आईसक्रीम बेचकर खड़ी की 700 करोड़ की कम्पनी ice cream business success story

यह सही बात है कि जो लोग कछुए की चाल चलते रहते हैं।वो एक दिन जरूर सफल हो जाते हैं।और जो लोग खरगोश की तरह तुरन्त ही सफल होना चाहते हैं वो सही मायने मे कभी भी सफल नहीं हो पाते हैं।

‌‌‌लुधियाना की रहने वाली रजनी ने ‌‌‌आईसक्रीम से करोड़पति बनने का सपना पूरा करके यह कर दिया कीअगर इरादों मे दम हो तो कोई भी काम impossible नहीं है।उन्होंने जब अपने काम की शूरूआत की थी तब उनकी होबी थी।जिसके चलते वे बेहतरीन‌‌‌ आईसक्रीम बनाया करती थी।और सब उनकी ‌‌‌आईसक्रीम की तारिफ करते थे।

‌‌‌इसी के चलते एक दिन घर केअंदर आईसक्रिम बनाने का विचार आया और‌‌‌ 1978 के अंदर उन्होने आईसकी्रम बनाने की शूरूआत की थी। और वे रोजाना 15 घंटे तक काम करती थी।  फिर जब उनको कुछ सफलता मिली तो‌‌‌ आईसक्रीम बनाने वाली मशीन खरीद ली। उनकी‌‌‌ आईसक्रीम के अंदर एक चीज सबसे खास थी।

और वोथी क्वालिटि जिसके साथ उन्होने कभी समझोता नहीं किया ।कभी भी काम को अपने स्टाप कर नही छोड़ा वरन बहुत सा काम वे  ‌‌‌खुद ही करती थी। उस समय उनके बच्चे भी छोटे थे और वो रात के अंदर काम करती थी।उनकी बनाई ‌‌‌आईसक्रीम सबसे अधिक खासथी। यही वजह रही की धीरेधीरे वेअकेली पुरूष समाज केअंदर काफी फेंमस हो गयी ।

‌‌‌बहुत से लोग उनका विरोध भी करते थे लेकिन उनके पति और घरवालों ने उनका पूरा साथ दिया और सन 1988 केअंदर ब्रेडबनाने वाली ईकाई 20 लाख का लोन लेकर स्थापित की ।और इसतरह से बेक्टर्स क्रेमिका की शूरूआत हुई जोकि1991 तक आतेआते काफी बड़ा रूपले चुकी थी।

‌‌‌उन्होंने अपने उत्पादों की क्वािलटि को बनाए रखा और सन 1996 केअंदर उनकी कम्पनी के साथ मैक्डॉनल्ड ने हाथ मिलाया ।सन 2008 केअंदर मेयोनेज निर्यात करने वाली पहली कम्पनी बन गई। औरसन 2011 केअंदर फूडसर्विसेज की सबसे बड़ी सप्लार्यस बन गई।

‌‌‌रजनी सीधी सादी महिला है।उसके तीन बच्चे हैं।उनका जन्म तो वैसे करांची केअंदर हुआ था। लेकिन बाद मे वे भारतआकर बस गई।  उनके अनुसार वे जब बच्ची थी। तो उनके हमेशा से यही तमन्ना रहती थी किवे सबसे बेस्ट करेगी। औरआज उनकी तमन्ना सच हो गई है।

‌‌‌घर पर शूरू किया गया रजनी का यह छोटा बिजनेस आज700 करोड़ का हो गया है।

मेरा इस कहानी को बतानेका मतलब है दोस्तों याद रखें बड़ी सफलता पाने के लिए आपको अधिक समयतो लगेगा ही जैसा की रजनी दीदी केसाथ हुआ। उन्होंने काफी समय तक अपनेआंगन मे बनी आईसक्रीम को बाजारों मे जा जा कर बेचा ।

‌‌‌और धीरे धीरे जब उनकी बनाई आईसकी्रम एक ब्रांड के तौर पर लोकप्रिय हो गई तो उनके पास काम बढ़ गया इसलिए उन्हें वर्कर रखने पड़े।

‌‌‌सीख – सफलता पाने के लिए हमेशा दूसरों से बेहतर करने की कोशिश करो

‌‌‌इस रियल सक्सेस स्टोरी से पहली सीख हमे यह मिलती है कि हमे सफलता पाने के लिए हमेशा दूसरों से बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए । सोचो जरा यदि रजनी दीदी अन्य आईसक्रम वालों से हटकर आईसकी्रम नहीं बनाती तों क्या वह सफल हो पाती । इसका एक ही जवाब है कभी नहीं।

‌‌‌क्वालिटी के साथ समझोता मत करो

‌‌‌दुसरी सीख हमे मिलती है कि हमे अपने उत्पाद की क्वालिटी से समझोता नहीं करना चाहिए ।यदि आप लो क्वालिटी का उत्पाद बनाते हैं।या किसी कस्टमर को बेच देते हैं तो जाहिर सीबात है वह आपके पास एक बार तो आ जाएगा किंतु दुबारा नहीं आएगा।

‌‌‌किंतु रजनी दीदी ने कभी भी आईसक्रीम की क्वालीटी के साथ समझोता नहीं किया ।यही वजह रही की लोगों को उनकी बनाई आईसक्रीम बढिया लगी तो वह लोकप्रिय होती चली गई।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।