

क्लाश के अंदर पढ़ाना बंद करो

चलो तुम्हारी मर्जी एक बात बोल देता हूं

जिंदगी ना तुम खुद की झंड करो ।

‌‌‌सर आज होली है तो अनुष्का शर्मा के

बारे मे कुछ बाते बता दो

मैं क्या बात बताउं तुम्हारी मेड़म मेरे को पसंद है

तुम पहले उसे मेरे लिए पटा दो

टेंशन लेने की जरूरत नहीं है सर

समझो दरवाजा लॉक हो जाएगा

जब क्लाश के अंदर मेड़म आती है तो बच्चे उसे सर का लव लेटर देते हैं

यह लो मेड़म आपके लिए आपका

‌‌‌लव लेटर है इसे खोल कर पढ़ लो

इतना गंदा लव लेटर किसने लिखा है बच्चो

मां कसम आज क्लाश की छूटी एक एक

करके प्रिंसिपल के पास बढ़ लो

‌‌‌लेकिन मेम यह हमने नहीं लिखा है यह आपके लवर का है

स्टॉप कोई बात नहीं कैप्सूल हमारे पास

भी ज्वर का है

‌‌‌जीजा और साली हास्य कविता

हाय जीजू दिल कर रहा है तुझे साथ

लेकर कहीं दूर उड़ जाउं

मेरा रिमोड तो तेरी दीदी के हाथ मे है

जहां वह मोड़ेगी वही मुड़ जाउं

‌‌‌मैं चाहती हूं जीजू तुम मुझ से भी

शादी कर लो तो दो दो पत्नी होंगी

तब तो मुझे कोई नहीं बचाएगा

राम भैवरव कालकी की माला जपनी होगी

चलो जीजू होली पर क्या

देने का प्लान है आपका

मैं कुछ नहीं दूंगा दोनो बहनो को

यहां पर क्या माल रखा है तरे बाप का

‌‌‌ऐ जीजू बाप का नाम बीच मे क्यो लाता है

भूल गया मैं किसकी बहन हूं नाको चने चबा दूंगी

हां बाबा जान गया

चलो जाता हूं तुम दोनों से दूर रहने मे ही मेरी भलाई है।

‌‌‌होली पर गर्लफ्रेंड ब्योयफ्रेंड

जानू तू मुझे इस बार होली पर कार गाड़ी बंगला

या इससे भी बड़ा क्या दे रहा है जल्दी बता यार

देदूंगा ना तुझे एक अच्छा सा तोहफा दूंगा

लेकिन तू हर वक्त यह पूछ पूछ कर मुझे मत सता यार

बता ना यार राजू अपनी गर्लफ्रेंड को कार

गिफट कर रहा है

वो साला बेवकूफ है पागल ‌‌‌लड़की से

प्यार जो कर रहा है

चुप साले तुमने मेरी बहन को

पागल कैसे बोल दिया रे

‌‌‌तू पागल तेरा खान दान पागल

जो भेद सीने मे उसे खोल दिया

अभी बताती हूं कमीने मुझे नहीं पता तू

इतना घटिया इंसान निकलेगा

टेंशन मतले जो बढ़िया है ना

वो भी तरे जैसी गर्लफ्रेंड के चक्कर मे बिकलेगा ।

‌‌‌होली हास्य कविता कस्टमर और दुकानदार

‌‌‌ऐसी चीज देदे जिससे होली पर छूटे पिचकारी

और हमारे घर के अंदर गूंजे किलकारी

दुकानदार कुछ सोचने के बाद

ऐसी कोई चीज यहां पर नहीं बिकती

सच ही है तभी तो मेरी बिबी एक जगह पर

कभी भी नहीं टिकती

वही कस्टमर दूसरे दुकानदार के पास ।

‌‌‌हमे ऐसा रंग देदो जो

एक बार लगाने के बाद छूट ना सके

धागा बांध दे फिर पड़ोसन के साथ प्रेम का

जो कभी टूट ना सके

दुकानदार कुछ सोचने के बाद फिर बोलता है

सर ऐसा कोई रंग हमारे पास नहीं है

‌‌‌भूल जा सारी गलत फैमी यार

और टूटे रिश्ते को जोड़दे

होली है मजे से दारू पी ओर

टेंशन वेंशन सब कुछ छोड़दे

‌‌‌हास्य कविता होली पर भिखारी के बोल

ऐसे तो दान रोज देता है होली पर दिल खोल कर दे

खुदा तेरा बेड़ा पार लगादेगा । खुदा का नाम बोल कर दे

हम तुझे सबसे अच्छी दुआ देते हैं

तेरे बेटे को मौत की नींद सुआ देते हैं

अबे मूर्ख भिखारी हम से ही भीख लेकर हमको ही

बददुआ देता है

आग जब तक जलती रहती है ‌‌‌तब तक धुंआ देता है

करने वाला तो खुदा है। उसकी मर्जी बिना पता भी ‌‌‌नहीं हिलता

उसकी मर्जी से ही इंसान खुद को गवां देता है

‌‌‌घर वाले भिखारी को पीटने लगे

मारते रहो यारो आज होली है सच बोलूंगा

सच का साथ छोड़ूंगा नहीं

मजा नहीं आएगा जब तक तुम सबके

पीछवाड़े के अंदर पटाखे फोड़ूंगा नहीं

अब तो पहचान लो यारो मैं भीखारी नहीं तुम्हारा यार हूं

रूप बदलने मे काफी होशियार हूं ।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।