तिहाड़ जेल का इतिहास real history of tihar jail in india

‌‌‌दोस्तों इस लेख के अंदर हम tihar jail का इतिहास, तिहाड़ जेल के कैदी के बारे मे विस्तार से जानेंगे।

तिहाड़ जेल का नाम तो आपने सुना ही होगा । tihar jail के नाम से बड़े बड़े कैदी भी कांप जाते हैं। तिहाड़ जेल दिल्ली स्थिति एक बड़ी जेल है। जिसको तिहाड़ आक्ष्रम के नाम से भी जाना जाता है।दिल्ली के चाणक्यपुरी से 7 कीमी दूर एक तिहाड़ नामक गांव के अंदर स्थिति है। इस जेल के पास के स्थान को ‌‌‌हरिनगर के नाम से जाना जाता है।

‌‌‌तिहाड़ जेल दक्षिण परिसर के अंदर सबसे बड़ा जेल है। tihar jail को सन 1958 के अंदर बनाया गया था। इसको दिल्ली सरकार के द्वारा संचालित किया जाता है। हालांकि तिहाड़ जेल जेल की बजाय एक सामाजिक संस्था अधिक मानी जाती है। इसके अंदर कैदियों के अंदर सुधार किया जाता है। उनके अंदर आत्मविश्वास विकसित किया जाता है। ‌‌‌उनको इस प्रकार से बनाने की कोशिश की जाती है कि उनका फिर से सामाजिक पुर्वास हो सके । कैदियों को इस जेल के अंदर संगीत चिकित्सा आदी का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसके अलावा इस जेल का खुद का एक रेडियो स्टेशन भी है। जिसको कैदी स्वयं चलाते हैं।

दिसंबर 2012 तक, तिहाड़ जेल में 5200 की स्वीकृत क्षमता के मुकाबले 10,533 कैदी हैं, हालांकि यह आंकड़ा 2006 में लगभग 12,000 से नीचे था, कैदी गंभीर रूप से अतिसंवेदनशील है

‌‌‌मूल रूप से tihar jail पहले पंजाब सरकार के द्वारा संचालित था लेकिन सन 1966 के अंदर इसको दिल्ली सरकार को स्थानान्तरित कर दिया गया और 1986 के अंदर तिहाड़ जेल के अंदर अतिरिक्त सुविधाओं का निर्माण किया गया । जिसकी वजह से यह भारत की सबसे बड़ी जेल भी बन गया ।

tihar jail का इतिहास किरण बेदी भी थीं प्रभारी

जब किरण बेदी tihar jail की प्रभारी थी तब जेल के अंदर अनेक सुधार कार्य भी किये गए । जिसमे जेल का नाम बदलना भी शामिल है। इसके अलावा जेल के अंदर कोचिंग क्लाश भी लगाई गई। जेल ने एक कैदी भी बनाया है जिसने भारतीय प्रशासनिक सेवा सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की ‌‌‌जैल के अंदर भी कई कैदी अपनी शिक्षा को जारी रखते हैं।कैंपस प्लेसमेंट कार्यक्रम 2011 में कैदियों के पुनर्वास के लिए लांच किया गया था ।2014 में, भर्ती अभियान ने अपने अच्छे आचरण के आधार पर 66 कैदियों का चयन किया, जिसमें 31 कैदियों की 36 हजार तक सैलरी लगाई गई।

‌‌‌तिहाड़ जेल के अंदर फेक्ट्री

1 9 61 में, जेल फैक्ट्री की स्थापना केंद्रीय जेल नंबर 2 में तिहाड़ में हुई थी बढ़ईगीरी, बुनाई (हैंडलूम और पावरलूम), टेलरिंग, केमिकल, हस्तनिर्मित कागज, वाणिज्यिक कला और बेकरी आदि चीजों का निर्माण तिहाड़ जेल के अंदर किया जाता है। अब सन 2009 के अंदर जूते निर्माण ‌‌‌यूनिट भी तिहाड़ जेल के अंदर स्थापित की गई। इन प्रोडेक्ट से होने वाली कमाई 25% विक्टिम कल्याण कोष में जमा किया जाता है, जो पीड़ितों और उनके परिवारों को मुआवजा प्रदान करता है। इन कामों के अंदर 700 कैदी लगे हुए हैं।

tihar jail का इतिहास तिहाड़ जेल के अंदर कुछ मसहूर कैदी

  • संजय गांधी
  • कन्हैया कुमार
  • लालू यादव
  • सुब्रत रॉय
  • छोटा राजन
  • सुधीर चौधरी
  1. ‌‌‌इंदिरा गांधी की हत्या के जुर्म मे सिंह और केहर को इसी जेल मे फांसी दी गई थी ।
  2. अंतरराष्ट्रीय सीरियल किलर चार्ल्स सोहराज 16 मार्च 1 9 86 को तिहाड़ से बच निकले लेकिन उनको वापस पकड़ लिया और भागने के जुर्म के अंदर 10 साल की सजा सुनाई।17 फरवरी 1 99 7 को उहें रिहा कर दिया गया था।
  3. असम के तरुण गोगोई की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार के शिक्षा मंत्री रिपुन बोरा, डैनियल टॉपनो हत्या मामले में मुख्य संदिग्ध, को 3 जून 2008 को सीबीआई अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया और 7 जून 2008 को तिहाड़ भेजा।
  4. 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में आरोपी ए राजा, एम के कनिमोझी, विनोद गोयनका, शाहिद बलवा और संजय चंद्र को भी तिहाड़ जेल के अंदर रखा गया था।
  5. इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाडी, जिन्हें 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के अंदर किये भ्रष्टाचार के आरोप मे गिरफतार किया गया था।
  6. कुलजीत सिंह और जसबीर सिंह, गीता और संजय चोपड़ा अपहरण के मामले में 1 9 82 को तिहाड़ जेल भेजा गया।
  7. समाजवादी पार्टी के पूर्व सदस्य अमर सिंह को नकद-वोट-वोट घोटाले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
  8. पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में मुख्य आरोपी जगतर सिंह हावरा और परमजीत सिंह भोरा, भी शामिल हैं।
  9. दिल्ली रेप कांड के 6 आरोपियों को तिहाड़ जेल के अंदर रखा गया।

tihar jail का इतिहास तिहाड़ जेल किसी नरक से कम नहीं है

भेले ही tihar jail के अंदर किरण बेदी ने सुधार किया हों । लेकिन हम आपको बतादें कि किरण बेदी जैसा ऑफिसर मिलना मुश्किल है। तिहाड़ जेल एक नरक है जिसके अंदर जाने वाले इंसान को ही पता होता है कि वहां पर क्या होता है। सच कहूं तो अधिकतर कैदी तिहाड़ जेल ‌‌‌को जो होना चाहिए वह नहीं है। कुछ पुलिस अधिकारी इसको एक कमाई का साधन भी बना रखे हैं। चलो अब हम आपको बताते हैं कि तिहाड़ जेल के अंदर क्या क्या होता है ?

‌‌‌जेल से चलता है पूरा गिरोह

जेल से गिरोह चलना कोई नई बात नहीं है। यह बस आम हो गया है। सबको पता है कि जेल के अंदर क्या होता है। लेकिन बिके हुए लोगों को इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता है। जेंल के अंदर बंद बड़े बड़े अपराधी जेल के अंदर से गिरोह चलाते हैं। और पुलिस इनकी मदद करती है। ‌‌‌क्योंकि पैसे जो मिलते हैं।

‌‌‌जेल मे रहती है गुटबाजी

tihar jail के अंदर भी अपराधियों के गुट होते हैं। और कोई भी अपराधी जेल के अंदर आता है तो उसे किसी गुट मे शामिल होना पड़ता है। ताकि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके । अन्यथा अन्य कैदी दूसरे कैदियों को परेशान करते हैं।

‌‌‌जेल मे भी होता है नशीली चीजों का व्यापार

ऐसा नहीं है कि नशीली दवाओं का कारोबार सिर्फ बाहर ही होता है। बल्कि कुछ न्यूज के अंदर इस बात का जिक्र किया गया मिलता है कि जेल के अंदर भी नसीली दवाइयों को गुप्त तरीके से बेचा जाता है।‌‌‌यह काम केवल तिहाड़ जेल के अंदर ही नहीं होता है। कई सारी जेलों के अंदर होता है।

‌‌‌तिहाड़ जेल का इतिहास पुरूष कैदियों के साथ होता है बलात्कार

आईएएनएस द्वारा प्राप्त पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, 10 मई, 2015 को पुलिस स्टेशन में पुरुष कैदी के साथ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था, हैरानी की बात है कि, 2013, 2011 और 2010 में, उसी लिंग बलात्कार का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ था। 2012 में, पुलिस ने सिर्फ एक ऐसा मामला दर्ज किया था। 16 दिसंबर, 2012 को मुख्य आरोपी राम सिंह का मामला भी सामने आया उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि जेल के अंदर उनके साथ कई मौकों पर बलात्कार हुआ था ।अन्य आरोपी विनय शर्मा ने भी जेल के अंदर खुद के साथ बलात्कार होना स्वीकार किया।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट 2007 और 2011 के बीच भारतीय जेलों से एकत्रित, ने खुलासा किया कि tihar jail के अंदर कैदी इस वजह से आत्महत्या करते हैं क्योंकि उनके साथ बलात्कार होता है।

‌‌‌क्या है सेमी ओपन tihar jail

जो कैदी सेमी ओपन के अंदर होता है। वह 200 एकड़ के अंदर फैले तिहाड़ जेल के अंदर काम करता है। यदि वह कैदी पुरूष होता है तो पकोड़े बनाना ,समोसे बनाने आदि का काम करता है। और यदि वह कैदी महिला होती है तो वह ब्यूटी पार्लर चलाती है। सेमी ओपन जेल कैदियों को व्यवहार के ‌‌‌आधार पर तय होता है।

tihar jail के अंदर है कैशलेश सिस्टम

अब तिहाड़ जेल भी कैशलेश हो गया है। अब कैदियों के द्वारा तैयार की गई। वस्तुएं ऑनलाइन भी खरीदी जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त कैदी अपने अकाउंट के अंदर पैसे भी ऑनलाइन भेज सकते हैं।

‌‌‌तिहाड़ जेल के कैदी कई प्रकार की वस्तुए बनाते हैं। इन वस्तुओं को बाहर स्टोर पर और तिहाड़ स्टोर पर बेचा जाता है। इसके अलावा कैदियों को कार्ड स्वीप मशीन भी लगाकर दे रखी है।

‌‌‌इसके अलावा कैदियों के द्वारा कमाए गए पैसे को बैंक अकाउंट के अंदर जमा कर दिया जाता है। उसके बाद कैदी अपने कार्ड की मदद से इन पैसों से तिहाड़ जेल स्टोर से खाने पीने की चीजें खरीद सकते हैं। और वे महिने के अंदर 6000 रूपये का सामान ले सकते हैं। इतना ही नहीं खतरनाक कैदियों को कोर्ट के अंदर पेश ना ‌‌‌करके विडियो कान्फ्र्रेंनस के जरिय कोर्ट की कार्यवाही चलती है।

‌‌‌कैदियों को रहना पड़ता है गुलामों की तरह

अगस्त 2018 को प्रकाशित एक न्यूज के अनुसार तिहाड़ जेल के अंदर कैदियों को गुलामों की तरह काम करना पड़ता है। कई कैदी इस बात की शिकायत भी कर चुके हैं। लेकिन इसका कोई समाधान नहीं होता है। खबर के अनुसार कैदियों से अफसर गाड़िया और अपना टिफिन तक धुलवाते हैं। ‌‌‌यदि कोई कैदी ऐसा करने से इनकार कर देता है तो उसको प्रताड़ित भी किया जाता है। ‌‌‌यदि कोई कैदी यह सब करने से इनकार कर देता है तो उसको प्रताड़ित भी किया जाता है।

tihar jail मे सुसाईड केस

तिहाड़ जेल के अंदर आत्महत्या की घटनाएं आम हो चुकी हैं। कैदी आत्महत्या क्यों करते हैं। इसका तो सही सही पता नहीं चल सका है। लेकिन यदि आंकड़ों पर नजर डालें तो हैरान कर देने वाले हैं।

‌‌‌सन 2012 से लेकर अब तक 16 से अधिक कैदी सुसाइड कर चुके हैं। जिसमे दिल्ली के गैंगरेप आरोपी रामसिंह ने भी सुसाइड किया था ।सन 2011 को प्रेम कुमार ने सुसाइड कर लिया था । 210 के अंदर शेरू नाम के कैदी ने सुसाइड करलिया था ।सन 2006 के अंदर संजय बाबू ने तिहाड़ जेल मे सुसाइड कर लिया था।

tihar jail का इतिहास जेल मे प्रयोग होती हैं अवैध चीजें

तिहाड़ जेल के अंदर मोबाइल आदि का प्रयोग भी होता है। कई कैदी ऐेसे हैं जो गुप्त तरीके से अपने पास मोबाइल वैगरह रखते हैं। कई बार सर्च ऑपरेशन के दौरान मोबाइल आदि मिले हैं। इसके अलावा कई गैंगेस्टर जेल के अंदर से अपने धंधे को चलाते हैं। ड्रग्स वैगरह भी जेल के ‌‌‌के अंदर अवैध रूप से चलते हैं।

  • ‌‌‌जेल के अंदर मुलाकात का एक द्वार बना हुआ है। जहां पर कैदी के परिजन कैदियों से मिल सकते हैं।
  • इसके अलावा जेल के अंदर कैदियों को कब क्या दिया जाएगा । इसको बोर्ड लगा हुआ है।
  • जेल के अंदर कैदी टीजे टेबिट कार्ड की मदद से खाने पिने का सामान खरीद सकते हैं।
  • ‌‌‌रोजाना 14000 कैदियों का खाना बनता है। जिसके अंदर 7000 किलोग्राम गैहूं खर्च हो जाता है। खाना कैदी खुद बनाते हैं।
  • ‌‌‌तिहाड़ जेल के अंदर एक औषधी वितरण केंद्र भी लगा हुआ है। जहां से कैदी दवाई भी ले सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा तिहाड़ जेल मे मुस्लमानों के नवाज पढ़ने की अलग से व्यवस्था की गई है।
  • बच्चों के साथ महिला कैदियों के बच्चों को खेलने के लिए झुले वैगरह लगे हुए हैं।
  • high-security जेल का डिजाइन खतरनाक क्रमिनल के लिए किया गया है

‌‌‌तिहाड़ जेल के कैदी क्या कहते हैं

‌‌तिहाड़ जेल का इतिहास लेख के अंदर हम आपकों कुछ कैदियों के अनुभव भी बता रहे हैं। कि तिहाड़ जेल के अंदर पैसा चलता है। एक कैदी बदला हुआ नाम रमेश ने एक न्यूज साईट को बताया कि पहले दिन जब मैं तिहाड़ जेल के अंदर पहुंचा तो मेरे लिए सब कुछ अजीब था । मुझे बाथरूम साफ करना वैगरह का काम भी करना पड़ा उसके बाद हर ‌‌‌सप्ताह 800 रूपये चुकाने के बाद इनकामों से छूटकारा मिल गया । जेल के अंदर सिगरेट मांगने पर मेरे 1200 रूपये खर्च हो जाते थे । और वैसे सिगरेट बाहर केवल 150 रूपये के अंदर मिल जाता है। इसी तरह से एक साल के अंदर मेरे डेढ लाख खर्च हो गया ।

‌‌‌एक अन्य कैदी ने अपने अनुभव सैर करते हुए बताया जिसको ढाई महिने के लिए तिहाड़ जेल के अंदर भेजा गया था । मेरा पहला दिन काफी खराब निकला । चाय की बात करूं तो यहां दुनिया की सबसे घटिया चाय मिलती है। जिसके अंदर दूध नाम की चीज नहीं है। भोजन भी थर्ड क्वालिटी का मिलता है।

‌‌‌इसके अलावा मेरे को यहां पर बाथरूम साफ करने का काम और अन्य कैदियों को कपड़े धोने का काम सौंपा गया । जिसका मुझे 50 रूपये मिलता था । एक कर्मचारी ने मुझे बताया कि यदि मैं उन्हें पैसा दे सकता हूं तो मैं एक बेहतर जिंदगी जि सकता हूं । लेकिन मेरे पास पैसे नहीं थी ।

‌‌‌और जेल के अन्य कैदियों ने मेरे को पीटा जब उनको पता चला कि मैं बलात्कार के आरोप के अंदर जेल मे हूं । मेरे उपर एक बार ब्लेड से हमला भी हुआ ।जेल के अंदर मैंने 4 बी वार्ड के कैदियों के लिए भी काम किया । उनको वो सारी सुविधाएं मिलती थी । जो घर पर मिलती हैं। टीवी वैगर सब कुछ ।

‌‌‌4 बी वार्ड के अंदर कैदी को जाने के लिए 50000 रूपये खर्च करने पड़ते थे ।

‌‌‌तिहाड़ जेल final words

‌‌‌तिहाड़ जेल के इतिहास को आप जान ही चुके हैं। दोस्तों जेल के अंदर क्या होता है । अब तक आप बेखूबी जान ही चुके होंगे । सब कुछ पैसे की खीर है। आप जान ही चुके हैं कि जिसके पास पैसा है वह कुछ भी कर सकता है। इस सिस्टम से न्याय की उम्मीद करना बैकार है। यह अदालते सिर्फ एक दिखावा हैं। सही न्याय करना इंसान के बस की ‌‌‌बात नहीं है। यदि आप यह सोचते हैं कि आप एक पैसे वाले इंसान को सजा दिलवा सकते हैं तो आप गलत सोच रहे हैं। इस दुनिया के अंदर एक पैसे वाला इंसान जेल के अंदर जाने के बाद भी सुखी रहता है। मरता हर तरफ से गरीब ही है। किसी ने सच ही कहा है

‌‌‌यदि इंसान के पास ही निष्पक्ष न्याय करने की क्षमता होती

तो भगवान को अवतार लेने की जरूरत ही नहीं पड़ती ।

न्याय करने वाला सिर्फ एक है। और उसके द्वारा की गई न्याय ही सही न्याय है।

सच मे सही न्याय वो ही कर सकता है। जिसको काम दंड भेद और किसी भी तरीके से खरीदा नहीं जा सकता । उसके अनेक नाम हैं। ‌‌‌अल्लाह , ईश्वर , भगवान

in 4 akaalon me mare the bhaarat ke karodon log top 4 famine in hindi

tihar jail का इतिहास यह लेख आपको कैसा लगा नीचे कमेंट करके हमे बताएं।

This Post Has One Comment

  1. Vanshika vyas

    is tarah se kaidiyon ko pratadit karna kis desh ka kanoon hai vese to tihar jail prashashan ke officer bhi tihar ko sudhar grah hone ka dava krte hai … Iska mtlb to saf saf yahi hai ki adalaton main jaj bhi rishvat lekr gunahgaro ko riha krte hai or begunaho ko saja dilate hai……I think in sb kaidiyon ko 1 mouka sudharne ka diya jana chahiye bharat ki jailo me jitne bhi kaidi band hai un sbko chod diya jana chahiye taki pakistaniyo dvara hone vale hamlo main bhi sudhar aaye…..

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arif khan

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