breast cancer के लक्षण के बारे मे जाने विस्तार से

breast cancer symptoms in hindi ‌‌‌ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण स्तन कैंसर (Breast Cancer in Hindi) एक भयंकर प्रकार का कैंसर है। और वैसे तो यह पुरूषों और महिलाओं दोनों के अंदर ही हो सकता है। लेकिन अधिकतर केस मे यह महिलाओं को ही होता है। और इसका यदि समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो उसके बाद मौत तय होती है। जैसा कि अन्य कैंसर के मामलों मे होता है।

‌‌‌ब्रेस्ट कैंसर स्तनों के अंदर कोशिकाओं को अनियंत्रित बढ़ोतरी होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। दोस्तों ब्रेस्ट कैंसर के बारे मे यदि समय पर पता लग जाता है तो हो सकता है कि इसका ईलाज हो जाए । लेकिन यदि इसके बारे मे समय पर पता नहीं लगता है तो उसके ‌‌‌ बाद इंसान की मौत तय होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । ब्रेस्ट कैंसर है या नहीं ? इसके बारे मे जानने के लिए आपको इसके लक्षणों के बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।

2020 के अध्ययन में पाया गया है कि इस कैंसर से पीड़ित महिलाओं की जीवित रहने की दर केवल 66 परसेंट है। और भारत के अंदर 1 लाख महिलाओं पर 104 महिलाओं के अंदर स्तन कैंसर के बारे मे पता चला है। और इनमे 2 महिलाओं मे से एक की मौत हो जाती है। जोकि काफी दुख की बात है। इसलिए यदि किसी को स्तन कैंसर की ‌‌‌ शंका लगती है तो उसके बाद आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन आपको करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।

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breast cancer symptoms in hindi छोटी सी गांठ या पिंपल होना

‌‌‌दोस्तों ब्रेस्ट केंसर की शूरूआत छोटे से लक्षणों से होती है। और यदि आप इनको समय रहते पहचान लेते हैं तो ठीक है। लेकिन यदि आप इनको समय पर नहीं पहचान पाते हैं तो यह बाद मे भयंकर रूप धारण कर लेता है। दोस्तों सबसे पहले ब्रेस्ट के अंदर यह देखें कि इसमे आपको किसी तरह की कोई गांठ या फिर कठोरता ‌‌‌महसूस तो नहीं हो रही है। यदि महसूस हो रही है या आपको लग रहा है कि इसके अंदर गांठ है तो फिर आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर के पास जाएं और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसका पालन आपको करना चाहिए । और अपनी इस गांठ की जांच करवाएं । हो सकता है कि बाद मे यही कैंसर का रूप लेले।

‌‌‌इस तरह की किसी भी गांठ के होने पर आपको चाहिए कि आप उसको ठीक करने के लिए ईलाज की मदद लें ताकि आपकी समस्या ठीक हो जाए । ब्रेस्ट के अंदर किसी भी तरह की गांठ होने पर आपको लापरवाही नहीं बरतनी है। वरना यह आपके लिए काफी भयंकर नुकसान कर सकती है।

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दोनों ब्रेस्ट के साइज में बदलाव

दोस्तों यदि ब्रेस्ट कैंसर होता है तो इसकी वजह से ब्रेस्ट की साइज के अंदर बदलाव आ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।हालांकि दोनो ही ब्रेस्ट के अंदर एक साथ कैंसर विकसित होने के चांस काफी कम ही होते हैं। आप दोनों ब्रेस्ट की साइज को चैक करें । यदि एक ‌‌‌ब्रेस्ट आपको बड़ा नजर आ रहा है और उसके अंदर गांठ भी बनी हुई है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । कैंसर की वजह से ब्रेस्ट के अंदर सूजन आ जाती है। आपके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌ब्रेस्ट के अंदर कैंसर की शूरूआत होती है तो इससे पहले ही इसके संकेत मिलने की शूरूआत हो जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। ब्रेस्ट का साइज बढ़ना भी खतरे की घंटी माना जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । खास कर एक ब्रेस्ट की साइज ‌‌‌का अधिक होना खतरें का संकेत है।

स्किन में बदलाव जैसे सूजन,लालिमा आना

दोस्तों यदि कैंसर ब्रेस्ट के अंदर हो चुका है तो पहले ब्रेस्ट के आस पास सूजन आ जाता है और वहां पर लालिमा हो जाती है। हालांकि यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो उसके बाद यह कैंसर सेल्स शरीर के बाकि हिस्सों के अंदर फैल जाता है। इसके बारे मे आपको  ‌‌‌ पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते है।।

‌‌‌कैंसर कोशिकाओं की वजह से सूजन और लालिमा आती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आपको बतादें कि सूजन और लालिमा का कारण कैंसर हर बार नहीं होता है। यह कई बार ऐसे ही आ जाती है। किसी तरह की एलर्जी की वजह से भी यह समस्या हो सकती है तो ‌‌‌एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जोभी निर्देश देता है। उसका पालन करना चाहिए ।

breast cancer symptoms in hindi ब्रेस्ट या निप्पल में दर्द

‌‌‌वैसे अधिकतर महिलाओं के ब्रेस्ट के अंदर दर्द होता है। हालांकि दर्द का कारण यही नहीं है यह ब्रेस्ट कैंसर का संकेत होता है। यह ब्रेस्ट के अंदर कई तरह की समस्याओं का संकेत होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।निप्पल का दर्द इतना आम है कि यह सभी महिलाओं को उनके जीवन में कभी न कभी प्रभावित करता है। खासकर जब बात स्तनपान कराने वाली माताओं की हो।स्तनपान की वजह से भी ब्रेस्ट के अंदर दर्द हो सकता है। खास कर बच्चा जब स्तन को चूसता है तो यह दर्द कर सकता है।

  • संक्रमण (Infection) की वजह से ब्रेस्ट के अंदर सूजन आ जाता है जिसकी वजह से भी स्तन के अंदर दर्द हो सकता है। यदि आपको सूजन के साथ दर्द हो रहा है तो यह ब्रेस्ट संक्रमण के संकेत हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको एक बार डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है।
  • हार्मोनल के असंतुलन की वजह से स्तन के अंदर दर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।हार्मोन असंतुलन के कारण एस्ट्रोजन (estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (progesterone) का उत्पादन खराब हो जाता है जिसकी वजह से यह समस्या हो सकती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार क्या होता है कि हम गलत साइज की ब्रा पहन लेते हैं। गलत साइज की ब्रा पहनने की वजह से भी निप्पल के अंदर दर्द हो सकता है। अधिक कसाव वाली ब्रा से आपको बचना चाहिए । क्योंकि यह निप्पल के अंदर दर्द पैदा कर सकती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा स्तनों के अंदर या उनके आस पास यदि चोट लग जाती है। इसकी वजह से भी दर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आप गलत साइज की ब्रा पहनते हैं तो इसकी वजह से ब्रेस्ट के अंदर दर्द हो सकता है तो आपको अपनी सही साइज का पता होना चाहिए । और उसके बाद ही आपको दुकान से ब्रा को खरीदने के लिए जाना चाहिए । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आप कैफिन युक्त चीजों का सेवन करते हैं तो आपको इस तरह की चीजों का सेवन करना कम करना होगा खास कर चाय वैगरह यह ब्रेस्ट के अंदर दर्द को बढ़ा देती हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा पिरियड के अंदर नमक का सेवन कम करदें । यह दर्द और सूजन से राहत देने का काम करता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करते हैं तो इनको अपने डॉक्टर से पूछने के बाद ही सेवन करें। यह निप्पल के अंदर दर्द को रोक भी सकती हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा जिस स्तन मे दर्द हो रहा है तनाव को कम करने के लिए ब्रेस्ट के अंदर दूध को बच्चे को पिलाएं । जिससे कि स्तन पर दबाव कम हो जाएगा । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
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breast cancer symptoms in hindi ‌‌‌ब्रेस्ट से डिसचार्ज का निकलना

निप्पल डिस्चार्ज हो सकता है। इसका मतलब यह है कि आपके निप्पल से एक प्रकार का पदार्थ निकल सकता है। यह या तो अपने आप ही निकल जाता है या फिर निप्पल के दबाने से भी निकल सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसके अलावा यह प्रजनन वर्षों मे ऐसा हो सकता है भले ही आप गर्भवति ना भी हो तो यह हो ‌‌‌ यह हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके अलावा वैसे तो यह सामान्य संकेत भी हो सकता है। लेकिन कई बार यह ब्रेस्ट कैंसर होने का संकेत भी होता है। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌यदि ब्रेस्ट से हल्का पीला डिस्चार्ज निकल रहा है तो इसका मतलब यह है कि ब्रेस्ट के अंदर इन्फेक्सन हो गया है। और आपको चाहिए कि आप इसका जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से इलाज करवाएं वरना यह आपके लिए काफी डेंजर हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि हरे रंग का डिस्चार्ज हो रहा है तो यह ब्रेस्ट के अंदर सिस्ट की वजह से होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • अगर डिस्चार्ज में खून है या यह ट्रांसपेरेंट है तो ये ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण है।यदि यह दबाने से स्तन के बाहर निकल रहा है तो यह चिंता का विषय हो ‌‌‌ सकता है। आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो भी निर्देश देता है। आपको इसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । और कैंसर की जांच भी आपको करवानी चाहिए आप समझ सकते हैं।
  • गर्भनिरोधक गोलियां
  • स्तन संक्रमण या फोड़ा
  •  पैपिलोमा, ·ऐसी दवाएं जो दूध बनाने वाले हार्मोन प्रोलैक्टिन के स्तर को बढ़ाती हैं
  • स्तन में चोट
  • प्रोलैक्टिनोमा, पिट्यूटरी ग्रंथि का एक ट्यूमर
  •  स्तन कैंसर

‌‌‌यदि आपको निप्पल मे किसी भी तरह का डिस्चार्ज नजर आता है तो उसके बाद आपको इसके अंदर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए । वरना नुकसान हो सकता है। इसके लिए एक बार अपने डॉक्टर से आपको संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो भी निर्देश देता है आपको उसका पालन करना होगा ।

आर्मपिट में लंप होना

‌‌‌आपको बतादें कि इसको बगल की गांठ के नाम से जाना जाता है यह कांख के आस पास होती है। वैसे जरूरी नहीं है कि यह ब्रेस्ट कैंसर का ही संकेत हो यह किसी अन्य वजहों से भी हो सकती है।ल्यूकेमिया, लिंफोमा आदि की वजह से भी बगल की गांठ होती है। और महिलाओं के अंदर यह एक स्तन कैंसर का संकेत भी हो सकता है।

‌‌‌वैसे तो अधिकतर गांठ नुकसानदायी नहीं होती हैं। वैसे यह गांठ कई बार अपने आप ही ठीक हो जाती है तो कई बार ठीक भी नहीं हो पाती है और ठीक होने के बाद यदि किसी के अंदर यह गांठ दुबारा हो जाती है तो इसका मतलब यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है। एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको ‌‌‌ जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सबसे अच्छा होगा हम समझ सकते हैं।वैसे बगल के अंदर गांठ किसी तरह के संक्रमण की वजह से हो सकती हैं तो डॉक्टर इसको आसानी से पहचान लेते हैं और एंटिबैक्टिरियल दवा को दे सकते हैं जिससे कि समस्या हल हो जाएगी ।

बगल या कांख में गांठ। नस, ब्लड वैसल और छोटे स्किन सैल्स को मिलाकर लम्प बनती है। वैसे तो ये किसी भी स्थान पर हो सकती है। और इसकी वजह से सूजन आ जाती है और त्वचा काफी लाल हो जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • आर्मपिट लम्प के लक्षण की यदि हम बात करें तो इसकी वजह से आपको कई सारे लक्षण देखने को मिल सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • आपके बगल के अंदर त्वचा मे सूजन आ सकता है।
  • त्वचा उभरी हुई सी महसूस हो सकती है।
  • इसकें अलावा कुछ लोगों को बुखार आ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसकी वजह से दर्द और जलन का एहसास हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌आपके बगल मे दर्द भी हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌यदि हम बगल की गांठ के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण होते हैं जिसकी वजह से यह गांठ हो सकती है।

  • यदि आपको बैक्टिरियल इन्फेक्सन हो गया है तो उसकी वजह से बगल मे गांठ हो जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • यदि आपको साबुन या किसी पदार्थ की वजह से एलर्जी हो जाती है तो इसकी ‌‌‌वजह से एलर्जी हो जाती है तोभी बगल की गांठ हो सकती है।
  • और यदि आप साफ सफाई का सही से ध्यान नहीं रखते हैं तो इसकी वजह से भी बगल की गांठ हो जाती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌अब यदि हम बगल की गांठ के इलाज की बात करें तो इसके कई सारे तरीके हैं जिसकी मदद से इसका इलाज किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं इसके उपाय के बारे मे ।

  • ‌‌‌कुछ गांठ के अंदर कैंसर हो सकता है इसके लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए
  • इसके अलावा आप बगल की गांठ के उपर नीम का पेस्ट लगा सकते हैं। इसके अंदर एंटिबैक्टिरिया गुण होते हैं।
  • ‌‌‌यदि गांठ का आकार समय समय पर बढ़ रही है तो इसका मतलब यह है कि आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । तभी समस्या का समाधान हो सकता है।

‌‌‌अब हम आपको बगल के अंदर गांठ से बचने के लिए कई तरीके अपना सकते हैं। तो आइए जानते हैं इन तरीकों के बारे मे जिससे कि आप बगल की गांठ से बहुत ही आसानी से बच सकते हैं।

  • ‌‌‌यदि आप बगल की गांठ से बचना चाहते हैं तो आपको साफ सफाई का अच्छी तरह से ध्यान रखना होगा इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • इसके अलावा खास कर गर्मियों के दिनों मे बगल मे अधिक पसीना आता है तो आप साफ सफाई का खासतौर पर ध्यान रख सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपको गांठ हो तो साबुन को बदल कर देखें हो सकता है कि आपको साबुन की वजह से गांठ हो गई होगी ।
  • ‌‌‌इसके अलावा जब तक आपको गांठ ठीक नहीं हो जाती है आपको ढीले कपड़े पहनने चाहिए आप समझ सकते हैं।

निप्पल से खून आना

दोस्तों यदि ब्रेस्ट के अंदर खून आ रहा है तो यह एक सामान्य स्थिति नहीं है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। ब्रेस्ट के अंदर खून आना ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। वैसे कई बार मिल्क के अंदर मामूली सा खून आ सकता है जोकि एक बड़ी समस्या ‌‌‌ नहीं है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।ब्रेस्ट मिल्क में खून आना आने की वजह से ब्रेस्ट मिल्क का रंग हल्का गुलाबी, लाल, ऑरेंज या ब्राउन दिख सकता है। वैसे यदि यह हल्की समस्या है तो आपको अधिक घबराने की जरूरत नहीं है।

‌‌‌और आपको बतादें कि कई बार खाने पीने की चीजों की वजह से भी खून का रंग बदल जाता है तो यह आपके लिए कोई चिंता की बात नहीं है। यदि ब्रेस्ट के अंदर खून आ रहा है तो यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • रस्टी पाइप सिंड्रोम आमतौर पर बच्चे के जन्म के कुछ समय पहले या फिर कुछ समय बाद यह समस्या सबसे अधिक होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसमे होता यह है कि ब्रेस्ट के अंदर  रक्त प्रवाह अचानक से बढ़ जाता है। इसकी वजह से ब्रेस्ट के अंदर खून आने लग जाता है। यह वैसे कोई बड़ी समस्या नहीं है। ‌‌‌ अधिकतर केस के अंदर अपने आप ही सही हो जाती है। यदि सही नहीं होती है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए आपका डॉक्टर आपको जो भी निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार क्या होता है कि निप्पल का आगे के हिस्से के अंदर दरार हो जाती है। जिसकी वजह से भी निप्पल के अंदर खून आने लग जाता है। और वहां पर घाव बन जाता है। इसकी वजह से निप्पल मे काफी दर्द भी होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं। ‌‌‌वैसे यह एक बड़ी समस्या नहीं है। कुछ दिनों के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • इंट्राडक्टल पेपिलोमा भी एक प्रकार की समस्या होती है। इसकी वजह से भी ब्रेस्ट के अंदर खून आने की समस्या होने लग जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यह देखने मे छोटे गांठ जैसा होता है। आपको एक बार अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो भी निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार स्तनों के अंदर इन्फेक्सन होने की वजह से उनके अंदर खून आने लग जाता है। और यदि संक्रमण का समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो उसके बाद यह काफी गम्भीर रूप धारण कर लेता है। यदि आपको ब्रेस्ट इन्फेक्सन की समस्या है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
  • आमतौर पर ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के बावजूद ब्रेस्टफीडिंग की सलाह दी जाती है जब तक कि यह बहुत अधिक न हो । यदि ब्रेस्ट के अंदर अधिक मात्रा मे खून आ रहा है तो उसके बाद आपको बच्चे को स्तनपान नहीं करवाना चाहिए । और एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए आपका डॉक्टर आपको जो भी निर्देश देता है।

‌‌‌उसका पालन आपको करना चाहिए । वैसे ब्रेस्ट के अंदर यदि खून आ रहा है तो उसके बाद आपको डरने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। क्योंकि जरूरी नहीं होता है कि इस तरह की जो समस्या होती है वह हर बार कैंसर ही हो । ‌‌‌जैसा कि हमने आपको उपर बताया है। यह समस्या किसी भी तरह के सामान्य कारणों की वजह से भी हो सकती है। इसलिए एक बार अपने डॉक्टर के पास जाएं और उसके बाद चैक करवाएं कि ब्रेस्ट के अंदर खून किस वजह से आ रहा है ? और उसके बाद ही आपके डॉक्टर आपको कारण के बारे मे बताएंगे ।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि ब्रेस्ट मे खून आने की स्थिति मे आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए नहीं तो समस्या काफी अधिक बढ़ सकती है। जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा ।

स्तन की त्वचा पर नारंगी धब्बे पड़ना

‌‌‌यदि हम स्तन कैंसर के लक्षणों की बात करें तो इसके अंदर यह एक लक्षण भी सामने आता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके अंदर आपके स्तन की जो त्वचा होती है उसका रंग नारंगी हो जाता है। आपको अपने स्तन का रंग बदला बदला हुआ लगता है। तो एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें और स्तन की जांच करवाएं। ‌‌‌हालांकि स्तन का नारंगी रंग किसी और वजह से भी हो सकता है। यदि आपको अन्य कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है तो इसका मतलब यह है कि आपको स्तन कैंसर नहीं है। और आपको अधिक चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

गले या बगल में लिम्फ नोड्स

दोस्तों स्तन कैंसर का यह भी एक लक्षण हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आप इस बारे मे आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं। गले या बगल मे यदि लिंफ नोडस सूजन हुआ है तो यह खतरे का संकेत हो सकता है। ‌‌‌आपको बतादें कि लिंफ नोड मानव लसिका तंत्र का हिस्सा होते हैं।यह टॉन्सिल, प्लीहा और एडेनोइड जैसे कीटाणूओं से मानव शरीर की रक्षा करते हैं। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।लिंफ नोडस गर्दन के चारों ओर, बाहों के नीचे और जांघ और धड़ के क्रीज के बीच होती हैं। और इनको आसानी से महसूस किया जा ‌‌‌ सकता है।जब आपके शरीर के अंदर कोई संक्रमण होता है या फिर किसी तरह का कैंसर होता है तो इसकी वजह से लिंफ नोडस के अंदर सूजन आ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।लिम्फ नोड्स का सूजन कई बार अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन यदि यह लंबे समय तक सूजे हुए रहते हैं तो उसके बाद आपको ‌‌‌ अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए । इसके अलावा यदि लिंफ नोडस की सूजन कम होने के की बजाय बढ़ जाती है और आपको बुखार दर्द जैसी समस्याएं हैं तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । डॉक्टर जो निर्देश देते हैं उसका पालन भी आपको करना चाहिए ।

लिम्फ नोड्स में लिम्फोसाइट्स (प्रतिरक्षा कोशिकाएं) होती हैं । और जब हमारा शरीर हानिकारक बैक्टिरिया कीटाणूओं से लड़ता है तो प्रतिरक्षा कोशिकाओं का उत्पादन करता है। आपके लिंफ नोडस सभी प्रकार के कीटाणूओं का सामना करते हैं जिसकी वजह से इनके अंदर सूजन हो सकता है। हालांकि लिंफ नोड के अंदर सूजन ‌‌‌ का सीधा मतलब यही नहीं है कि आपको कैंसर ही है। यह कई और कारणों की वजह से भी हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर)
  • लिंफोमा (लसीका तंत्र का कैंसर)
  • टीबी
  • रुमेटीइड गठिया या ल्यूपस
  • आदि की वजह से लिंफ नोड मे सूजन आ सकती है।

सूजे हुए लिम्फ नोड्स के लक्षण की यदि हम बात करें तो आप इनको आसानी से पहचान सकते हैं। लिम्फ नोड पूरे शरीर के अंदर होते हैं लेकिन यह गर्दन आदि के आस पास काफी अधिक होते हैं।

  • बुखार
  • रात का पसीना
  • वजन घटाने
  • बहती नाक
  • गले में खराश।
  • लिम्फ नोड मे दर्द होना
  • लिम्फ नोड की कोमलता आदि ।

सूजे हुए लिम्फ नोड्स के इलाज की बात करें तो आपको यह बतादें कि यह एक प्रकार की बीमारी नहीं है। वरन यह किसी दूसरी तरह की बीमारी की वजह से होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।

  • लिम्फ नोड के सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर यह पता करने की कोशिश करते हैं कि लिम्फ नोड किस वजह से सूजा है। ‌‌‌एक बार यदि डॉक्टर को इसकी वजह समझ आ जाती है। तो उसके बाद डॉक्टर कुछ दवाएं लिखकर दे सकता है। जिससे कि आपको काफी आराम मिल सकता है।
  • लिम्फ नोड के सूजन से आपको दर्द महसूस हो सकता है। तो दर्द को कम करने के लिए दर्द की दवाएं दी जा सकती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आपको किसी तरह का संक्रमण है तो डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स  दवा देगे जिससे कि लिम्फ नोड के अंदर सूजन कम हो जाएगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि बाद मे भी सूजन कम नहीं होता है तो फिर आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।
  • ल्यूपस या रुमेटीइड गठिया जैसे ऑटोइम्यून आदि की वजह से यदि लिम्फ नोड के अंदर सूजन आ जाता है तो इसके लिए अलग से दवा होती है। आपके डॉक्टर से इस बारे मे आप परामर्श कर सकते हैं।
  • लगभग सभी प्रकार के कैंसर के कारण लिम्फ नोड्स में सूजन आ जाती है। इस प्रकार कीमोथेरेपी, विकिरण, या सर्जरी आदि की मदद से कैंसर का उपचार किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

दिनों तक ब्रेस्ट में खुजली होना

दोस्तों ब्रेस्ट के अंदर खुजली होना भी एक तरह से स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है। हालांकि इसके चांस काफी कम ही होते हैं कि यह स्तन कैंसर का लक्षण है। क्योंकि ब्रेस्ट के उपर खुजली होना किसी और वजह से भी हो सकता है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌वैसे कई बार तो खुजली नोर्मल होती है और एक बार खुजलाने पर यह अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन कई बार यह खुजली काफी लंबे समय तक जारी रहती है। यदि ऐसा है तो फिर आपको शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌यदि आप उन महिलाओं मे से एक हैं जिनके स्तनों पर खुजली होती है तो आपको चिंता नहीं करनी चाहिए । खुजली की वजह से स्तनों पर यदि लालपन आ गया है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर आपको जोभी निर्देश देते हैं आपको उनका पालन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌यदि हम स्तन मे खुजली के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जोकि स्तन मे खुजली कर सकते हैं। यदि आप इनको दूर करते हैं तो आपके स्तनों की खुजली को कम किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌दोस्तों ब्रा कई तरह की होती है। कुछ ब्रा इस प्रकार की होती है कि यह स्तनों पर सूट नहीं करती है। और इनको पहनने से खुजली की समस्या हो सकती है।कॉटन, पॉलिस्टर, हौजरी, स्पैंडिक्स, सिल्क आदि से बनी ब्रा यदि आपको सूट नहीं करती है। तो आपको उनको नहीं पहनना चाहिए । यदि स्तनों मे खुजली की समस्या है ‌‌‌ तो आप ब्रा को बदल कर देख सकते हैं। हो सकता है कि खुजली की समस्या ब्रा की वजह से हो रही हो इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । एक सूती ब्रा का चुनाव करना भी एक अच्छा विचार हो सकता है क्योंकि यह खुजली पैदा नहीं करती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि हम स्तनों के अंदर खुजली की बात करें तो कुछ महिलाओं के स्तन सूर्य की रोशनी के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। और उनको सनर्बन की शिकायत हो सकती है। यदि ऐसा है तो इसकी वजह से स्तनों मे खुजली हो सकती है। आप खुद इसके बारे मे निगरानी करें कि धूप मे निकलने पर तो आपको कहीं यह ‌‌‌समस्या तो नहीं हो रही है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि सनर्बन की समस्या है तो इसके लिए अलग से क्रीम आती है। आप डॉक्टर की मदद ले सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा आप नहाने के लिए जोभी साबुन का इस्तेमाल करते हैं उसकी वजह से भी आपको समस्या हो सकती है। कई बार उस साबुन की वजह से एलर्जी हो सकती है। यदि आपको उस साबुन से एलर्जी है तो फिर आपको उस साबुन का यूज करना बंद कर देना चाहिए । क्या स्तनों मे खुजली साबुन लगाने के बाद होती है ? यदि इसका ‌‌‌ जवाब हां है तो आपको समझ जाना चाहिए कि स्तनों मे खुजली का कारण साबुन है और इसको बदलने मे ही आपको फायदा होगा ।
  • ‌‌‌गिली ब्रा को पहनने से आपको बचना चाहिए । यदि आप ब्रा को वाशिंग मशीन के अंदर धोते हैं तो उसको धूप मे सूखाना बहुत अधिक जरूरी होता  है। यदि ब्रा काफी गीली है तो उसको कभी भी नहीं पहनना चाहिए ब्रा का इस्तेमाल तभी करना चाहिए जब यह सूखी हो ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप गंदी ब्रा को पहनते हैं तो इसकी वजह से भी स्तनों के अंदर खुजली हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । गंदी ब्रा होने की वजह से कीटाणू पनप सकते हैं। पसीने की ब्रा आदि को नहीं पहनना चाहिए । यदि स्तनों मे कोई घाव है तो गंदी ब्रा की वजह से यह संक्रमित हो सकता है। और ‌‌‌इसकी वजह से भी स्तनों के अंदर खुजली हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । ‌‌‌इस तरह से डॉक्टर भी महिलाओं को यह सलाह देते हैं कि उनको ब्रा रोजाना ही धोना चाहिए । तभी उनके लिए काफी फायदेमंद होगा । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आप एक बच्चे को स्तनपान करवाती हैं तो इसकी वजह से भी स्तनों मे खुजली हो सकती है। स्तनपान की वजह से स्तनों की त्वचा सूखी और फट सकती है। और कई बार निपल्स फट जाते हैं जोकि स्तन कैंसर का संकेत भी हो सकता है।
  • एक्जिमा एक क्रॉनिक स्किन डिसीज है, जो स्तन पर सूजन के साथ सूखी और खुजली वाली त्वचा की वजह बन सकती है।Eczema शरीर के किसी भी हिस्से मे हो सकता है। यदि आपके स्तनों मे जलन है तो यह Eczema  का संकेत हो सकता है। यह 7 प्रकार का होता है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।
  • एटॉपिक डर्मेटाइटिस (Atopic dermatitis) आमतौर पर बच्चों के अंदर होता है। यदि बच्चे को यह हो जाता है तो इसके बचाव की मदद से इसको कंट्रोल कर सकते हैं। वैसे आपको बतादें कि इसका कोई इलाज नहीं है। यह अपने आप ही ठीक हो जाता है।
  • कान्टेक्ट डर्मेटाइटिस (Contact dermatitis) आमतौर पर किसी चीज के छूने से होता है। इसकी वजह से त्वचा के अंदर जलन हो सकती है। और खुजली हो सकती है। त्वचा के अंदर पपड़ी बन सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे कि साबुन, पेंट, जूलरी, परफ्यूम, स्किन केयर प्रॉडक्ट और सिगरेट आदि के उपयोग से।
  • डिसहाइड्रियॉटिक एक्जिमा (Dyshidrotic eczema) आमतौर पर पैर के तलवों और हाथों की हथेलियों के अंदर होता है। इसकी वजह से त्वचा पर छाले जैसे बन जाते हैं और खुजली होने लग जाती है। इनको पानी की थैली के नाम से भी जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । ‌‌‌यह समस्या खासतौर पर बदलते मौसम की वजह से होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • हैंड एक्जिमा (Hand eczema) सिर्फ हाथों मे ही होता है। यह जो समस्या है इसके अंदर हाथों मे खुजली हो सकती है जलन हो सकती है और त्वचा फट सकती है।और त्वचा लाल भी हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । हेयरड्रेसिंग, क्लिनिंग, हेल्थकेयर  की वजह से यह हो सकता है। इसलिए सुरक्षा के साधनों का ‌‌‌ यूज करना काफी फायदेमंद हो सकता है।
  • स्टैटिस डर्मेटाइटिस (Stasis dermatitis) तब होता है जब आपके नसों से द्रव बाहर निकलने लग जाता है। इसकी वजह से आपके पैरों के निचले हिस्से के अंदर सूजन आ जाता है। यदि आपको इस प्रकार की कोई समस्या है तो एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं उसका पालन करें । इस द्रव में सूजन, लालिमा, खुजली और दर्द होता है।

‌‌‌इस तरह से यदि आपको स्तनों मे खुजली होती है तो यह एक मात्र कैंसर का कारण नहीं है। इसके और भी बहुत सारे कारण होते हैं। और इन कारणों के बारे मे हम आपको उपर बता चुके हैं। यदि आपको बाकि कोई लक्षण नहीं हैं तो फिर यह एक अन्य समस्या का भी संकेत हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।

‌‌‌स्तन मे नीचे की तरफ सख्त गांठ जैसा महसूस होना

दोस्तों स्तन कैंसर का एक लक्षण यह भी होता है कि स्तन के अंदर गांठ जैसा महसूस होता है। मतलब ऐसा लगता है कि आपके स्तन मे गांठ हो गई है। यदि आपको गांठ का एहसास होता है तो उसके बाद आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो ‌‌‌निर्देश देता है उसका आपको पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय

                               ‌‌‌ब्रेस्ट कैंसर की यदि हम बात करें तो ब्रेस्ट कैंसर काफी डेंजर होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । ब्रेस्ट कैंसर से बचने का कोई सीधा उपाय नहीं है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन कुछ चीजें हैं जिनकी मदद से आप जोखिम को कम कर सकते है।। ‌‌‌यदि आपको ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कम करना है तो आप कुछ चीजों को फोलो कर सकते हैं। जिसकी मदद से ब्रेस्ट कैंसर को कम कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। तो आइए जानते हैं कुछ टिप्स के बारे मे जिनकी मदद से ब्रेस्ट कैंसर को कम किया जा सकता है।

‌‌‌लहसुन का सेवन अधिक करें

‌‌‌दोस्तों लहसुन के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। लहसुन काफी फायदेमंद होती हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । लहसुन हर घर के अंदर बहुत ही आसानी से मिल जाती है। और लहसुन सब्जी वैगरह के अंदर मसाले के तौर पर प्रयोग की जाती है। यह सब्जी का स्वाद बढ़ाने के लिए ही प्रयोग ‌‌‌ मे नहीं ली जाती है। इसके अलावा भी यह काफी उपयोगी होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसका उपयोग औषधियों के रूप मे भी किया जाता है। इसके बारे मे  आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि लहसुन का उपयोग कई तरह की बीमारियों के उपचार मे किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

शोध में पाया गया है कि लहसुन में कई प्रकार के ऐसे यौगिक और एंटी-ऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो इंसानों में गंभीर कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।

‌‌‌यदि आप भी स्तन कैंसर के खतरें को कम करना चाहते हैं तो लहसुन का सेवन करें। लहसुन का सेवन करना आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। अब रही बात लहसुन के सेवन करने की तो आप कई तरीके से लहसुन का सेवन कर सकते हैं। सबसे पहला तरीका यह है कि आप सीधे ही लहसुन की कलियों को चबा कर खा सकते हैं। ‌‌‌वैसे देखा जाए तो यह तरीका मुझे भी काफी अच्छा लगा लेकिन यदि आपको ऐसा करना काफी खराब लगता है तो फिर आप कोई दूसरा तरीका अपना सकते हैं ।आप इसको सब्जी के अंदर डालकर भी खा सकते हैं।

अध्ययन में दक्षिण कैरोलिना के मेडिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बताया कि लहसुन में पाए जाने वाला ऑर्गेनो-सल्फर यौगिक, ग्लियोब्लास्टोमास  पाया जाता है जोकि ब्रेन कैंसर के विकास को रोकने मे भी काफी प्रभावी हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

लहसुन में तीन प्रभावी ऑर्गेनो-सल्फर यौगिक होते हैं जोकि दिमाग के कैंसर विकास को रोकने का काम भी करते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा आपको बतादें कि वैज्ञानिक रिसर्च मे यह बात सामने आई है कि फेफड़ों के कैंसर को कम करने के लिए भी लहसुन काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌इस तरह से लहसुन का सेवन आपको सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर से ही नहीं बचाता है वरन यह आपके अन्य कई तरह के कैंसर से बचाने का काम करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌प्याज का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कम होता है

‌‌‌दोस्तों प्याज के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। यह शरीर को ठंडक प्रदान करने का काम करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन इसकी खास बात यह है कि यह कैंसर को कम करने का काम करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌कैंसर जैसी भयंकर बीमारी से बचाने के लिए प्याज एक मात्र सहारा हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌आपको बतादें कि प्याज के अंदर एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जोकि फ्री रेडिकल्स को रोकने का काम करते हैं। इस तरह से यह कैंसर के अंदर काफी उपयोगी हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

कार्सिजेनिक जैसे तत्व को रोकने का काम यह करते हैं। यदि आप प्याज का सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर के अंदर कार्सिजेनिक  नहीं बढ़ पाएंगे । जिससे कि  कैंसर होने का खतरा काफी कम हो जाएगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

प्याज का सेवन करने से कोलोन कैंसर का खतरा 56 प्रतिशत और ब्रैस्ट कैंसर का खतरा 25 प्रतिशत कम हो जाता है यह बात एक वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर साबित हो चुकी है। इसलिए यदि आप ब्रेस्ट कैंसर के अलावा अन्य कैंसर के खतरे को कम करना चाहते हैं तो फिर आपको प्याज का सेवन करें ।

कैंसर, किडनी का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर, ईसोफेगल कैंसर, ओरल कैंसर, ओवरी कैंसर आदि सभी तरह के कैंसर को कम करने के लिए प्याज काफी फायदेमंद होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आप प्याज की मदद से कैंसर की संभावना को कम करना चाहते हैं तो आपको चाहिए कि आप

‌‌‌ प्याज को कच्चा अधिक खाएं । प्याज को काट लें और उसके बाद कुछ समय के लिए उसे हवा के अंदर रखदें और उसके बाद आप उसे खा सकते हैं। यह कैंसर के खतरे को कम कर देगा । आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

‌‌‌अदरक के फायदे कैंसर के अंदर

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि अदरक स्वाद को बेहतर बनाने के लिए प्रयोग मे ली जाती है। इसका प्रयोग खासतौर पर चाय के अंदर सर्दियों मे किया जाता है। सर्दियों मे अदरक वाली चाय हर किसी को पसंद आती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । ‌‌‌वैसे अदरक हर घर के अंदर आपको बहुत ही आसानी से मिल जाती है। इसके बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं तो अदरक का फायदा सिर्फ इतना ही नहीं है कि यह स्वाद को बढ़ाने का काम करती है। यह ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करने का काम भी करती है।

‌‌‌यह गर्भाश्य कैंसर और स्तन कैंसर के अंदर खासतौर पर काफी फायदेमंद होती है। यह कैंसर कोशिकाओं को ब्लॉक कर  देती है। जिससे कि कैंसर आगे नहीं फैल पाता है। इसके बारे मे आप समझ सकते हैं कि यह किस तरह से फायदेमंद होती है।

‌‌‌वैज्ञानिक रिसर्च मे यह बात सामने आई है कि आप अदरक को अपनी डाइट के अंदर शामिल कर सकते हैं जिससे कि बढ़ते टयूमर को रोका जा सकता है। और यह सिर्फ कैंसर कोशिकाओं के लिए उपयोगी होती है। बाकि किसी के लिए भी उपयोगी नहीं होती है। आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि अदरक के अंदर कैंसर को कम करने के गुण मौजूद होते हैं। यदि हम अदरक के सेवन की बात करें तो आप इसके रस को निकाल कर पी सकते हैं और चाय के अंदर भी इसका प्रयोग कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌ग्रीन टी के फायदे कैंसर के लिए

‌‌‌दोस्तों जब बात आती है चाय की तो यहां पर काफी स्वादिष्ट चाय बनती है। और हर धर के अंदर चाय तो कम से कम पी ही जाती है। दूध वाली चाय की बजाय यदि आप ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो यह भी आपके लिए काफी फायदेमंद होती है। ‌‌‌ जैसा कि आपको पता ही होगा कि चाय के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। उसी प्रकार से ग्रीन टी के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। यदि आप ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो इसके अपने ही फायदे होते हैं। सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि यह आपको कैंसर से बचाने का काम भी करती है। इसके अंदर कई एंटी-ऑक्सीडेंट्स और बायोएक्टिव कंपाउंड्स मौजूद होते हैं जो हमारी बॉडी पर बेहतरीन प्रभाव डालते हैं।

‌‌‌यदि आप कम मात्रा मे ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद होती है। लेकिन यदि आप अधिक मात्रा मे ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

‌‌‌ग्रीन टी के सिर्फ इतने ही फायदे नहीं हैं। इसके अलावा भी कई सारे फायदे होते हैं जोकि ग्रीन टी से आपको मिलते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।प्रोस्टेट कैंसर  के खतरे को कम करने का काम भी ग्रीन टी करती है। करता है। यह एक वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर साफ हो चुका है कि ‌‌‌जो पुरूष ग्रीन टी का सेवन करते हैं उनके अंदर प्रोटेस्ट कैंसर होने का खतरा 42 फीसदी कम होता है। तो देर किस बात की आज ही दुकान से ग्रीन टी का पैकेट खरीदें और उसके बाद इसे बनाना शूरू करें ।

‌‌‌इसके अलावा आपको बतादें कि यह मधुमेह के अंदर भी काफी उपयोगी होती है। यह इंसूलीन के स्तर के अंदर सुधार करने का काम करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌आपको बतादें कि महिलाओं को रोजाना ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए । यह स्तन कैंसर होने का खतरा 20 से 30 प्रतिशत तक कम होता है. ग्रीन टी में पाए जाने वाले कंपाउंड्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स कई तरह के कैंसर के खतरे को कम करने में काफी उपयोगी माने जाते हैं।

अंगूर कैंसर के विकास को रोकते हैं

‌‌‌दोस्तों आप अंगूर के बारे मे जानते ही हैं। और अंगूर कई बार आपने खाये भी होंगे अंगूर काफी स्वादिष्ट होते हैं। लेकिन आपको बतादें कि एक वैज्ञानिक रिसर्च मे यह बात सामने आई है कि अंगूर स्तन कैंसर के खतरे को काफी कम कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

अंगूर में प्राकृतिक रसायन होते हैं जोकि कैंसर के विकास को कम करता है। असल मे अमेरिकी जनरल के अंदर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार यदि अंगूर के बीज का सेवन किया जाता है तो इससे कैंसर के विकास की संभावना काफी कम हो जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

अंगूर के बीज में पाया जाने वाला जेएनके प्रोटीन, कैंसर कोशिकाओं को नियंत्रित करने का काम करता है। इसके अलावा आपको बतादें कि अंगूर टीऑक्सिडेंट से भरपूर अंगूर में ग्लूकोज, मैग्नीशियम और साइट्रिक एसिड होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट  तत्व इसके अंदर होने की वजह से यह काफी फायदेमंद होता है। इसके बारे मे आपको ‌‌‌पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌यदि आप अंगूर का निरंतर सेवन करते हैं तो इससे कैंसर कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने के चांस काफी कम हो जाते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं ।

‌‌‌रही बात अंगूर को खाने की तो आप बाजार से अंगूर को खरीद लाएं और उनको साफ करने के बाद आप उनका सेवन कर सकते हैं। यह आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा अंगूर से किशमिश  बनता है वह भी कैंसर के विकास को कम करने का काम करता है। अंगूर से बनी वाइन का भी आप सेवन कर सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं।

सोंठ का सेवन कैंसर मे फायदेमंद

सोंठ के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। यह एक तरह से मसाले के रूप मे प्रयोग मे ली जाती है। इसके बारे मे आपको अधिक बताने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन यह कैंसर जैसी बीमारी के अंदर काफी फायदेमंद होती है।

सूखी अदरक को सोंठ कहते हैं और पीसी हुई सोंठ को सोंठ पाउडर के नाम से जाना जाता है। हालांकि इसकी जो तासीर होती है वह गर्म होती है। इसकी वजह से इसको कम ही मात्रा मे सेवन करना चाहिए नहीं तो यह आपके लिए काफी हानिकारक हो सकती है।

सूखी अदरक यानी सोंठ पाचन में सुधार करके वजन घटाने में मदद करता है। वैसे आपको बतादें कि आप सोंठ का सेवन करते हैं तो यह सबसे अधिक वजन को घटाने के लिए प्रयोग मे ली जाती है। इसका सेवन करने से भूख नहीं लगती है जिससे कि इंसान का वजन घट जाता है।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।